लखनऊ: 28 जनवरी को होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने 2 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है. विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है.
28 जनवरी को होगा चुनाव
आगामी 28 जनवरी को विधान परिषद की 12 सीटों पर चुनाव होने हैं. जिन सीटों पर चुनाव होना है उनमें में अभी तक समाजवादी पार्टी के 6 विधान परिषद सदस्य थे जबकि तीन भारतीय जनता पार्टी के और 3 बहुजन समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य थे. 28 जनवरी को होने वाले चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के पास जहां 49 विधायक हैं, ऐसे में समाजवादी पार्टी अपने एक ही प्रत्याशी को चुनाव जितवा सकती है. दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए अतिरिक्त मतों की आवश्यकता पड़ेगी.
एक सीट के लिए चाहिए 32 मत
28 जनवरी को होने वाले विधान परिषद चुनाव में 1 सीट जीतने के लिए एक 32 मत चाहिए. ऐसे में जब समाजवादी पार्टी के पास मात्र 49 विधायक हैं, समाजवादी पार्टी अपने कोटे से एक एमएलसी बना देगी जबकि दूसरे को बनाने के लिए अतिरिक्त मतों की आवश्यकता पड़ेगी. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बसपा से अलग हुई सपा को विधान परिषद चुनाव में मदद की भी गुंजाइश नहीं है. ऐसे में अहमद हसन का विधान परिषद में जाना तो पूरी तरह से तय ही है.
समीकरणों पर भारी पड़ रहे अहमद हसन
28 जनवरी को होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिहाज से यदि समीकरणों की बात की जाए तो अहमद हसन भारी पड़ रहे हैं. एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आजमगढ़ में सपा सरकार के दौरान यूपी आने से रोकने का आरोप लगाया था. निश्चित रूप से ओवैसी के इस बयान पर समाजवादी पार्टी खुलकर भले नहीं बोल रही है पर समाजवादी पार्टी को ओवैसी की इस सक्रियता से डर सता रहा है. ऐसे में समाजवादी पार्टी अहमद हसन के बहाने मुस्लिम मतदाताओं पर डोरे डालने की कोशिश कर रही है.