लखनऊ: लोकसभा में मानसून सत्र के सातवें दिन की कार्यवाही संपन्न हो गई. रविवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने कई मुद्दों को लेकर सदन में अपना पक्ष रखा. वे देश के वर्तमान हालातों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहे. उन्होंने प्रवासी श्रमिकों के पलायन और उनकी मौतों के मामले को प्रमुखता से सदन में उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ मीडिया हाउस और सरकार के लोग कोरोना को सांप्रादायिक रंग देने पर आमादा थे, जो बेहद निंदनीय है.
एसटी हसन ने कोरोना की वजह से लंबे समय तक जारी रहे लॉकडाउन से उत्पन्न हुई समस्याओं को सदन के सामने रखा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास लॉकडाउन को लेकर कोई ठोस योजना नहीं थी. उन्होंने कहा कि देश इस वक्त विषम परिस्थितयों से होकर गुजर रहा है. देश कोरोना महामारी और बॉर्डर पर चीन के नापाक हरकतों का सामना कर रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया कि इस लड़ाई में देश उनके साथ है. चीन के साथ लड़ाई को राजनीति से ऊपर उठकर कंधे से कंधा मिलाकर लड़ा जाएगा.
सदन में चर्चा के दौरान एसटी हसन ने सरकार की कई नीतियों का विरोध भी किया. उन्होंने कहा कि औरंगाबाद रेल दुर्घटना ने कोरोना महामारी के बीच हर किसी को बुरी तरह झकझोर दिया था. बेवक्त 16 मजदूर काल के गाल में समा गए थे. पैदल सड़कों पर चलते मासूमों को पूरे देश ने देखा. सरकार के गलत फैसले से उत्पन्न हुई समस्या को देश के मासूम, महिलाएं और मजदूरों ने झेला है. इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुईं, लेकिन कोरोना के दौरान हुई मजदूरों की मौतों का आंकड़ा सरकार के पास न होना अफसोस की बात है. उन्होंने कहा कि इस दौरान बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार देने के लिए सरकार नई नौकरियों का सृजन करे.
एसटी हसन ने सरकार को मजदूर, किसान और बेरोजगार लोगों के प्रति संवेदनशील होने की बात कही. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री को सलाह दी कि अगर स्वदेशी वैक्सीन तैयार नहीं हो पा रही है तो फिलहाल हमें रूस की वैक्सीन को अपनाना चाहिए, ताकि देश को महामारी से बचाया जा सके.