लखनऊः राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष व्यापार रोहित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर फिल्म आदिपुरुष को उत्तर प्रदेश में बैन करने का अनुरोध किया है. कहा है कि 16 जून को रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष को उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित किया जाए. फिल्म निर्माताओं ने इस फिल्म को रामायण पर आधारित बताया है, लेकिन इसका कोई भी किरदार हमारे धर्म ग्रंथों की मर्यादाओं के अनुसार नहीं है.
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल कहा है कि फिल्म में अमर्यादित और फूहड़ भाषा का इस्तेमाल किया गया है. फिल्म में ऐसे डायलॉग हैं, जो सनातन आस्था और सनातन प्रेमियों के हृदय को ठेस पहुंचाते हैं. फिल्म में दर्शाए गए रामायण के सभी पात्र रामायण की कहानी के बिल्कुल उलट हैं. यह हमारे धर्म ग्रंथों और हमारी संस्कृति पर कुठाराघात है. फिल्में समाज का दर्पण होती हैं, इस तरह की फिल्में जो हमारे धर्म ग्रंथों की कहानी को बिल्कुल गलत और अमर्यादित तरीके से दर्शाती हैं.
उन्होंने कहा कि इनसे आने वाली पीढ़ी हमारी धर्म और संस्कृति के बारे में बिल्कुल गलत धारणा बनाएगी. भविष्य के लिए ये निश्चित कहा जा सकता है कि धर्म विरोधी कुछ लोग इसी फिल्म के आधार पर हमारी संस्कृति और हमारे धर्म ग्रंथों पर कटाक्ष करेंगे. फिल्म आदिपुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के चरित्र को धूमिल करने और हमारी संस्कृति को मिटाने का एक गहरा षड्यंत्र है. फिल्म में धर्म ग्रंथों के अनुरूप एक भी दृश्य नहीं है और न ही कोई पात्र मर्यादित तरीके से दर्शाया गया है.
उन्होंने मांग की है कि 'इस फिल्म को उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित किया जाए, जिससे कि हमारे धर्म का अपमान रुक सके और हमारी संस्कृति के बारे में हमारी आने वाली पीढ़ियां कोई गलत धारणा न बनाएं. आपसे निवेदन है कि विषय का तत्काल संज्ञान लेकर संबंधित विभागों को आदेश दें'.
हिंदू महासभा ने एफआईआर दर्ज करने के लिए दी तहरीर
आदिपुरुष फिल्म के डायलॉग व चल चित्रों को लेकर राजधानी लखनऊ में विरोध देखने को मिला है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने विरोध दर्ज कराते हुए रविवार को हजरतगंज कोतवाली क्षेत्र में फिल्म के निर्माता निर्देशक व कास्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत पत्र दिया है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने बताया कि जिस तरह से फिल्मों में हिंदू देवी-देवताओं व संस्कृति का अपमान किया जा रहा है. इससे आम जनमानस आहत है, जिसके चलते हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत की गई है. उनकी मांग है कि सभी जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए, जिसके चलते भविष्य में इस तरह की फिल्में न बने.
दाऊद जैसे माफियाओं के दम पर चलता है बॉलीवुड
हिंदू महासभा के पदाधिकारी शिशिर चतुर्वेदी ने बयान देते हुए कहा कि बॉलीवुड दाऊद जैसे माफियाओं के पैसों से चलता है, जिसके चलते फिल्मों में हमारे देवी देवताओं का अपमान करते हुए दृश्य दिखाए जाते हैं. आदिपुरुष फिल्म में जिस तरह से राम, सीता व हनुमान के चरित्र को दिखाते हुए अभद्र भाषा व चित्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया है. इसको हिंदू समाज कभी स्वीकार नहीं सकता, जिसके चलते हमने एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है साथ ही हमारी मांग है कि आज आदिपुरुष जैसी फिल्म को पूरे उत्तर प्रदेश में बैन किया जाए. योगी आदित्यनाथ से फिल्म को बैन करने की मांग करते हैं.
बॉलीवुड फिल्म आदिपुरुष का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. धर्म नगरी काशी में भी इस फिल्म को बैन करने की मांग उठ रही है. भारी संख्या में हिंदूवादी संगठन आदिपुरुष के खिलाफ पोस्टर बांट रहे हैं. किसी-किसी जगह पर इस फिल्म के विरोध में हनुमान चालीसा पढ़ी गयी. वहीं, वाराणसी के भारत माता मंदिर पर दर्जनों की संख्या में पहुंचे हिन्दूवादी संगठनों ने पोस्टर बांटकर फिल्म को न देखने की बात की.