लखनऊ : आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने बुधवार को मुस्लिम नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई. बैठक को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से अपने-अपने क्षेत्र में मुस्लिम समाज के मतदाताओं को जागरुक करने को कहा. साथ ही उन्हें यह भी बताने को कहा कि किस तरह मुस्लिमों को शिक्षा और रोजगार से वंचित रखने के लिए आरएसएस और भाजपा सक्रिय हैं.
समाजवादी पार्टी कार्यालय में बुधवार को मुस्लिम समाज से जुड़े सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की एक विशेष बैठक बुलाई गई. यह बैठक बहुत ही गोपनीय रखी गयी थी. इसकी गोपनियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि समाजवादी पार्टी कार्यालय में इस दौरान जो विधायक और बड़े पदाधिकारी पहुंचे, उन्हें भी मेन गेट से अंदर प्रवेश नहीं दिया गया.
बैठक में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं के नाम एक सूची में पहले से दर्ज थे. सुरक्षाकर्मियों ने केवल उन्हीं लोगों को अंदर जाने दिया, जिनका नाम सूची में दर्ज था. इस बैठक में मुस्लिम समाज के अलावा किसी अन्य समाज के कार्यकर्ता को बुलाया तक नहीं गया. बैठक को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने संबोधित किया.
ईटीवी भारत को मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में दलित मुस्लिम और पिछड़ा गठजोड़ की विशेष रूप से चर्चा की गई. नेताओं ने बताया कि सभी लोकसभा सीटों पर दलित मुस्लिम और पिछड़ा मतदाताओं का प्रतिशत 70 से 80 फीसदी है. अगर यह गठजोड़ बरकरार रहा तो सपा-बसपा गठबंधन को प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर जीत मिलेगी.