लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Samajwadi Party National President Akhilesh Yadav) ने कहा कि भाजपा की सत्ता लोलुपता के चलते कहीं भी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सम्भव नहीं है. पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से भाजपा कार्यकर्ता बनकर काम कर रहा है. लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में भाजपा ने धांधली से जीतने की तैयारी में मतदाताओं को स्वतंत्र रूप से मतदान नहीं करने दिया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत सरकार को सभी स्थितियों से पहले ही अवगत कराया गया, लेकिन जिस तत्परता से कार्यवाही अपेक्षित थी, वह नहीं हुई है. लोकतंत्र के लिए यह खतरे की घंटी है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party National President Akhilesh Yadav) ने गुरूवार को जारी बयान में कहा कि विधानसभा क्षेत्र 139 गोला गोकर्ण नाथ के मतदान स्थल के बूथ प्रभारी पूर्व प्रधान जुबेर व हरिनगर के पूर्व प्रधान मेजर सिंह बिट्टू को पुलिस बेवजह पकड़ कर ले गई. इसी क्षेत्र के ग्राम लालापुर, मदनपुर, लक्ष्मणजती के पोलिंग स्टेशन पर भाजपा समर्थकों ने कब्जा कर मुस्लिमों व समाजवादी पार्टी के मतदाताओं तथा बूथ प्रभारियों को वहां से भगा दिया है. उन्होंने कहा कि उक्त विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 324, 325, 326 रामपुर के संबन्धित गांव के मतदाताओं पर अनावश्यक पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे मतदान बाधित हुआ. मतदाता डरे रहे हैं. इसी क्षेत्र के बूथ संख्या 260-261-262 में बीएलओ ने मतदान करने के लिए पर्ची नहीं बांटी. आधारकार्ड और वोटर आईडी दिखाने के बावजूद मतदाताओं को अधिकारियों ने मतदान नहीं करने दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि इसकी भी जांच हो कि अपनी गाड़ी में पैसों से भरे लिफाफे लेकर भाजपा विधायक क्यों घूमते रहे? मोहम्मदी विधानसभा से भाजपा विधायक ने सिकन्दराबाद से बूथ संख्या 333, 334, 337 पर घूम-घूमकर मतदान को प्रभावित करने का प्रयास किया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और मतदाताओं के साथ मारपीट की है. कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम में खराबी से मतदान देर तक बाधित रहा है.
उन्होंने कहा कि गोला गोकर्ण नाथ विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को अभूतपूर्व जनसमर्थन मिलते दिखा तो भाजपा पहले ही अपनी हार मानकर बौखला गई. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को जबरन उठाकर जेलों में बंद कर दिया गया है.
मतदाताओं को सुगमतापूर्वक मतदान का अवसर प्रदान कर भयमुक्त और निष्पक्ष मतदान कराने का संवैधानिक दायित्व भारत निर्वाचन आयोग का है, जबकि संबन्धित पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने में विफलता दिखाई दी है. निर्वाचन आयोग की साख पर इससे सवाल उठना स्वाभाविक है. आखिर निर्वाचन आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में क्यों सक्षम नहीं हो पा रहा है?
यह भी पढ़ें : काशी के इन परिवारों के लिए खुशियों का उजाला लेकर आया देव दीपावली का पर्व, जानिए कैसे