लखनऊ : धोखाधड़ी, कूटरचना करके 120 करोड़ रुपये की नमक सप्लाई का ठेका दिलाने के नाम पर घोटाला कर करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपी होमगार्ड रघुवीर प्रसाद की जमानत अर्जी को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश रमाकांत प्रसाद ने खारिज कर दिया है. इसके पहले सरकारी वकील नीरज श्रीवास्तव ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए बताया कि गुजरात के व्यापारी नीलम नरेंद्र भाई पटेल ने हज़रतगंज में 11 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके परिचित कलीम अहमद ने राजस्थान के कथित विधायक सुनील उर्फ मोंटी गुर्जर से मुलाकात कराई थी. जिसने लखनऊ में बड़ा टेंडर दिलवाने के आश्वासन दिया.
बताया गया कि मोंटी ने वादी को 13 सितम्बर 2019 को जालसाज आशीष राय को सचिवालय के कक्ष में संयुक्त सचिव एनके कन्नौजिया बताकर मिलवाया. जिसने वादी को 120 करोड़ रुपये के नमक सप्लाई का ठेका बिना टेंडर के देने और उसके एवज में 10 प्रतिशत रिश्वत लेने की बात कही. आरोप है कि इसी ठेके के चलते आरोपियो से वादी की मुलाकात सचिवालय में होती रही. आरोपियों ने 24 सितम्बर 2019 को वादी की फर्म और उप्र खाद्य एवम रसद विभाग के बीच अनुबंध कराया और उप्र शासन के वित्त नियंत्रक का फर्जी अनुमोदन कराया.
आरोपी सुनील गुर्जर ने ठेके का 5 प्रतिशत देने के लिए वादी और उसके साथी को दिल्ली बुलाया. जहां वादी की मुलाकात सुनील, आशीष राय के अलावा राघव, लोकेश मिश्र से हुई और वादी ने आरोपियों को टोकन मनी के रूप में एक करोड़ रुपये दिए. कहा गया कि आरोपियों ने इसके बाद वादी से दो किश्तों में कुल 6 करोड़ 50 लाख रुपये ले लिए, लेकिन नमक सप्लाई का कार्य शुरू नहीं हुआ. वादी ने आरोप लगाया की सभी आरोपियों ने मिलकर षड्यंत्र किया और धोखाधड़ी करके वादी का करोड़ों रुपये हड़प लिए. इस पूरे मामले में सचिवालय के कुछ अधिकारी और कर्मचारी के साथ ही आरोपी भी शामिल हैं.
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