लखनऊ : मुख्यमंत्री के सदन में आने से पहले समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने वाकआउट किया. वाराणसी में अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर सपा के सदस्य हंगामा कर रहे थे. सपा का आरोप था कि आज वाराणसी में सिंधी समाज के लोगों के साथ हो रहे अत्याचार हो रहा है. जिसके बारे में आशुतोष सिन्हा ने सदन को अवगत कराया और सरकार से असंतुष्ट होकर इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने बहिर्गमन किया. इस दौरान सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने उनसे नियम का पालन करने को कहा, लेकिन वे नहीं माने मुख्यमंत्री योगी के आने से कुछ देर पहले ही निकल गए.
इसके बाद में समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार वाराणसी में लोगों का अतिक्रमण के नाम पर शोषण कर रही है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि विधान परिषद में ज़ब इस मुद्दे को उठाने के लिए व्यवस्था का प्रश्न किया गया तो सभापति ने बात सुनने से इंकार कर दिया है. इसलिए सपा ने वाकआउट किया है. सरकार वाराणसी में सिंधी समाज पर अत्याचार कर रही है. कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. इसलिए सदन छोड़ दिया. मुख्यमंत्री का वक्तव्य ज़ब सदन में शुरू हुआ तो सपा का कोई सदस्य मौजूद नहीं था. इनकी गैरमौजूदगी में ही सदन में योगी ने बोलना शुरू किया गया. अपने वक्तव्य के दौरान उन्होंने कहा कि जो समस्याओं के समाधान में भाग नहीं ले सकते हैं, वे भाग गए हैं... मुख्यमंत्री के इस वक्तव्य पर सदन में मौजूद सदस्यों ने मेज थपथपा कर इस बयान का स्वागत किया.
विधान परिषद से समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने दिनभर के लिए वॉकआउट कर दिया. योगी ने कहा, "ये लोग प्रदेश के बच्चों के हक को हड़प जाते थे. तब आपको जाति नहीं याद आती थी क्या? तुलसीदास जी ने मध्यकाल में ही कहा था कि मेरा एक ही राजा है, राजा राम. उत्तर प्रदेश में जिन्होंने राम को कोसा था और कहते थे कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता. उन्हें जनता ने कहां पहुंचा दिया, देख सकते हैं. अच्छा होता वो चर्चा में भाग लेते, लेकिन वो भाग खड़े हुए.''