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अखिलेश यादव ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाया मरहम

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कोई भी राजनीतिक दल कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है. समाजवादी पार्टी ने रूठे हुए और बिछुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ने का अभियान चला रखा है. इसी क्रम में सपा ने कभी विरोध का सुर मुखर करने पर पूर्व विधायक रामपाल यादव को जख्म देने के बाद अब पार्टी में शामिल कराया है.

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Published : Mar 22, 2023, 5:07 PM IST

अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .

लखनऊ : एक तरफ समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी पर यह आरोप लगाती है कि किसी भी पार्टी का कोई भी नेता चाहे जितना करप्ट क्यों न हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते ही उसके सारे पाप धुल जाते हैं. वह गंगा की तरह पवित्र हो जाता है, लेकिन समाजवादी पार्टी के यही आरोप अब उसी पर भारी पड़ रहे हैं. वजह है कि अपने मुख्यमंत्रित्व काल में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने जिस विधायक रामपाल यादव की संपत्ति तहस-नहस करवाई थी, उसी नेता को एक बार फिर गले लगाते हुए पार्टी में वापस ले लिया है.

अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .
अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .


बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक रामपाल यादव शिवपाल सिंह यादव का काफी खास हैं. इसलिए जब शिवपाल यादव की समाजवादी पार्टी में वापसी हो गई तो उनके खास रहे रामपाल यादव को भी पार्टी में अखिलेश यादव ने वापस ले लिया है. समाजवादी पार्टी ने उन्हें गले लगाया है और धीरे-धीरे करके अन्य समाजवादी पार्टी से दूर हुए नेताओं की भी घर वापसी कराने की प्लानिंग की गई है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2016 में मार्च अप्रैल महीने में सीतापुर से समाजवादी पार्टी के तत्कालीन विधायक रामपाल यादव के खिलाफ जमकर कार्यवाही हुई थी.

अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .
अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .


दरअसल यह सब कार्यवाही इसलिए हुई थी कि शिवपाल सिंह यादव के करीबी रहे रामपाल यादव ने सीतापुर जिले में मुस्लिम समाज को उचित प्रतिनिधित्व न मिलने पर आरोप लगाते हुए मुस्लिम सम्मेलन करने का ऐलान कर दिया था. सीतापुर जिले में स्पर्श होटल में रामपाल यादव और उस समय के समाजवादी पार्टी के सीतापुर जिलाध्यक्ष शमीम कौसर सिद्दीकी के साथ उन्होंने मुस्लिम सम्मेलन करने का ऐलान किया था और यह बात सामने आई थी कि समाजवादी पार्टी सरकार में मुस्लिम समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है. ऐसे में जब समाजवादी पार्टी सरकार में मुस्लिम समाज की उपेक्षा के आरोप लगाते हुए मुस्लिम सम्मेलन का ऐलान किया गया तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनसे नाराज हो गए.

अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .
अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .

वहीं दूसरी तरफ यही वह समय था जब शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच भी दूरियां बढ़ रही थीं. ऐसे में जब शिवपाल के करीबी रामपाल यादव ने मुस्लिम सम्मेलन करने के बारे में ऐलान किया तो अखिलेश यादव से काफी नाराज हो गए और उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन यह बात नहीं बनी और उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की कार्यवाही की गई. राजधानी लखनऊ के जियामऊ स्थित एक अपार्टमेंट और सीतापुर स्थित उनकी एक अवैध प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाने की कार्यवाही हुई थी बात यहीं नहीं रुकी समाजवादी पार्टी के विधायक रामपाल यादव के खिलाफ दर्ज की गई और उन्हें जेल भेज दिया गया. इसके बाद रामपाल यादव को समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. कुछ समय बाद रामपाल यादव बहुजन समाज पार्टी और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए, लेकिन उनका सियासी समायोजन नहीं हो पाया. जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के समय भी वह अपने परिवार से जिला पंचायत अध्यक्ष बनाना चाहते थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया.

अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .
अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .


अब कुछ समय पहले जब मैनपुरी उप चुनाव के दौरान शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के करीब आए. ऐतिहासिक जीत हुई तो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी में विलय करा दिया. शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के पुराने नेताओं की घर वापसी कराने का जिम्मा सौंपा है. इन्हीं परिस्थितियों के बाद सीतापुर के पूर्व विधायक रामपाल यादव की भी घर वापसी कराई गई है. पिछले दिनों महमूदाबाद में आयोजित कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने रामपाल यादव को पार्टी में शामिल कराने की औपचारिकता पूरी की है.


समाजवादी पार्टी के विधायक व प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा कहते हैं कि पार्टी के जितने भी पुराने नेता समाजवादी पार्टी से किन्ही वजह से अलग हुए थे उन सब को वापस लाने का काम शुरू कर दिया गया है. रामपाल यादव को भी समाजवादी पार्टी में शामिल कराया गया है. सभी पुराने लोगों की वापसी कराकर समाजवादी पार्टी को मजबूत करने का सिलसिला तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा. राजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार सुरेश यादव कहते हैं कि सीतापुर से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे रामपाल यादव शिवपाल सिंह यादव के करीबी रहे हैं. वर्ष 2016 में कुछ परिस्थितियों के कारण उनके खिलाफ कार्यवाही हुई थी. उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें जेल भिजवाने का भी काम किया था. उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की कार्यवाही हुई थी. अब जब पार्टी में वापस आ चुके हैं, पार्टी में राष्ट्रीय जिम्मेदारी दी गई है. शिवपाल सिंह यादव पुराने नेताओं की घर वापसी करा कर समाजवादी पार्टी को मजबूत कर रहे हैं. इसी क्रम में रामपाल यादव को भी अखिलेश यादव ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई है. राजनीति में समय और परिस्थितियों के अनुसार फैसले लिए जाते हैं.

यह भी पढ़ें : सैकड़ों ड्राइवरों को ट्रेनिंग में मिलने वाले एडवांस पैसे का नहीं हुआ भुगतान, चालक परेशान

अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .

लखनऊ : एक तरफ समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी पर यह आरोप लगाती है कि किसी भी पार्टी का कोई भी नेता चाहे जितना करप्ट क्यों न हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते ही उसके सारे पाप धुल जाते हैं. वह गंगा की तरह पवित्र हो जाता है, लेकिन समाजवादी पार्टी के यही आरोप अब उसी पर भारी पड़ रहे हैं. वजह है कि अपने मुख्यमंत्रित्व काल में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने जिस विधायक रामपाल यादव की संपत्ति तहस-नहस करवाई थी, उसी नेता को एक बार फिर गले लगाते हुए पार्टी में वापस ले लिया है.

अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .
अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .


बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक रामपाल यादव शिवपाल सिंह यादव का काफी खास हैं. इसलिए जब शिवपाल यादव की समाजवादी पार्टी में वापसी हो गई तो उनके खास रहे रामपाल यादव को भी पार्टी में अखिलेश यादव ने वापस ले लिया है. समाजवादी पार्टी ने उन्हें गले लगाया है और धीरे-धीरे करके अन्य समाजवादी पार्टी से दूर हुए नेताओं की भी घर वापसी कराने की प्लानिंग की गई है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2016 में मार्च अप्रैल महीने में सीतापुर से समाजवादी पार्टी के तत्कालीन विधायक रामपाल यादव के खिलाफ जमकर कार्यवाही हुई थी.

अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .
अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .


दरअसल यह सब कार्यवाही इसलिए हुई थी कि शिवपाल सिंह यादव के करीबी रहे रामपाल यादव ने सीतापुर जिले में मुस्लिम समाज को उचित प्रतिनिधित्व न मिलने पर आरोप लगाते हुए मुस्लिम सम्मेलन करने का ऐलान कर दिया था. सीतापुर जिले में स्पर्श होटल में रामपाल यादव और उस समय के समाजवादी पार्टी के सीतापुर जिलाध्यक्ष शमीम कौसर सिद्दीकी के साथ उन्होंने मुस्लिम सम्मेलन करने का ऐलान किया था और यह बात सामने आई थी कि समाजवादी पार्टी सरकार में मुस्लिम समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है. ऐसे में जब समाजवादी पार्टी सरकार में मुस्लिम समाज की उपेक्षा के आरोप लगाते हुए मुस्लिम सम्मेलन का ऐलान किया गया तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनसे नाराज हो गए.

अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .
अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .

वहीं दूसरी तरफ यही वह समय था जब शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच भी दूरियां बढ़ रही थीं. ऐसे में जब शिवपाल के करीबी रामपाल यादव ने मुस्लिम सम्मेलन करने के बारे में ऐलान किया तो अखिलेश यादव से काफी नाराज हो गए और उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन यह बात नहीं बनी और उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की कार्यवाही की गई. राजधानी लखनऊ के जियामऊ स्थित एक अपार्टमेंट और सीतापुर स्थित उनकी एक अवैध प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाने की कार्यवाही हुई थी बात यहीं नहीं रुकी समाजवादी पार्टी के विधायक रामपाल यादव के खिलाफ दर्ज की गई और उन्हें जेल भेज दिया गया. इसके बाद रामपाल यादव को समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. कुछ समय बाद रामपाल यादव बहुजन समाज पार्टी और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए, लेकिन उनका सियासी समायोजन नहीं हो पाया. जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के समय भी वह अपने परिवार से जिला पंचायत अध्यक्ष बनाना चाहते थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया.

अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .
अखिलेश ने जिस विधायक को दिए थे गहरे जख्म, पार्टी में वापसी करा कर लगाएंगे मरहम .


अब कुछ समय पहले जब मैनपुरी उप चुनाव के दौरान शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के करीब आए. ऐतिहासिक जीत हुई तो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी में विलय करा दिया. शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के पुराने नेताओं की घर वापसी कराने का जिम्मा सौंपा है. इन्हीं परिस्थितियों के बाद सीतापुर के पूर्व विधायक रामपाल यादव की भी घर वापसी कराई गई है. पिछले दिनों महमूदाबाद में आयोजित कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने रामपाल यादव को पार्टी में शामिल कराने की औपचारिकता पूरी की है.


समाजवादी पार्टी के विधायक व प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा कहते हैं कि पार्टी के जितने भी पुराने नेता समाजवादी पार्टी से किन्ही वजह से अलग हुए थे उन सब को वापस लाने का काम शुरू कर दिया गया है. रामपाल यादव को भी समाजवादी पार्टी में शामिल कराया गया है. सभी पुराने लोगों की वापसी कराकर समाजवादी पार्टी को मजबूत करने का सिलसिला तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा. राजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार सुरेश यादव कहते हैं कि सीतापुर से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे रामपाल यादव शिवपाल सिंह यादव के करीबी रहे हैं. वर्ष 2016 में कुछ परिस्थितियों के कारण उनके खिलाफ कार्यवाही हुई थी. उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें जेल भिजवाने का भी काम किया था. उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की कार्यवाही हुई थी. अब जब पार्टी में वापस आ चुके हैं, पार्टी में राष्ट्रीय जिम्मेदारी दी गई है. शिवपाल सिंह यादव पुराने नेताओं की घर वापसी करा कर समाजवादी पार्टी को मजबूत कर रहे हैं. इसी क्रम में रामपाल यादव को भी अखिलेश यादव ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई है. राजनीति में समय और परिस्थितियों के अनुसार फैसले लिए जाते हैं.

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