लखनऊ : राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत की. कहा कि समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल में गठबंधन को लेकर कोई मतभेद नहीं है, कोई नाराजगी भी नहीं है. बातचीत चल रही है. जनपद स्तर पर कार्यकर्ताओं में कुछ नाराजगी है, बातचीत के जरिए इसे दूर कर लिया जाएगा. गठबंधन से भाजपा भयभीत है, हमारा गठबंधन मजबूत है.
राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी का गठबंधन पूरी तरह बरकरार है. दोनों दलों के बीच में कहीं कोई दरार नहीं है. जिला स्तर पर जो मतभेद सामने आए हैं, कार्यकर्ता नाराज हैं, उसे मिल बैठकर दोनों पार्टियों की तरफ से सुलझा लिया जाएगा. प्रदेश स्तर पर नेताओं के बीच कहीं कोई संशय नहीं है, पूरी तरह से तालमेल है. गठबंधन से भारतीय जनता पार्टी बहुत परेशान है. उत्तर प्रदेश में हमारा गठबंधन मजबूत है. दोनों पार्टियां आगे भी साथ मिलकर गठबंधन में चुनाव लड़ेंगी. पार्टी के बड़े नेता आपस में बातचीत कर कार्यकर्ताओं के बीच की नाराजगी दूर कर लेंगे. दोनों पार्टियां चुनाव जीतेंगी और भारतीय जनता पार्टी को हराने का काम करेंगी.
बता दें कि राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्म हैं. स्थानीय निकाय चुनाव में भी विधानसभा चुनाव की तरह दोनों पार्टियों के बीच साझा प्रत्याशी उतारने की सहमति बनी थी, लेकिन जब निकाय चुनाव के प्रत्याशी घोषित करने की बारी आई तो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी से कोई बात ही नहीं की. जिला स्तर पर टिकट बांट दिए गए, जबकि उन सीटों पर रालोद के प्रत्याशी को उतारा जाना था. इसके बाद दोनों पार्टियों के संबंधों में दरार पड़ने लगी. जिला स्तर से प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. राष्ट्रीय लोक दल के कई नेताओं ने यहां तक कह दिया कि गठबंधन टूट गया है, लेकिन मंगलवार को गठबंधन के बिखरने का डर समाजवादी पार्टी में भी नजर आया. पार्टी की तरफ से बागपत और बड़ौत में अध्यक्ष पद के लिए कोई प्रत्याशी न उतारकर राष्ट्रीय लोकदल को समर्थन देने की बात कही गई. इसके बाद रालोद की भी सफाई आ गई कि दोनों पार्टी में गठबंधन बरकरार है.
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