लखनऊ: सपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे आजम खां की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के मामले में आजम खां के खिलाफ रामपुर में दर्ज हुए मुकदमे को भी सीबीआई अपने हाथ में ले सकती हैं. आजम खां जब सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, तो वक्फ विभाग भी उन्हीं के पास था. उन्हीं के निर्देश पर शिया सेंट्रल बोर्ड और सुन्नी सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्षों से मिलीभगत कर शत्रु संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति में दर्ज कराया गया. उसको फिर आजम खान ने अपने हिसाब से इस्तेमाल किया. लखनऊ के निवासी जमीर नकवी की शिकायत पर इस मामले में आजम खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. फिलहाल आजम खां सीतापुर जेल में बंद हैं.
सीबीआई कर रही जांच
3 दिन पहले सीबीआई ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की हेरा-फेरी के मामले में शिया सेंट्रल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ अलग-अलग दो मुकदमे दर्ज किए हैं. सीबीआई वक्फ की संपत्तियों की खरीद-फरोख्त और हेरा-फेरी के मामले में जांच कर रही है. वहीं, अब सपा नेता आजम खां की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. क्योंकि आजम खां पूर्ववर्ती सरकार में वक्फ विभाग के मंत्री थे और उन्हीं के समय वक्फ की संपत्तियों की खूब हेरा-फेरी हुई.
यह है आजम खां पर आरोप
लखनऊ के निवासी जमीर नकवी की शिकायत पर साल 2019 में आजम खां, उनकी पत्नी तमीज फातिमा, बेटा अब्दुल्ला खां, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन वसीम रिजवी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जूफ़र फारुकी के अलावा वक्फ बोर्ड के चार अन्य लोगों के खिलाफ रामपुर के अजीमनगर में मुकदमा दर्ज किया गया था. जमीर नकवी ने आरोप लगाया था कि आजम खां ने दोनों बोर्ड के अध्यक्षों की मिलीभगत से कई संपत्तियों को अपने तरीके से प्रयोग किया.