लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Samajwadi Party National President Akhilesh Yadav) ने कहा है कि लाख प्रयासों के बावजूद भाजपा सरकार जब उत्तर प्रदेश में निवेश के नाम पर कुछ नहीं जुटा पाई तो अब जनता को गुमराह करने के लिए विदेशों का रंगीन सपना दिखाने में लग गई है. साढ़े पांच साल से ऊपर भाजपा को सत्ता में रहते हो गया, कई-कई बार इन्वेस्टमेंट समिट करने में पूरी ताकत लगा देने के बाद भी नतीजा शून्य रहा. जनता पूछती है कि जब देश के उद्योगपति उत्तर प्रदेश में नहीं आ रहे हैं तो सुदूर देशों से कौन उद्यमी यहां आने की सोचेगा?
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि ऐसा लगता है कि अब भाजपा नेता भी जान गए हैं कि भाजपा दिन गुजार कर चली जायेगी. तमाम वादों की हकीकत लोग जान गए हैं ऐसे में भाजपा के अच्छे दिन आने वाले नहीं हैं. भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने इसलिए अब विदेश यात्रा का प्लान बना लिया है, उनका हवा पानी बदल जाएगा. कुछ सैर सपाटा भी हो जायेगा. परेशान हाल प्रदेश की जनता की शिकायतों से भी पिंड छूट जाएगा.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पूरे सरकारी अमले के साथ विदेशी निवेशकों और कम्पनियों को आमंत्रित करेंगे. इससे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की भूमिका बनाएंगे जो लखनऊ में सन् 2023 में होगी. मुख्यमंत्री लंदन, न्यूयॉर्क, डलेस, शिकागो, सैनफ्रांसिसको की यात्रा करेंगे. उनके दो उपमुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के कई सदस्य भी इस दौरे में जाएंगे. मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के अलावा दो दर्जन से ज्यादा आईएएस, वेस्ट यूपी के अधिकारी और कुछ उनके सहायक ये सब मिलकर 20 देशों में जाने का कार्यक्रम है. इस यात्रा के प्रचार-प्रसार, परिवहन तथा विदेश में रहने, निवेशकों से मिलने-मिलाने आदि में तमाम व्यय होंगे. अगर उसके बराबर भी निवेश पाने की गारंटी हो तो बड़ी बात होगी. कहीं यह उत्तर प्रदेश का रहा सहा व्यापार भी चौपट करने की साजिश तो नहीं है.
उन्होंने कहा कि वैसे अभी तक तो भाजपा सरकार का कोई निवेश यहां नहीं दिखा है. न कहीं उद्योग लगा, नहीं कहीं निवेश की परछाई भी दिख रही है. इसके विपरीत समाजवादी सरकार में जो निवेश सम्मेलन हुए उसके फलस्वरूप प्रदेश में आईटी सिटी, मेट्रो रेल, नोएडा में सैमसंग तथा अन्य मोबाइल प्लांट सहित कई माल खुले. भाजपा तो समाजवादी सरकार के कामों को ही अपना बताकर वाहवाही लूट रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार विदेश प्रवास पर जा रही है तो अच्छा होता वहां अपने मातृ संगठन आरएसएस के एजेंडा के तहत स्वदेशी का भी प्रचार करती. निवेश यात्रा से आशा के बजाय प्रदेश से निर्यात की नई संभावनाएं तलाशती. कुछ भारतीय रीति रिवाज, यहां के खानपान, यहां के उत्पाद का भी विदेशियों को परिचय देती, लेकिन भाजपा सरकार अपनी गिरती साख को छिपाने के लिए मंत्रिमंडल को विदेश भ्रमण कराने ले जा रही है. भाजपा सरकार से ऐसी में आशा कैसे की जा सकती है कि वह निवेशक समिट कराने के लिए विदेश यात्रा पर जो अपव्यय कर रही है उतने में तो उत्तर प्रदेश में कुछ ना कुछ विकास गति बढ़ जाती?
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