लखनऊ: धीरे-धीरे लोगों को डिजिटल होने की बात को ध्यान में रखते हुए रोडवेज ने अब यात्रियों की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के लिए हेडक्वार्टर पर सोशल मीडिया रूम स्थापित कर दिया है. व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर यात्रियों की शिकायत आते ही सम्बंधित अधिकारी को भेज दिया जाता है और यात्री की शिकायत निपटाई जाती हैं.
लखनऊ: सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहा रोडवेज यात्रियों की शिकायतों का समाधान - सोशल मीडिया पर होगा रोडवेज यात्रियों की शिकायतों का समाधान
लखनऊ में रोडवेज ने अब यात्रियों की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के लिए हेडक्वार्टर पर सोशल मीडिया रूम स्थापित कर दिया है. इसके जरिए यात्री अपनी किसी भी समस्या का समाधान इसके द्वारा कर सकते हैं.
सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहा रोडवेज यात्रियों की शिकायतों का समाधान
लखनऊ: धीरे-धीरे लोगों को डिजिटल होने की बात को ध्यान में रखते हुए रोडवेज ने अब यात्रियों की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के लिए हेडक्वार्टर पर सोशल मीडिया रूम स्थापित कर दिया है. व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर यात्रियों की शिकायत आते ही सम्बंधित अधिकारी को भेज दिया जाता है और यात्री की शिकायत निपटाई जाती हैं.
3 दिन पहले ही देश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय पर स्थापित इस कंट्रोल रूम का अनावरण किया था और 3 दिन के अंदर यहां पर 102 शिकायतें मिली हैं. सफर के दौरान यात्रियों को अगर कोई शिकायत होती है तो यात्री परिवहन निगम के ट्विटर हैंडल पर कंप्लेन करते हैं तो तुरन्त उनको रिस्पांस मिलता है और शिकायत दूर करने का पूरा प्रयास किया जाता है.
रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि ज्यादातर शिकायतें ड्राइवर के बस सही न चलाने, कंडक्टर का व्यवहार सही न होने या बस में खराबी आने से संबंधित ही आती हैं. कुछ शिकायतें ऐसी भी रहती हैं कि हमारे यहां अभी बस सेवा उपलब्ध नहीं है, बस चलाई जाए तो ऐसी शिकायतों का भी समाधान किया जा रहा है. कुल मिलाकर इस सुविधा से जहां रोडवेज को यात्रियों की तकलीफों का पता चलता है, वहीं उनकी तकलीफ दूर करने के लिए रोडवेज प्रयास भी कर रहा है.
3 दिन पहले ही देश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय पर स्थापित इस कंट्रोल रूम का अनावरण किया था और 3 दिन के अंदर यहां पर 102 शिकायतें मिली हैं. सफर के दौरान यात्रियों को अगर कोई शिकायत होती है तो यात्री परिवहन निगम के ट्विटर हैंडल पर कंप्लेन करते हैं तो तुरन्त उनको रिस्पांस मिलता है और शिकायत दूर करने का पूरा प्रयास किया जाता है.
रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि ज्यादातर शिकायतें ड्राइवर के बस सही न चलाने, कंडक्टर का व्यवहार सही न होने या बस में खराबी आने से संबंधित ही आती हैं. कुछ शिकायतें ऐसी भी रहती हैं कि हमारे यहां अभी बस सेवा उपलब्ध नहीं है, बस चलाई जाए तो ऐसी शिकायतों का भी समाधान किया जा रहा है. कुल मिलाकर इस सुविधा से जहां रोडवेज को यात्रियों की तकलीफों का पता चलता है, वहीं उनकी तकलीफ दूर करने के लिए रोडवेज प्रयास भी कर रहा है.
Intro:डिजिटल के जमाने में रोडवेज में हो रहा यात्रियों की शिकायतों का त्वरित समाधान
लखनऊ। वर्तमान युग डिजिटल युग है और ऐसे में अगर यात्रियों को शिकायत के लिए मुख्यालय आना पड़े तो रोडवेज को यह गवारा नहीं। रोडवेज ने अब यात्रियों की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के लिए हेडक्वार्टर पर सोशल मीडिया रूम स्थापित कर दिया है। व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर यात्रियों की शिकायत आते ही सम्बंधित अधिकारी को भेज दिया जाता है और यात्री की शिकायत निपटाई जाती है। 3 दिन पहले ही देश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय पर स्थापित इस कंट्रोल रूम का अनावरण किया था और 3 दिन के अंदर यहां पर विभिन्न तरह की 102 शिकायतें विभिन्न प्लेटफार्म पर मिली हैं।
Body:यूपीएसआरटीसी ने अपने यात्रियों को किसी भी तरह के शिकायत का शीघ्र समाधान करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है और इससे यात्री काफी राहत महसूस कर रहे हैं। सफर के दौरान यात्री को शिकायत होती है तो परिवहन निगम के ट्विटर हैंडल पर कंप्लेंट करते हैं। रिस्पांस मिलता है और शिकायत दूर करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। फेसबुक के माध्यम से अगर कोई शिकायत करना चाहता है तो यहां पर भी परिवहन निगम सहायता के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा व्हाट्सएप पर भी फोटो, वीडियो या फिर शिकायती पत्र के माध्यम से शिकायत मिलने पर भी एक्शन लिया जाता है। रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि ज्यादातर शिकायतें ड्राइवर के बस सही न चलाने, कंडक्टर का व्यवहार सही न होने या बस में खराबी आने से संबंधित ही आती हैं। कुछ शिकायतें ऐसी भी रहती हैं कि हमारे यहां अभी बस सेवा उपलब्ध नहीं है, बस चलाई जाए तो ऐसी शिकायतों का भी समाधान किया जा रहा है। कुल मिलाकर इस सुविधा से जहां रोडवेज को यात्रियों की तकलीफों का पता चलता है, वहीं उनकी तकलीफ दूर करने के लिए रोडवेज प्रयास भी कर रहा है।
Conclusion:बाइट: जयदीप वर्मा: सीजीएम टेक्निकल, यूपीएसआरटीसी
अब डिजिटल के माध्यम से यात्रियों को शिकायतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है, इसलिए यहां पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। तीन दिन में 102 शिकायतें मिली हैं। एक शिकायत देर रात मिली कि स्कैनिया का एसी नहीं चल रहा है। यात्री की शिकायत मिलते ही रात में 3:00 बजे संबंधित सेवा प्रबंधक को फोन कर तत्काल समस्या दूर कराई गई। एसी चल गया। इसी तरह आलमबाग बस स्टेशन पर 5 माह से एक आवेदक की एमएसटी नहीं बन पा रही थी शिकायत मिलते ही 15 मिनट के अंदर एमएसटी बनवाई गई। जिस भी तरह की शिकायतें आती हैं उन शिकायतों का 100 परसेंट रिस्पॉन्स दिया जाता है और जल्द से जल्द समस्या दूर कराने का प्रयास किया जा रहा है। इससे यात्रियों को काफी राहत मिल रही है।
अखिल पांडेय, लखनऊ, 93368 64096
लखनऊ। वर्तमान युग डिजिटल युग है और ऐसे में अगर यात्रियों को शिकायत के लिए मुख्यालय आना पड़े तो रोडवेज को यह गवारा नहीं। रोडवेज ने अब यात्रियों की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के लिए हेडक्वार्टर पर सोशल मीडिया रूम स्थापित कर दिया है। व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर यात्रियों की शिकायत आते ही सम्बंधित अधिकारी को भेज दिया जाता है और यात्री की शिकायत निपटाई जाती है। 3 दिन पहले ही देश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय पर स्थापित इस कंट्रोल रूम का अनावरण किया था और 3 दिन के अंदर यहां पर विभिन्न तरह की 102 शिकायतें विभिन्न प्लेटफार्म पर मिली हैं।
Body:यूपीएसआरटीसी ने अपने यात्रियों को किसी भी तरह के शिकायत का शीघ्र समाधान करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है और इससे यात्री काफी राहत महसूस कर रहे हैं। सफर के दौरान यात्री को शिकायत होती है तो परिवहन निगम के ट्विटर हैंडल पर कंप्लेंट करते हैं। रिस्पांस मिलता है और शिकायत दूर करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। फेसबुक के माध्यम से अगर कोई शिकायत करना चाहता है तो यहां पर भी परिवहन निगम सहायता के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा व्हाट्सएप पर भी फोटो, वीडियो या फिर शिकायती पत्र के माध्यम से शिकायत मिलने पर भी एक्शन लिया जाता है। रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि ज्यादातर शिकायतें ड्राइवर के बस सही न चलाने, कंडक्टर का व्यवहार सही न होने या बस में खराबी आने से संबंधित ही आती हैं। कुछ शिकायतें ऐसी भी रहती हैं कि हमारे यहां अभी बस सेवा उपलब्ध नहीं है, बस चलाई जाए तो ऐसी शिकायतों का भी समाधान किया जा रहा है। कुल मिलाकर इस सुविधा से जहां रोडवेज को यात्रियों की तकलीफों का पता चलता है, वहीं उनकी तकलीफ दूर करने के लिए रोडवेज प्रयास भी कर रहा है।
Conclusion:बाइट: जयदीप वर्मा: सीजीएम टेक्निकल, यूपीएसआरटीसी
अब डिजिटल के माध्यम से यात्रियों को शिकायतों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है, इसलिए यहां पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। तीन दिन में 102 शिकायतें मिली हैं। एक शिकायत देर रात मिली कि स्कैनिया का एसी नहीं चल रहा है। यात्री की शिकायत मिलते ही रात में 3:00 बजे संबंधित सेवा प्रबंधक को फोन कर तत्काल समस्या दूर कराई गई। एसी चल गया। इसी तरह आलमबाग बस स्टेशन पर 5 माह से एक आवेदक की एमएसटी नहीं बन पा रही थी शिकायत मिलते ही 15 मिनट के अंदर एमएसटी बनवाई गई। जिस भी तरह की शिकायतें आती हैं उन शिकायतों का 100 परसेंट रिस्पॉन्स दिया जाता है और जल्द से जल्द समस्या दूर कराने का प्रयास किया जा रहा है। इससे यात्रियों को काफी राहत मिल रही है।
अखिल पांडेय, लखनऊ, 93368 64096