लखनऊ: यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में समाजवादी पार्टी के विधायक काले कपड़े पहनकर शामिल होंगे. इसके जरिए सभी सपा विधायक सदन की नई नियमावली का विरोध करेंगे. नई नियमावली विधानसभा के इस सत्र से लागू की जा रही है. इसका सपा विरोध कर रही है. नई नियमावली के तहत उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों के वेल में आने पर रोक लगा दी गई है. जिसका विरोध समाजवादी पार्टी इस तरीके से करेगी.
इसको लेकर सपा महासचिव शिवपाल यादव ने एक्स पर लिखा है कि बिजली, पानी, सड़क के मोर्चे पर सरकार असफल है. ‘खेती, किसानी और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कोई काम नहीं हो रहा है. सरकार सदन में संवाद नहीं करना चाहती है. सदन चलाने से सरकार बचना चाहती है. सपा नेता के बयान को लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि समाजवादी पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं है और वह बेवजह के बयान देते रहते हैं. समाजवादी पार्टी अब पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की प्रतिमा लगाने का प्रयास कर रही है. क्योंकि, उनको लगता है कि इससे पिछड़े वर्ग का वोट उनको मिलेगा. मगर जब पांच साल तक उनकी सरकार उत्तर प्रदेश में थी, तब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की प्रतिमा क्यों नहीं लगाई थी.
नई नियमावली के तहत उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदन में शक्ति प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है. कोई भी विधायक अब सदन में बाहर निकाल कर प्रदर्शन नहीं कर सकेगा. काला झंडा प्ले कार्ड लेकर नहीं आ सकेगा. इसके अलावा मोबाइल के उपयोग को भी प्रतिबंधित किया जा रहा है, जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के विधायकों की पार्टी कार्यालय में सुबह बैठक हुई और निर्णय लिया गया कि सभी विधायक काली पोशाक या कोट पहनकर सदन में चलेंगे और नई नियमावली का इस आधार पर विरोध किया जाएगा.