लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में प्रशिक्षण घोटाले की आशंका जताई जा रही है. चालकों ने आरोप लगाया है कि ट्रेनिंग के एवज में दी जाने वाली राशि के दो दिन के पैसे अधिकारी अपनी जेब में रख रहे हैं. चालकों को सिर्फ पांच दिन का ही पैसा दिया जा रहा है, जबकि मुख्यालय की तरफ से सात दिन का पैसा ट्रेनिंग में जाने से पहले ही ड्राइवर को दिए जाने का प्रावधान है. संविदा चालक को प्रतिदिन ₹225 के हिसाब से और नियमित चालक को ₹125 प्रतिदिन के हिसाब से कानपुर स्थित कार्यशाला में ट्रेनिंग के लिए जाने से पहले डिपो की तरफ से दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. कई चालकों ने इसकी शिकायत की है जिसके बाद अब बड़े घोटाले की आशंका व्यक्त की जा रही है. मुख्यालय की तरफ से मामले की जांच कराए जाने की तैयारी है.
इन चालकों ने लगाए गंभीर आरोप : हैदरगढ़ डिपो के संविदा चालक विनोद सिंह, अनिल तिवारी, मोहम्मद अमीन और मोहम्मद इमरान को खराब डीजल औसत के चलते कानपुर स्थित कार्यशाला में डिपो की तरफ से प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था. अब इन चालकों ने सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक हैदरगढ़ को को पत्र लिखकर 24 जुलाई से 28 जुलाई के बीच ट्रेनिंग के एवज में भुगतान करने की मांग की है. चालकों का यह भी कहना है कि परिवहन निगम मुख्यालय के पत्र संख्या 230 आरडब्ल्यू/2012_ 03 दुर्घटना/प्रशिक्षण/ 12 के तहत 4 अक्टूबर 2012 के आदेश को भी कोट किया गया है. जिसमें प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले चालकों को सात दिन का भुगतान दिया जाना अनिवार्य किया गया है. चालको ने शिकायत की है कि हैदरगढ़ डिपो से ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले संविदा चालकों को पांच दिन का ही भुगतान दिए जाने का आदेश किया गया है, जबकि प्रशिक्षण प्राप्त करने गए प्रदेश के अन्य डिपो के चालकों को सात दिन का 1575 रुपए का भुगतान किया गया है.
जेल भेजे जाने के बावजूद कर्मचारी बेखौफ, बदस्तूर जारी है डीजल चोरी
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने डीजल चोरों पर कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों तक को जेल भेज दिया था. इसके बावजूद अभी भी डीजल चोरी की घटनाएं डिपो में बदस्तूर जारी हैं. डीजल घोटाला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब लखनऊ रीजन के कैसरबाग डिपो से डीजल चोरी का मामला सामने आया है. यहां अनुबंधित बसों के डीजल में लगभग 8000 लीटर की चोरी हुई है. जैसे ही उच्चाधिकारियों को यह बात पता लगी कि 8000 लीटर डीजल का हेरफेर हुआ है वे मामले को दबाने में लग गए.
उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम के लखनऊ रीजन के कैसरबाग डिपो में हुई हजारों लीटर डीजल चोरी का मामला संज्ञान में आते लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार ने तत्काल इस मामले में सख्त कार्रवाई शुरू कर दी. डॉयट संस्था से रखे गए कर्मचारी सुनील कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. हालांकि स्टेशन अधीक्षक जमीला खातून की इस घोटाले में संलिप्तता उजागर हुई थी उन्हें केवल नोटिस देकर बचा लिया गया है. इसके पहले भी जमीला खातून के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के होने के बावजूद पटल परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं बैक डेट में कर लिए थे, ऐसा भी प्रकरण प्रकाश में आया था. अधिकारियों ने अब डीजल घोटाले में केवल नोटिस देकर प्रकरण को ठंडे बस्ते में डालकर उन्हें बचाने का प्रयास किया है. परिवहन निगम के जानकारों का कहना है कि इस मामले में होना तो यह चाहिए था कि स्टेशन इंचार्ज जमीला का स्थानांतरण अन्य डिपो करके प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाती. जो दोषी पाया जाता उसके खिलाफ कठोर अनुशासनिक कार्रवाई होनी चाहिए थी. इसके पहले भी कैसरबाग डिपो मे इंजन ऑयल घपले का प्रकरण हुआ था जिसका खुलासा ही नहीं हो पाया था.