लखनऊ: हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में कोरोना जांच ठप हो गई है. मरीज आरटी-पीसीआर जांच के लिए प्राइवेट अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं. इस दौरान इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक के मरीजों की सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में अस्पताल आए मरीज निजी पैथोलॉजी सेंटर से कोरोना जांच कराने को मजबूर हैं.
अब तक नहीं मिली किट
पिछले पांच दिनों से सिविल अस्पताल में कोरोना जांच नहीं हो रही है. अस्पताल में रोजाना कोरोना की आशंका में ओपीडी व इरमजेंसी में भर्ती 100 से 150 मरीजों की जांच होती है. यह जांच मुफ्त है. दो दिनों से अस्पताल में आरटी-पीसीआर किट का संकट खड़ा हो गया है. नतीजतन मरीजों को बिना जांच लौटाया जा रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कतें इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को झेलनी पड़ रही हैं. कई मरीजों को तो बाहर से जांच कराने के बाद भर्ती के लिए कहा गया. ऐसे में मरीज दर-दर भटक रहे हैं.
अस्पताल में भर्ती मरीजों को जरूरी है जांच
डॉक्टरों का कहना है कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की कोरोना जांच जरूरी है. बिना जांच के मरीजों के जरिए हेल्थ वर्कर संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं. ओपीडी में तो दूर से मरीजों को देखकर काम चलाया जा सकता है, लेकिन भर्ती मरीजों में यह संभव नहीं है. इंजेक्शन से लेकर छोटे ऑपरेशन तक करने की जरूरत पड़ती है. चोट लगे मरीजों की ड्रेसिंग की जाती है. अस्पताल प्रशासन ने जल्द ही किट मंगाने का दावा किया है. फिलहाल अभी भी जांच बंद हैं.
इन अस्पतालों में हो रही कोरोना जांच
राजधानी में केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया संस्थान, बलरामपुर, डफरिन, झलकारीबाई, लोकबंधु, रानी लक्ष्मीबाई समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में कोरोना जांच की सुविधा है.