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लखनऊ: गुरुवार सुबह से उपनगरीय डिपो में होगा बसों का चक्का जाम

राजधानी लखनऊ के उपनगरीय और हैदरगढ़ डिपो के ड्राइवर और कंडक्टर गुरुवार सुबह से बसों का चक्का जाम करेंगे. अधिकारियों के रवैए से खफा ड्राइवर-कंडक्टरों ने बसों का चक्का जाम करने का फैसला लिया है.

अधिकारियों के रवैए से नाराज ड्राइवरों और कंडक्टरों ने चक्का जाम का लिया फैसला.
अधिकारियों के रवैए से नाराज ड्राइवरों और कंडक्टरों ने चक्का जाम का लिया फैसला.
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Published : Oct 1, 2020, 1:32 AM IST

लखनऊ: राजधानी के उपनगरीय और हैदरगढ़ डिपो के ड्राइवर और कंडक्टर गुरुवार सुबह से बसों का चक्का जाम करेंगे. इससे बस स्टेशन पर बस पकड़ने आने वाले यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. दरअसल अधिकारियों के रवैए से खफा ड्राइवर-कंडक्टरों ने गुरुवार को बसों का चक्का जाम करने का फैसला लिया है. बुधवार को रोडवेज यूनियन और प्रबंधन के बीच वार्ता विफल होने के बाद देर रात यूनियन के पदाधिकारियों ने फैसला लिया है. रात से ही डिपो में ड्राइवर कंडक्टरों ने काम रोक दिया है.

यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन, सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ और उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की उपनगरीय डिपो के अध्यक्षों और प्रबंधन के बीच कई मुख्य मांगों को लेकर बुधवार को वार्ता हुई, लेकिन इस वार्ता का कोई हल नहीं निकला. इससे पदाधिकारियों ने गुरुवार सुबह से उपनगरीय और हैदरगढ़ डिपो से बसों का संचालन बंद करने का फैसला लिया.

पदाधिकारी सुभाष वर्मा, सुधीर कुमार, रामकरण यादव, बबलू शेख, अक्षय श्रीवास्तव, पंकज तिवारी, चंद्रप्रताप सिंह, अमरेश पांडेय और उमेश शुक्ला ने बताया कि उपनगरीय डिपो की बसों को क्रू सहित हैदरगढ़ डिपो में स्थानांतरित किया जा रहा है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है. इससे तमाम कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. वहीं दोनों डिपो के किलोमीटर भुगतान में पैसे का अंतर है. उपनगरीय डिपो में कर्मचारी को 2.6 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से तो हैदरगढ़ डिपो में 1.50 रुपये प्रति किलोमीटर हिसाब से भुगतान होता है.

उपनगरीय डिपो की बसों को हैदरगढ़ डिपो में क्रू सहित ट्रांसफर कर दिए जाने से सभी को काफी नुकसान होगा. वहीं इन बसों की आयु भी लगभग पूरी हो चुकी है. ऐसे में इनका ट्रांसफर न किया जाए. इसके अलावा कंप्यूटर से निकलने वाले मार्ग पत्र में और डीवीआर में दर्शाए गए लोड फैक्टर के अंतर को भी समाप्त किया जाए. संगठन ने यह भी मांग रखी कि बंदे भारत मिशन के तहत एयरपोर्ट से जिन कर्मचारियों ने यात्रियों को उनके घर तक पहुंचाया. उनके जुलाई और अगस्त माह में वेतन में कटौती कर ली गई है, जो अब तक पूरी नहीं की गई, उसे जल्द पूरा किया जाए. इसके अलावा जिन बसों का उपनगरीय डिपो से क्रू समेत हैदरगढ़ डिपो में ट्रांसफर किया गया है, उन्हें तत्काल वापस लिया जाए.

पदाधिकारियों ने बताया कि इन सभी समस्याओं पर प्रबंधन से बात हुई, लेकिन सहमति नहीं बनी. ऐसे में अब गुरुवार सुबह से उपनगरीय और हैदरगढ़ डिपो के कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे. सभी डिपो तो आएंगे लेकिन ड्राइवर बस की स्टीयरिंग टच नहीं करेंगे तो कंडक्टर ईटीएम को हाथ नहीं लगाएंगे.

लखनऊ: राजधानी के उपनगरीय और हैदरगढ़ डिपो के ड्राइवर और कंडक्टर गुरुवार सुबह से बसों का चक्का जाम करेंगे. इससे बस स्टेशन पर बस पकड़ने आने वाले यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. दरअसल अधिकारियों के रवैए से खफा ड्राइवर-कंडक्टरों ने गुरुवार को बसों का चक्का जाम करने का फैसला लिया है. बुधवार को रोडवेज यूनियन और प्रबंधन के बीच वार्ता विफल होने के बाद देर रात यूनियन के पदाधिकारियों ने फैसला लिया है. रात से ही डिपो में ड्राइवर कंडक्टरों ने काम रोक दिया है.

यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन, सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ और उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की उपनगरीय डिपो के अध्यक्षों और प्रबंधन के बीच कई मुख्य मांगों को लेकर बुधवार को वार्ता हुई, लेकिन इस वार्ता का कोई हल नहीं निकला. इससे पदाधिकारियों ने गुरुवार सुबह से उपनगरीय और हैदरगढ़ डिपो से बसों का संचालन बंद करने का फैसला लिया.

पदाधिकारी सुभाष वर्मा, सुधीर कुमार, रामकरण यादव, बबलू शेख, अक्षय श्रीवास्तव, पंकज तिवारी, चंद्रप्रताप सिंह, अमरेश पांडेय और उमेश शुक्ला ने बताया कि उपनगरीय डिपो की बसों को क्रू सहित हैदरगढ़ डिपो में स्थानांतरित किया जा रहा है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है. इससे तमाम कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. वहीं दोनों डिपो के किलोमीटर भुगतान में पैसे का अंतर है. उपनगरीय डिपो में कर्मचारी को 2.6 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से तो हैदरगढ़ डिपो में 1.50 रुपये प्रति किलोमीटर हिसाब से भुगतान होता है.

उपनगरीय डिपो की बसों को हैदरगढ़ डिपो में क्रू सहित ट्रांसफर कर दिए जाने से सभी को काफी नुकसान होगा. वहीं इन बसों की आयु भी लगभग पूरी हो चुकी है. ऐसे में इनका ट्रांसफर न किया जाए. इसके अलावा कंप्यूटर से निकलने वाले मार्ग पत्र में और डीवीआर में दर्शाए गए लोड फैक्टर के अंतर को भी समाप्त किया जाए. संगठन ने यह भी मांग रखी कि बंदे भारत मिशन के तहत एयरपोर्ट से जिन कर्मचारियों ने यात्रियों को उनके घर तक पहुंचाया. उनके जुलाई और अगस्त माह में वेतन में कटौती कर ली गई है, जो अब तक पूरी नहीं की गई, उसे जल्द पूरा किया जाए. इसके अलावा जिन बसों का उपनगरीय डिपो से क्रू समेत हैदरगढ़ डिपो में ट्रांसफर किया गया है, उन्हें तत्काल वापस लिया जाए.

पदाधिकारियों ने बताया कि इन सभी समस्याओं पर प्रबंधन से बात हुई, लेकिन सहमति नहीं बनी. ऐसे में अब गुरुवार सुबह से उपनगरीय और हैदरगढ़ डिपो के कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे. सभी डिपो तो आएंगे लेकिन ड्राइवर बस की स्टीयरिंग टच नहीं करेंगे तो कंडक्टर ईटीएम को हाथ नहीं लगाएंगे.

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