लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की साधारण बसों से यात्री गर्मी में यात्रा करने के दौरान बिलबिला रहे हैं. इसका कारण है साधारण बसों की छत. सीलिंग टिन की होती है और गर्मी में टिन और गर्म हो जाती है. इससे यात्रियों की कहीं पर भी दो मिनट के लिए भी बस ठहरने पर हालत खराब हो जाती है. यही वजह है कि यात्री अब गर्मी में साधारण बसों से सफर करना पसंद ही नहीं कर रहे हैं. जिससे परिवहन निगम को नुकसान हो रहा है. गर्मी में साधारण बसों से सफर कर रहे यात्रियों ने ईटीवी भारत से सुझाव साझा किए.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों का बेड़ा करीब 8000 है. इनमें 7000 के करीब साधारण बसें हैं. सर्दी में इन साधारण बसों से यात्रा करने में कोई खास दिक्कत नहीं होती, लेकिन गर्मी में यात्री रास्ते भर पसीना बहाते हुए सफर तय करने को मजबूर हैं. यही वजह है कि गर्मी में साधारण बसों से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में कमी हो जाती है. वर्तमान में गर्मी के चलते ही बसों का लोड फैक्टर कम हो गया है.
लखनऊ के कैसरबाग बस स्टेशन पर जब यात्रियों की दिक्कत को लेकर "ईटीवी भारत" ने रियलिटी चेक किया तो विभिन्न रूटों के लिए साधारण बसों से यात्रा करने वाले यात्री बस के अंदर पसीने से तरबतर बैठे हुए नजर आए. कोई रुमाल से अपने चेहरा का पसीना पोंछ रहा था तो कोई हाथ के पंखे से गर्मी दूर भगाने की कोशिश कर रहा था. प्रचंड गर्मी में यात्री बस कैसे भी बस आगे बढ़े, जिससे थोड़ी सी हवा लगे इसी का इंतजार कर रहे थे.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के लखनऊ रीजन के रीजनल मैनेजर मनोज कुमार का कहना है कि यह बात सही है कि गर्मी में साधारण बसों से यात्रा करना मुश्किलों भरा होता है. इन बसों में हवा की कोई व्यवस्था नहीं होती. सिर्फ बस के संचालन पर ही यात्रियों को हवा लगती है, लेकिन जैसे ही बस ठहरती है फिर से उन्हें दिक्कत होने लगती है. गर्मी में साधारण बसों से यात्री यात्रा करना कम पसंद करते हैं. यही वजह है कि वर्तमान में छह फीसद लोड फैक्टर भी कम हो गया है. एसी बसों की संख्या इतनी नहीं है कि हर रूट पर काफी संख्या में एसी बसों का संचालन हो सके. ऐसे में साधारण बसें ही यात्रियों का सहारा भी बनती हैं.
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