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एलडीए की संपत्ति को कराना हो किसी के नाम, तो जान लीजिए यह नियम - संपत्ति को किसी के नाम पर ट्रांसफर

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) की संपत्ति को किसी के नाम पर ट्रांसफर कराना हो तो इसके नियम जानना जरूरी है.

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लखनऊ विकास प्राधिकरण Lucknow Development Authority एलडीए की संपत्ति संपत्ति को किसी के नाम पर ट्रांसफर rules to transfer property to others
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Published : Apr 29, 2023, 7:20 AM IST

लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) द्वारा विकसित की गयी समस्त योजनाओं में सृजित/निर्मित सम्पत्तियों के नामांतरण (म्यूटेशन) की कार्रवाई अब प्राधिकरण स्वयं करेगा. अधिकारियों का दावा है कि इससे सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी होने की संभावना नहीं होगी और लोग ठगी का शिकार नहीं होंगे.

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने यह कदम उठाते हुए शुक्रवार को इस सम्बंध में आदेश जारी किये हैं. उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा फ्री-होल्ड रजिस्ट्री किये जाने के पश्चात कई आवंटियों द्वारा सम्पत्तियों को री-सेल किया जाता है. इसमें क्रेता द्वारा सम्पत्ति का नामांतरण अपने पक्ष में किये जाने के लिए आवेदन किया जाता है. वहीं, विभिन्न प्रकरणों में आवंटी की मृत्यु हो जाने के बाद उत्तराधिकारी द्वारा नामांतरण के लिए आवेदन किया जाता है.

पूर्व में यह कार्रवाई प्राधिकरण द्वारा की जाती थी, लेकिन दिनांक 24.01.2018 को जारी आदेश के क्रम में नगर निगम को हस्तांरित योजनाओं की फ्री-होल्ड सम्पत्तियों के म्यूटेशन सम्बंधी अग्रेतर कार्रवाई नगर निगम द्वारा की जाने लगी. उपाध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में नामांतरण से सम्बंधित कुछ विपरीत परिस्थितियां उजागर हुईं, जिनमें बाहरी व्यक्तियों द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार करके प्राधिकरण की विभिन्न सम्पत्तियों का क्रय-विक्रय कर दिया गया, जिससे फर्जी रजिस्ट्री की स्थिति पैदा हो गयी. बाद में जालसाजों द्वारा फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर नगर निगम से कर निर्धारण एवं नाम परिवर्तन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके सम्पत्तियों का मानचित्र भी स्वीकृत करा लिया जाता है.

वहीं, नगर निगम द्वारा जो नामांतरण पत्र जारी किया जाता है, उसमें यह स्पष्ट उल्लेखित होता है कि यह कर निर्धारण/नाम परिवर्तन प्रमाण पत्र मात्र भवन कर के सम्बंध में है तथा यह स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं है. इसके आधार पर आवंटियों को बैंक से सम्पत्तियों के सापेक्ष लोन प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. उपाध्यक्ष ने बताया कि इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए नामांतरण के सम्बंध में नये आदेश जारी किये गये हैं.

इसके तहत अब प्राधिकरण द्वारा विकसित की गयी समस्त योजनाओं में सृजित/निर्मित सम्पत्तियों के नामांतरण की कार्रवाई प्राधिकरण द्वारा ही की जाएगी. इसके अतिरिक्त प्राधिकरण द्वारा निर्मित जिन अपार्टमेंट्स में आरडब्ल्यूए गठित नहीं है. उनमें नामांतरण की कार्रवाई के लिए विक्रेता (भवन स्वामी) को अंतरण मूल्य का आधा प्रतिशत शुल्क प्राधिकरण को देना होगा.

ये भी पढ़ें- लखनऊ में इंस्टाग्राम दोस्त ने छात्रा का अश्लील वीडियो बना कर किया ब्लैकमेल, मिले पैसों से खेला सट्टा

लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) द्वारा विकसित की गयी समस्त योजनाओं में सृजित/निर्मित सम्पत्तियों के नामांतरण (म्यूटेशन) की कार्रवाई अब प्राधिकरण स्वयं करेगा. अधिकारियों का दावा है कि इससे सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी होने की संभावना नहीं होगी और लोग ठगी का शिकार नहीं होंगे.

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने यह कदम उठाते हुए शुक्रवार को इस सम्बंध में आदेश जारी किये हैं. उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा फ्री-होल्ड रजिस्ट्री किये जाने के पश्चात कई आवंटियों द्वारा सम्पत्तियों को री-सेल किया जाता है. इसमें क्रेता द्वारा सम्पत्ति का नामांतरण अपने पक्ष में किये जाने के लिए आवेदन किया जाता है. वहीं, विभिन्न प्रकरणों में आवंटी की मृत्यु हो जाने के बाद उत्तराधिकारी द्वारा नामांतरण के लिए आवेदन किया जाता है.

पूर्व में यह कार्रवाई प्राधिकरण द्वारा की जाती थी, लेकिन दिनांक 24.01.2018 को जारी आदेश के क्रम में नगर निगम को हस्तांरित योजनाओं की फ्री-होल्ड सम्पत्तियों के म्यूटेशन सम्बंधी अग्रेतर कार्रवाई नगर निगम द्वारा की जाने लगी. उपाध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में नामांतरण से सम्बंधित कुछ विपरीत परिस्थितियां उजागर हुईं, जिनमें बाहरी व्यक्तियों द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार करके प्राधिकरण की विभिन्न सम्पत्तियों का क्रय-विक्रय कर दिया गया, जिससे फर्जी रजिस्ट्री की स्थिति पैदा हो गयी. बाद में जालसाजों द्वारा फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर नगर निगम से कर निर्धारण एवं नाम परिवर्तन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके सम्पत्तियों का मानचित्र भी स्वीकृत करा लिया जाता है.

वहीं, नगर निगम द्वारा जो नामांतरण पत्र जारी किया जाता है, उसमें यह स्पष्ट उल्लेखित होता है कि यह कर निर्धारण/नाम परिवर्तन प्रमाण पत्र मात्र भवन कर के सम्बंध में है तथा यह स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं है. इसके आधार पर आवंटियों को बैंक से सम्पत्तियों के सापेक्ष लोन प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. उपाध्यक्ष ने बताया कि इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए नामांतरण के सम्बंध में नये आदेश जारी किये गये हैं.

इसके तहत अब प्राधिकरण द्वारा विकसित की गयी समस्त योजनाओं में सृजित/निर्मित सम्पत्तियों के नामांतरण की कार्रवाई प्राधिकरण द्वारा ही की जाएगी. इसके अतिरिक्त प्राधिकरण द्वारा निर्मित जिन अपार्टमेंट्स में आरडब्ल्यूए गठित नहीं है. उनमें नामांतरण की कार्रवाई के लिए विक्रेता (भवन स्वामी) को अंतरण मूल्य का आधा प्रतिशत शुल्क प्राधिकरण को देना होगा.

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