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लखनऊ: चिकित्सा शिक्षा विभाग में कोरोना संदिग्ध की उड़ी अफवाह, दहशत में कर्मचारी - ग्रामीण अभियंत्रण विभाग

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में कोरोना संदिग्ध होने की अफवाह से कर्मचारियों में दहशत का माहौल हो गया. इसके बाद कई कर्मचारी घर चले गए.

चिकित्सा शिक्षा विभाग में कोरोना संदिग्ध
चिकित्सा शिक्षा विभाग में कोरोना संदिग्ध
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Published : Jun 4, 2020, 2:57 PM IST

लखनऊ: एक ओर कोरोना काल का संकट बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक भी लगातार विवादों में घिरे हुए हैं. बुधवार सुबह से विभाग में कोरोना संदिग्ध के पाए जाने की अफवाह पर कार्यालय में हड़कंप मच गया. इससे घबराकर कई कर्मचारी घर चले गए.

चिकित्सा शिक्षा विभाग में कोरोना संदिग्ध की उड़ी अफवाह.

कोरोना संदिग्ध मिलने की उड़ी अफवाह

जवाहर भवन स्थित उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में मंगलवार की शाम कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना अपनी टीम के साथ रात 8 बजे बैठक करने के लिए आए थे. रात 11 बजे तक चली इस बैठक के बाद सुबह कार्यालय में अफवाह उड़ी कि एक कर्मचारी कोरोना संदिग्ध पाया गया है.

इस खबर के फैलते ही विभाग में कार्यरत कर्मचारी सहम गए. चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के कर्मचारियों समेत 20 अधिकारी और कर्मचारी घर चले गए. हालांकि इस पूरे मामले पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक केके गुप्ता का कहना है कि भवन को दो बार सैनिटाइज कराया गया है. इसलिए डरने की कोई बात नहीं है. हम कर्मचारियों को समझा रहे हैं कि वह काम पर वापस आ जाएं.

विभाग के कर्मचारियों में एक अधिकारी के वाहन चालक मेराज का कहना है कि सुबह जब हम आए तो हमें पता चला कि यहां कोरोना का मरीज है. बाकी लोग घर चले गए, लेकिन हम यहीं पर जवाहर भवन में गाड़ी के पास ही बैठे हैं. ऊपर विभाग में नहीं गए हैं. जवाहर भवन के छठे में तल पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ-साथ ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का कार्यालय भी है.

डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के अनुसार कोरोना वायरस से संदिग्ध व्यक्ति की सूचना पर विभाग को पूरी तरह से सैनिटाइज कर कम से कम 24 घंटे के लिए बंद रखना चाहिए, लेकिन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग सुबह से ही खुला है और लोग आ जा रहे हैं.

ऐसे में सैनिटाइजेशन से कितनी सुरक्षा होगी इसका भगवान ही मालिक है. फिलहाल कर्मचारियों में कोरोना को लेकर भय व्याप्त है और वह काम पर आने से मना कर रहे हैं.

इस वक्त हमारे विभाग के कर्मचारियों का आना-जाना मेडिकल एजुकेशन विभाग में है, क्योंकि हमारे कार्यालय के प्रसाधन में मरम्मत का कार्य चल रहा है. ऐसे में हमारे विभाग में भी डर का माहौल है और कर्मचारी आने से मना कर रहे हैं.
-अमित खरे, कर्मचारी, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग

लखनऊ: एक ओर कोरोना काल का संकट बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक भी लगातार विवादों में घिरे हुए हैं. बुधवार सुबह से विभाग में कोरोना संदिग्ध के पाए जाने की अफवाह पर कार्यालय में हड़कंप मच गया. इससे घबराकर कई कर्मचारी घर चले गए.

चिकित्सा शिक्षा विभाग में कोरोना संदिग्ध की उड़ी अफवाह.

कोरोना संदिग्ध मिलने की उड़ी अफवाह

जवाहर भवन स्थित उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में मंगलवार की शाम कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना अपनी टीम के साथ रात 8 बजे बैठक करने के लिए आए थे. रात 11 बजे तक चली इस बैठक के बाद सुबह कार्यालय में अफवाह उड़ी कि एक कर्मचारी कोरोना संदिग्ध पाया गया है.

इस खबर के फैलते ही विभाग में कार्यरत कर्मचारी सहम गए. चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के कर्मचारियों समेत 20 अधिकारी और कर्मचारी घर चले गए. हालांकि इस पूरे मामले पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक केके गुप्ता का कहना है कि भवन को दो बार सैनिटाइज कराया गया है. इसलिए डरने की कोई बात नहीं है. हम कर्मचारियों को समझा रहे हैं कि वह काम पर वापस आ जाएं.

विभाग के कर्मचारियों में एक अधिकारी के वाहन चालक मेराज का कहना है कि सुबह जब हम आए तो हमें पता चला कि यहां कोरोना का मरीज है. बाकी लोग घर चले गए, लेकिन हम यहीं पर जवाहर भवन में गाड़ी के पास ही बैठे हैं. ऊपर विभाग में नहीं गए हैं. जवाहर भवन के छठे में तल पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ-साथ ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का कार्यालय भी है.

डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के अनुसार कोरोना वायरस से संदिग्ध व्यक्ति की सूचना पर विभाग को पूरी तरह से सैनिटाइज कर कम से कम 24 घंटे के लिए बंद रखना चाहिए, लेकिन स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग सुबह से ही खुला है और लोग आ जा रहे हैं.

ऐसे में सैनिटाइजेशन से कितनी सुरक्षा होगी इसका भगवान ही मालिक है. फिलहाल कर्मचारियों में कोरोना को लेकर भय व्याप्त है और वह काम पर आने से मना कर रहे हैं.

इस वक्त हमारे विभाग के कर्मचारियों का आना-जाना मेडिकल एजुकेशन विभाग में है, क्योंकि हमारे कार्यालय के प्रसाधन में मरम्मत का कार्य चल रहा है. ऐसे में हमारे विभाग में भी डर का माहौल है और कर्मचारी आने से मना कर रहे हैं.
-अमित खरे, कर्मचारी, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग

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