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...आखिर कब सीख लेगा परिवहन विभाग, बारिश में बिना वाइपर दौड़ रहीं रोडवेज बसें

यूपी की राजधानी लखनऊ में जनरथ बसें बिना वाइपर और ऑल वेदर लैम्प के रूट पर भेजी जा रही हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. पिछले साल बसों में वाइपर न होने के कारण कई एक्सीडेंट भी हो चुके हैं, लेकिन रोडवेज के अधिकारी अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं.

बारिश में हादसों को दावत दे रही रोडवेज बसें.
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Published : Jul 10, 2019, 12:28 PM IST

लखनऊ: यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए बड़े हादसे के बाद भी रोडवेज के अधिकारी कोई सबक नहीं ले रहे हैं. बारिश में बसों को बिना वाइपर और ऑल वेदर लैंप के ही रूट पर भेजा जा रहा है. ऐसे में बारिश के दौरान बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

जानकारी देते संवाददाता.
  • तीन दिन पहले आगरा में एक जनरथ बस यमुना एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई.
  • परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इस हादसे के बाद भी सबक नहीं लिया है.
  • बारिश से पहले ही रोडवेज की तरफ से निर्देश जारी किए जाते हैं कि बसों को बिना वाइपर और ऑल वेदर लैंप के रूट पर रवाना न किया जाए.
  • जनरथ बसों को बिना वाइपर और बिना अच्छी क्वालिटी की लाइट के ही यात्रियों को भर कर रूट पर भेज दिया जाता है.
  • इतना ही नहीं बसों में अगर शीशा भी टूटा है तो पर्दा लगाकर ही काम चलाया जा रहा है.
  • पिछले साल बसों में वाइपर नहीं होने के कारण कई एक्सीडेंट भी हो चुके हैं, लेकिन अभी भी जिम्मेदार चेते नहीं है.

बारिश से पहले ही बसों में वाइपर और ऑल वेदर लैंप लगाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाते हैं. अभियान चल रहा है सभी बसों में वाइपर और ऑल वेदर लैम्प चेक किए जा रहे हैं. अगर किसी बस में वाइपर नहीं चल रहा है तो उस उसको रूट पर न भेजा जाए. वाइपर और ऑल वेदर लैंप लगे होने के बाद ही बसें रूट पर रवाना की जाएंगी.
-जयदीप वर्मा, मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक)

लखनऊ: यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए बड़े हादसे के बाद भी रोडवेज के अधिकारी कोई सबक नहीं ले रहे हैं. बारिश में बसों को बिना वाइपर और ऑल वेदर लैंप के ही रूट पर भेजा जा रहा है. ऐसे में बारिश के दौरान बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.

जानकारी देते संवाददाता.
  • तीन दिन पहले आगरा में एक जनरथ बस यमुना एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई.
  • परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इस हादसे के बाद भी सबक नहीं लिया है.
  • बारिश से पहले ही रोडवेज की तरफ से निर्देश जारी किए जाते हैं कि बसों को बिना वाइपर और ऑल वेदर लैंप के रूट पर रवाना न किया जाए.
  • जनरथ बसों को बिना वाइपर और बिना अच्छी क्वालिटी की लाइट के ही यात्रियों को भर कर रूट पर भेज दिया जाता है.
  • इतना ही नहीं बसों में अगर शीशा भी टूटा है तो पर्दा लगाकर ही काम चलाया जा रहा है.
  • पिछले साल बसों में वाइपर नहीं होने के कारण कई एक्सीडेंट भी हो चुके हैं, लेकिन अभी भी जिम्मेदार चेते नहीं है.

बारिश से पहले ही बसों में वाइपर और ऑल वेदर लैंप लगाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाते हैं. अभियान चल रहा है सभी बसों में वाइपर और ऑल वेदर लैम्प चेक किए जा रहे हैं. अगर किसी बस में वाइपर नहीं चल रहा है तो उस उसको रूट पर न भेजा जाए. वाइपर और ऑल वेदर लैंप लगे होने के बाद ही बसें रूट पर रवाना की जाएंगी.
-जयदीप वर्मा, मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक)

Intro:
बारिश में हादसों को दावत दे रही रोडवेज बसें, बिना वाइपर और ऑल वेदर लैम्प के रूट पर भेजी जा रही हैं बसें

लखनऊ। यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए बड़े हादसे के बाद भी रोडवेज के अधिकारी कोई सबक नहीं ले रहे हैं। बारिश में बसों को बिना वाइपर और ऑल वेदर लैंप के ही रूट पर भेजा जा रहा है। ऐसे में बारिश के दौरान बड़ा हादसा होने से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता है। बसों के फ्रंट शीशे से वाइपर गायब है तो नॉर्मल लाइट लगाकर ही बसों को रवाना कर दिया जाता है। ऐसे में अगर तेज बारिश होती है और ड्राइवर बस को किनारे खड़ी करके बारिश के रुकने का इंतजार करने के बजाय बस का संचालन करता है तो एक्सीडेंट होना भी तय है।




Body:परिवहन निगम की अभी 3 दिन पहले ही एक जनरथ बस यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है। इसमें 29 लोग मौत के मुंह में भी समा गए। बावजूद इसके अभी भी लापरवाही बरती जा रही है। बारिश से पहले ही रोडवेज की तरफ से इंस्ट्रक्शंस जारी किए जाते हैं कि बसों को बिना वाइपर और ऑल वेदर लैंप के रूट पर रवाना न किया जाए। यह हादसे का कारण बन सकता है, लेकिन दिशा-निर्देशों का पालन हो ही नहीं रहा है। अभी जनरथ बसों को बिना वाइपर और अच्छी क्वालिटी की लाइट के ही यात्रियों को भर कर रूट पर भेज दिया जाता है। इतना ही नहीं बसों में अगर शीशा भी टूटा है तो पर्दा लगा कर ही काम चलाया जा रहा है जिससे यात्रियों को दिक्कत भी होती है। पिछले साल बसों में वाइपर नहीं होने के कारण कई एक्सीडेंट भी हो चुके हैं लेकिन अभी भी जिम्मेदार चेते नहीं है। शायद उन्हें अब भी किसी और बड़ी दुर्घटना का इंतजार है।


Conclusion:बाइट: जयदीप वर्मा, मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक)

बारिश से पहले ही बसों में वाइपर और ऑल वेदर लैंप लगाने के दिशा निर्देश जारी कर दिए जाते हैं। अभियान चल रहा है। सभी बसों में वाइपर और ऑल वेदर लैम्प चेक किया जा रहे हैं। अगर किसी बस में वाइपर नहीं चल रहा है तो उस उसको रूट पर न भेजा जाए। वाइपर और ऑल वेदर बल्ब लगे होने के बाद ही बस रूट पर रवाना की जाएंगी।
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