लखनऊ : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने देश के मुस्लिमों को लेकर बड़ी बात कही है. भागवत ने कहा कि 'देश में इस्लाम को कोई खतरा ( no threat to Islam in country) नहीं है, लेकिन उससे ‘हम बड़े हैं’ का भाव छोड़ना पड़ेगा. भागवत ने यह भी कहा कि यहां कहीं भी मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है. RSS प्रमुख के इस बयान के बाद से एक बार फिर से मुसलमानों को लेकर बयानबाजियां तेज़ हो गई हैं.
मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) के बयान पर जहां समाजवादी पार्टी ने कई सवाल खड़े किए हैं और उन्हें मुसलमानों के राष्ट्रवाद पर शक करने वाला बताया है. वहीं दूसरी तरफ मौलानाओं ने भागवत के बयान का स्वागत किया है. दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सूफियान निज़ामी ने कहा कि मुसलमानों ने अपने इस अज़ीम ओ शान मुल्क में कभी भी वर्चस्व की लड़ाई नहीं लड़ी है. बल्कि आजाद हिंदुस्तान का इतिहास इस बात का गवाह है कि हमने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में लाखों की तादाद में अपनी कुर्बानिया दीं और जब मुल्क आजाद हुआ तो अपने हमवतनों के ऊपर भरोसा करते हुए सियासत और कयादत के मैदान में उनके नेतृत्व में जिंदगी गुजारी.
मौलाना सूफियान निजामी (Maulana Sufiyan Nizami) ने आगे कहा कि मुसलमान अपने हमवतनों के साथ इस देश में रह कर किसी भी तरह से खतरे या खौफ को महसूस नहीं करता है. लिहाज़ा डरने के सवाल पर मुसलमानों का कोई ताल्लुख नहीं. ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव (General Secretary of All India Shia Personal Law Board) और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास (Shia cleric Maulana Yasoob Abbas) ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का यह बयान एक अच्छा बयान है और इसका हम सभी स्वागत करते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि भागवत ने जो वर्चस्व की बात कही है तो आज का मुसलमान अपने किसी भी पुराने वर्चस्व से ताल्लुक नहीं रखता है.