ETV Bharat / state

अगर जा रहे है पारा थाने तो रहें होशियार, नहीं तो पहुंच जाएंगे अस्पताल

राजधानी लखनऊ में आगरा एक्सप्रेस-वे के नीचे बने मार्ग की हालत बद से बदतर हो चुकी है. इससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. देखिए ये रिपोर्ट-

सड़क पर गड्ढे में भरा बरसात का पानी.
सड़क पर गड्ढे में भरा बरसात का पानी.
author img

By

Published : Dec 20, 2020, 6:26 PM IST

लखनऊ: राजधानी में भाजपा सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. लोगों का मानना है कि भाजपा की सरकार में यहां सड़कों और हाई-वे की सूरत बदल जाएगी. वहीं, प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी सत्ता में आते ही सड़कों को छह माह के अंदर गड्ढामुक्त करने का दावा किया था. हकीकत यह है कि सीएम का दावा भी कागजों तक ही सीमित रह गया है. अधिकारियों की उदासीनता के कारण राजधानी में सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो गई है. इस बीच बाकी बची हुई कसर बारिश ने पूरी कर दी है. देखिए ये रिपोर्ट-

सड़क पर गड्ढों से लोग परेशान.

सड़कों पर भरा पानी

कुछ ऐसी ही स्थिति लखनऊ के आगरा एक्सप्रेस-वे के नीचे बने मार्ग की है. जहां से होकर पारा कोतवाली पहुंचते हैं. स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह सड़क कई कॉलोनियों को जोड़ती है, लेकिन इन दिनों इसकी हालत बदतर हो चुकी है. पता ही नहीं चलता कि गड्ढों में सड़क है, या सड़क में गड्ढे. वहीं इस सड़क पर जब पानी भरता है, तो जानवर इसमें नहाते नजर आते हैं.

पानी निकासी की नहीं कोई व्यवस्था

जब ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर देखा तो कई-कई फीट गहरे गड्ढे सड़क पर मिले. नालियां नहीं बनी होने के चलते पानी का निकास भी नहीं हो पा रहा. बरसात के कारण जलभराव हो जाता है, जिससे वाहन चालकों को आवागमन के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

लोग कई किलोमीटर घूम कर आने को मजबूर

कमिश्नरेट के पारा कोतवाली जाने का मुख्य मार्ग इतना जर्जर है कि यहां से दोपहिया वाहन और पैदल निकलना तो मानों खतरे को दावत देना है. यहां पर मार्ग में कई फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिससे बरसात के चलते जलभराव हो गया है. जब कोई शिकायतकर्ता थाने में अपनी शिकायत लेकर जाता है, तो वह इस दलदल से होकर गुजरता है या फिर कई किलोमीटर का फासला तय कर थाने आता है.


स्थानीय निवासी ने बताई समस्या

स्थानीय निवासी इरफान अली का कहना है कि उनकी कॉलोनी में हाई-वे किनारे रहने वाले लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है. पिछले 5 साल से सड़क पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है. घर के आगे हाई-वे पर गड्ढों में पानी भरा रहता है. घर से बाहर निकलना भी मुश्किल है. शिकायत के बाद सड़क की मरम्मत तो नहीं हुई, केवल आश्वासन मिला. उन्होंने कहा कि जानवरों से भी बदतर जिंदगी जीने पर हम लोग मजबूर हैं. अधिकारी और नेता सुनवाई नहीं कर रहे हैं, ऐसे में जाएं तो आखिर कहा जाएं.

पैदल निकलने में भी लगता है डर

स्थानीय दुकानदार राजेश अग्रवाल ने बताया कि इस मार्ग पर गड्ढों में पानी भरा रहता है. मोटरसाइकिल तो दूर पैदल निकलने में भी डर लगता है. कई बार तो इस मार्ग में पुलिस के जवान गिरकर चोटिल हो चुके हैं. क्षेत्रीय सभासद से लेकर विधायक तक गुहार लगाई, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इस सड़क से लोगों ने निकलना छोड़ दिया है. कई किलोमीटर का फासला तय करने के बाद लोग यहां पहुंचते हैं.


फंड में पैसा न होने से नहीं हो सका कार्य

ईटीवी भारत की टीम ने जब क्षेत्रीय सभासद से इस संबंध में जानकारी ली, तो उन्होंने बताया कि इस समस्या से कई दफा मेयर को अवगत करा चुके हैं, लेकिन मेयर ने हर बार फंड में पैसा न होने की असमर्थता जताई. करीब 30-40 मीटर की सड़क बननी है, जिसमें ज्यादा खर्च आएगा. हम लोगों के कोटे में इतना पैसा ही नहीं आ पा रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुछ महीनों पहले 50-55 करोड़ मेयर के फंड में आए थे, जिसमें से हमें केवल 12 लाख ही दिए गए.

लखनऊ: राजधानी में भाजपा सरकार से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. लोगों का मानना है कि भाजपा की सरकार में यहां सड़कों और हाई-वे की सूरत बदल जाएगी. वहीं, प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी सत्ता में आते ही सड़कों को छह माह के अंदर गड्ढामुक्त करने का दावा किया था. हकीकत यह है कि सीएम का दावा भी कागजों तक ही सीमित रह गया है. अधिकारियों की उदासीनता के कारण राजधानी में सड़कों की स्थिति बद से बदतर हो गई है. इस बीच बाकी बची हुई कसर बारिश ने पूरी कर दी है. देखिए ये रिपोर्ट-

सड़क पर गड्ढों से लोग परेशान.

सड़कों पर भरा पानी

कुछ ऐसी ही स्थिति लखनऊ के आगरा एक्सप्रेस-वे के नीचे बने मार्ग की है. जहां से होकर पारा कोतवाली पहुंचते हैं. स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह सड़क कई कॉलोनियों को जोड़ती है, लेकिन इन दिनों इसकी हालत बदतर हो चुकी है. पता ही नहीं चलता कि गड्ढों में सड़क है, या सड़क में गड्ढे. वहीं इस सड़क पर जब पानी भरता है, तो जानवर इसमें नहाते नजर आते हैं.

पानी निकासी की नहीं कोई व्यवस्था

जब ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर जाकर देखा तो कई-कई फीट गहरे गड्ढे सड़क पर मिले. नालियां नहीं बनी होने के चलते पानी का निकास भी नहीं हो पा रहा. बरसात के कारण जलभराव हो जाता है, जिससे वाहन चालकों को आवागमन के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

लोग कई किलोमीटर घूम कर आने को मजबूर

कमिश्नरेट के पारा कोतवाली जाने का मुख्य मार्ग इतना जर्जर है कि यहां से दोपहिया वाहन और पैदल निकलना तो मानों खतरे को दावत देना है. यहां पर मार्ग में कई फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिससे बरसात के चलते जलभराव हो गया है. जब कोई शिकायतकर्ता थाने में अपनी शिकायत लेकर जाता है, तो वह इस दलदल से होकर गुजरता है या फिर कई किलोमीटर का फासला तय कर थाने आता है.


स्थानीय निवासी ने बताई समस्या

स्थानीय निवासी इरफान अली का कहना है कि उनकी कॉलोनी में हाई-वे किनारे रहने वाले लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है. पिछले 5 साल से सड़क पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है. घर के आगे हाई-वे पर गड्ढों में पानी भरा रहता है. घर से बाहर निकलना भी मुश्किल है. शिकायत के बाद सड़क की मरम्मत तो नहीं हुई, केवल आश्वासन मिला. उन्होंने कहा कि जानवरों से भी बदतर जिंदगी जीने पर हम लोग मजबूर हैं. अधिकारी और नेता सुनवाई नहीं कर रहे हैं, ऐसे में जाएं तो आखिर कहा जाएं.

पैदल निकलने में भी लगता है डर

स्थानीय दुकानदार राजेश अग्रवाल ने बताया कि इस मार्ग पर गड्ढों में पानी भरा रहता है. मोटरसाइकिल तो दूर पैदल निकलने में भी डर लगता है. कई बार तो इस मार्ग में पुलिस के जवान गिरकर चोटिल हो चुके हैं. क्षेत्रीय सभासद से लेकर विधायक तक गुहार लगाई, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इस सड़क से लोगों ने निकलना छोड़ दिया है. कई किलोमीटर का फासला तय करने के बाद लोग यहां पहुंचते हैं.


फंड में पैसा न होने से नहीं हो सका कार्य

ईटीवी भारत की टीम ने जब क्षेत्रीय सभासद से इस संबंध में जानकारी ली, तो उन्होंने बताया कि इस समस्या से कई दफा मेयर को अवगत करा चुके हैं, लेकिन मेयर ने हर बार फंड में पैसा न होने की असमर्थता जताई. करीब 30-40 मीटर की सड़क बननी है, जिसमें ज्यादा खर्च आएगा. हम लोगों के कोटे में इतना पैसा ही नहीं आ पा रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुछ महीनों पहले 50-55 करोड़ मेयर के फंड में आए थे, जिसमें से हमें केवल 12 लाख ही दिए गए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.