लखनऊ: ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर सीएम योगी की ओर से अधिकारियों को निर्देशित करने के बाद अधिकारियों ने लखनऊ के ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के तमाम दावे किए. लेकिन यह सारे दावे कोरे साबित हो रहे हैं. मंगलवार का दिन लखनऊ वासियों के लिए मुसीबतों से भरा रहा. दिनभर लोग ट्रैफिक जाम में जूझते रहे.
सीएए के समर्थन में गृहमंत्री अमित शाह ने की रैली थी. इसमें उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों से भारी संख्या में लोग पहुंचे. रैली में शामिल होने के लिए भारी संख्या में अन्य जिलों से वाहन भी पहुंचे. इससे राजधानी लखनऊ को जोड़ने वाली सड़कों और शहर में जाम की समस्या बनी रही.
ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के तमाम प्रयास फेल
जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए तमाम प्लान तैयार किए थे. इन प्लान को जमीन पर उतारने के दावे भी किए गए थे. लेकिन समय के साथ-साथ यह प्रयास निष्प्रभावी नजर आ रहे हैं. भले ही राजधानी लखनऊ में जिम्मेदार ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात न दिला पा रहे हों, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के नाम पर राजधानी लखनऊ में बड़ी संख्या में चालान काटकर ट्रैफिक पुलिस, व्यवस्था को बेहतर करने के दावे जरूर पेश करती है. विभागीय आंकड़ों की बात करें तो पुलिस विभाग प्रतिदिन लगभग 1000 चालान काटते हैं.