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कोरोना नियंत्रण में पूरी तरह फेल है योगी सरकार: रालोद

रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कोरोना को लेकर शनिवार को सरकार पर जोरदार तंज कसा. उन्होंने कहा कि व्यवस्था चरमराई है और सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई है. वहीं मंत्री लगातार कोरोना संक्रमित हो रहे हैं.

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Published : Aug 8, 2020, 8:51 PM IST

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अनिल दुबे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, रालोद.

लखनऊः राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना महामारी के प्रकोप पर चिन्ता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस वैश्विक महामारी पर नियंत्रण करने में पूरी तरह असफल है, क्योंकि चारों ओर केवल अव्यवस्था का बोलबाला है. स्वास्थ्य विभाग का पूरा अमला सरकारी झूठ की बुनियाद पर टिका हुआ है. सरकार की ओर से कोविड अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों की लगातार अनदेखी की जा रही है. आधिकारिक बयानों और प्रेस ब्रीफिंग में झूठे आंकड़े प्रस्तुत करके सरकार अपनी सफलता के मापदंड स्वयं तय कर रही है.

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण पर अंकुश न लग पाने के कारण लोगों में भय व्याप्त है और वे हताशा का शिकार हो रहे हैं. पिछले पांच महीनों से लगातार प्रतिबंधों में रहते हुए लोग परेशान हो रहे हैं और लगभग सैकड़ों लोग आत्महत्या करने को मजबूर हैं. अनिल दुबे ने कहा कि बच्चों के स्कूल-कॉलेज भी बंद चल रहे हैं. अस्पतालों में ओपीडी में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. कोरोना जांच की व्यवस्था चरमराई हुई है. वहीं कोरोना वारियर्स सरकारी उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं.

अनिल दुबे ने कहा कि मरीजों के लिए एम्बुलेंस से लेकर टेस्टिंग और उनके स्वास्थ्य प्रबंधन तक कोई तत्परता देखने को नहीं मिलती है. आश्चर्य की बात यह है कि शव वाहन भी 17-17 घण्टे उपलब्ध नहीं होता है और सरकार कुम्भकर्णी नींद सो रही है. सरकारी कुप्रबंधन का सबसे बड़ा प्रमाण प्रदेश सरकार के लगभग एक दर्जन मंत्रियों का संक्रमित होना और एक कैबिनेट मंत्री की असामयिक मृत्यु होना है.

रालोद प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि अब प्रदेश की जनता कोरे आश्वासन से नहीं, बल्कि धरातल पर काम चाहती है. आवश्यकता इस बात की है कि प्रत्येक जनपद की स्वास्थ्य से सम्बंधित व्यवस्था की सघन समीक्षा की जाए और स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ की जरूरतों की पूर्ति करते हुए जनता को राहत दी जाए.

लखनऊः राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना महामारी के प्रकोप पर चिन्ता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस वैश्विक महामारी पर नियंत्रण करने में पूरी तरह असफल है, क्योंकि चारों ओर केवल अव्यवस्था का बोलबाला है. स्वास्थ्य विभाग का पूरा अमला सरकारी झूठ की बुनियाद पर टिका हुआ है. सरकार की ओर से कोविड अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटरों की लगातार अनदेखी की जा रही है. आधिकारिक बयानों और प्रेस ब्रीफिंग में झूठे आंकड़े प्रस्तुत करके सरकार अपनी सफलता के मापदंड स्वयं तय कर रही है.

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण पर अंकुश न लग पाने के कारण लोगों में भय व्याप्त है और वे हताशा का शिकार हो रहे हैं. पिछले पांच महीनों से लगातार प्रतिबंधों में रहते हुए लोग परेशान हो रहे हैं और लगभग सैकड़ों लोग आत्महत्या करने को मजबूर हैं. अनिल दुबे ने कहा कि बच्चों के स्कूल-कॉलेज भी बंद चल रहे हैं. अस्पतालों में ओपीडी में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. कोरोना जांच की व्यवस्था चरमराई हुई है. वहीं कोरोना वारियर्स सरकारी उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं.

अनिल दुबे ने कहा कि मरीजों के लिए एम्बुलेंस से लेकर टेस्टिंग और उनके स्वास्थ्य प्रबंधन तक कोई तत्परता देखने को नहीं मिलती है. आश्चर्य की बात यह है कि शव वाहन भी 17-17 घण्टे उपलब्ध नहीं होता है और सरकार कुम्भकर्णी नींद सो रही है. सरकारी कुप्रबंधन का सबसे बड़ा प्रमाण प्रदेश सरकार के लगभग एक दर्जन मंत्रियों का संक्रमित होना और एक कैबिनेट मंत्री की असामयिक मृत्यु होना है.

रालोद प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि अब प्रदेश की जनता कोरे आश्वासन से नहीं, बल्कि धरातल पर काम चाहती है. आवश्यकता इस बात की है कि प्रत्येक जनपद की स्वास्थ्य से सम्बंधित व्यवस्था की सघन समीक्षा की जाए और स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ की जरूरतों की पूर्ति करते हुए जनता को राहत दी जाए.

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