ETV Bharat / state

साल 2020 में कम हुए सड़क हादसे, स्पीकिंग सड़क पर चल रहा काम - ब्लैक स्पॉट किये जा रहे चिन्हित

शहर से सटे हुए ग्रामीण क्षेत्रों के लोग राजमार्गों पर बड़ी संख्या में हादसों का शिकार हो रहे हैं. राजधानी लखनऊ में बढ़ते हुए हादसों को देखते हुए 24 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. इसके अलावा लागातार पुलिस और यातायात पुलिस के प्रयास से साल 2020 में सड़क दुर्घटाओं में कमी आई है.

सड़क हादसे में कमी
सड़क हादसे में कमी
author img

By

Published : Feb 5, 2021, 9:27 PM IST

लखनऊः जिस तेजी से शहरों का विकास हो रहा है उसी तेजी से राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास भी हो रहा है, लेकिन विकास के इस रफ्तार में सड़क पर हादसों की संख्या बढ़ गई है. प्रदेश की ऐसी टॉप टेन सड़कों की बात हो तो उसमें लखनऊ से जुड़ने वाले हाईवे पर हादसों की संख्या काफी ज्यादा है.

साल 2020 में कम हुए सड़क हादसे.

ब्लैक स्पॉट किये जा रहे चिन्हित
साल 2019 में लखनऊ और आसपास के राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1685 हादसे हुए. इन हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा है. शहर से लगे हुए ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे इलाके के लोग इन राजमार्गों पर बड़ी संख्या में हादसों का शिकार हो रहे हैं. राजधानी लखनऊ में बढ़ते हुए हादसों को देखते हुए 24 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. वहीं रोड इंजीनियरिंग पर काम करके सड़क की बनावट में खामियों को दूर करने की भी कोशिश हो रही है.

राजधानी से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे हैं हादसे
राजधानी लखनऊ के आसपास तेजी से विकास हो रहा है. उसी तेजी से शहर का विस्तार भी हो रहा है, जिसके चलते सड़कें और राजमार्ग भी इन इलाकों से गुजर रहे हैं. विकसित हो रहे इन ग्रामीणों और औद्योगिक क्षेत्रों में हादसों की संख्या भी बढ़ रही है. यातायात विभाग के द्वारा हादसों को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें काफी हद तक सफलता भी मिल रही है. राजधानी लखनऊ में यातायात और पुलिस के संयुक्त प्रयास की बदौलत हादसों में पिछले साल की अपेक्षा कमी देखी गई है.

चालान का सड़क दुर्घटनाओं पर असर
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के ज्वाइंट सीपी नवीन अरोड़ा बताते हैं की अवेयरनेस कैंपेन के माध्यम से लोगों को लगातार जागरूक करने का काम किया जा रहा है. बड़ी संख्या में यातायात नियमों का पालन न करने वाले लोगों का चालान भी किया गया है. इससे भी सड़क पर वाहन चलाते समय अब लोग पहले से ज्यादा सतर्क हो गए हैं, जिसका असर सड़क पर हो रहे हादसों की संख्या में कमी के रूप में देखा जा रहा है.

सड़क पर हो रहे हादसों को रोकेंगी स्पीकिंग सड़कें
2020 में उत्तर प्रदेश में 2833 सड़क हादसे हुए जिसमें 1910 लोगों ने अपनी जान गवाई. हादसों को रोकने के लिए लखनऊ की दुर्घटना बाहुल्य सड़कों पर अब पीडब्ल्यूडी नगर निगम और यातायात विभाग काम करेगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में लखनऊ के 10 सड़को को चिन्हित किया गया है, जहां पर चौराहे के चारों दिशाओं पर 100 मीटर तक मार्किंग बोर्ड लगाया जाएगा. इसके अलवा सड़क पर लगने वाले मार्किंग बोर्ड में वाहनों के सड़क पर उनकी रफ्तार क्या होगी, सड़क पर दाएं बाएं मोड़ने के साथ ही स्टॉप भी लिखा होगा और कदम कदम पर रोड सेफ्टी के स्लोगन दिखाई देंगे.

राजधानी में हादसों से मौत की घटी संख्या
राजधानी लखनऊ में पुलिस और यातायात विभाग के द्वारा यातायात नियमों को लेकर चलाए गए अभियान से हादसों की संख्या में बीते 3 सालों से गिरावट दर्ज की जा रही है. इसका असर हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या पर भी पड़ा है.

वर्षदुर्घटनाघायलमौत
201816381005580
20191683922573
2020966571346

इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि किस तरह अकेले राजधानी लखनऊ में ही सड़कों पर हो रहे हादसों की संख्या में कमी आ रही है. वहीं पुलिस और यातायात विभाग के द्वारा किए गए प्रयासों को भी अब बल मिला है.

लखनऊः जिस तेजी से शहरों का विकास हो रहा है उसी तेजी से राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास भी हो रहा है, लेकिन विकास के इस रफ्तार में सड़क पर हादसों की संख्या बढ़ गई है. प्रदेश की ऐसी टॉप टेन सड़कों की बात हो तो उसमें लखनऊ से जुड़ने वाले हाईवे पर हादसों की संख्या काफी ज्यादा है.

साल 2020 में कम हुए सड़क हादसे.

ब्लैक स्पॉट किये जा रहे चिन्हित
साल 2019 में लखनऊ और आसपास के राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1685 हादसे हुए. इन हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा है. शहर से लगे हुए ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे इलाके के लोग इन राजमार्गों पर बड़ी संख्या में हादसों का शिकार हो रहे हैं. राजधानी लखनऊ में बढ़ते हुए हादसों को देखते हुए 24 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. वहीं रोड इंजीनियरिंग पर काम करके सड़क की बनावट में खामियों को दूर करने की भी कोशिश हो रही है.

राजधानी से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे हैं हादसे
राजधानी लखनऊ के आसपास तेजी से विकास हो रहा है. उसी तेजी से शहर का विस्तार भी हो रहा है, जिसके चलते सड़कें और राजमार्ग भी इन इलाकों से गुजर रहे हैं. विकसित हो रहे इन ग्रामीणों और औद्योगिक क्षेत्रों में हादसों की संख्या भी बढ़ रही है. यातायात विभाग के द्वारा हादसों को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें काफी हद तक सफलता भी मिल रही है. राजधानी लखनऊ में यातायात और पुलिस के संयुक्त प्रयास की बदौलत हादसों में पिछले साल की अपेक्षा कमी देखी गई है.

चालान का सड़क दुर्घटनाओं पर असर
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के ज्वाइंट सीपी नवीन अरोड़ा बताते हैं की अवेयरनेस कैंपेन के माध्यम से लोगों को लगातार जागरूक करने का काम किया जा रहा है. बड़ी संख्या में यातायात नियमों का पालन न करने वाले लोगों का चालान भी किया गया है. इससे भी सड़क पर वाहन चलाते समय अब लोग पहले से ज्यादा सतर्क हो गए हैं, जिसका असर सड़क पर हो रहे हादसों की संख्या में कमी के रूप में देखा जा रहा है.

सड़क पर हो रहे हादसों को रोकेंगी स्पीकिंग सड़कें
2020 में उत्तर प्रदेश में 2833 सड़क हादसे हुए जिसमें 1910 लोगों ने अपनी जान गवाई. हादसों को रोकने के लिए लखनऊ की दुर्घटना बाहुल्य सड़कों पर अब पीडब्ल्यूडी नगर निगम और यातायात विभाग काम करेगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में लखनऊ के 10 सड़को को चिन्हित किया गया है, जहां पर चौराहे के चारों दिशाओं पर 100 मीटर तक मार्किंग बोर्ड लगाया जाएगा. इसके अलवा सड़क पर लगने वाले मार्किंग बोर्ड में वाहनों के सड़क पर उनकी रफ्तार क्या होगी, सड़क पर दाएं बाएं मोड़ने के साथ ही स्टॉप भी लिखा होगा और कदम कदम पर रोड सेफ्टी के स्लोगन दिखाई देंगे.

राजधानी में हादसों से मौत की घटी संख्या
राजधानी लखनऊ में पुलिस और यातायात विभाग के द्वारा यातायात नियमों को लेकर चलाए गए अभियान से हादसों की संख्या में बीते 3 सालों से गिरावट दर्ज की जा रही है. इसका असर हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या पर भी पड़ा है.

वर्षदुर्घटनाघायलमौत
201816381005580
20191683922573
2020966571346

इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि किस तरह अकेले राजधानी लखनऊ में ही सड़कों पर हो रहे हादसों की संख्या में कमी आ रही है. वहीं पुलिस और यातायात विभाग के द्वारा किए गए प्रयासों को भी अब बल मिला है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.