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पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतें तत्काल वापस ले सरकार: रालोद

राष्ट्रीय लोकदल ने पेट्रोल और डीजल पर वैट लगाने के प्रदेश सरकार के निर्णय को जनविरोधी बताया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि सरकार को तुरंत बढ़ाई गई कीमतों को वापस लेना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर जनता और किसानों से पैसे वसूलने का आरोप लगाया है.

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आरएलडी कार्यालय
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Published : May 7, 2020, 9:27 AM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल ने पेट्रोल पर दो रुपए और डीजल पर एक रुपए प्रति लीटर वैट लगाने के प्रदेश सरकार के निर्णय को जनविरोधी बताया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि संकट के दौर में जनता को राहत दी जाती है न कि टैक्स लगा कर कष्ट दिया जाता है. सरकार को तुरंत इन बढ़ी कीमतों को वापस लेना चाहिए.

पैसे वसूलने का आरोप
रालोद प्रवक्ता ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लॉकडाउन में तकलीफ झेल रही जनता और किसान से कितने पैसे वसूले जा सकते हैं. सरकार यह सोच रही है. किसान के कृषि के सभी उपकरण डीजल से चलते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है. गन्ना किसानों का लगभग 16000 करोड़ रुपये भुगतान बकाया है. लॉकडाउन के चलते सब्जी और फल किसानों को 80 प्रतिशत और फूल किसानों को 100 प्रतिशत. इसके अलवा डेरी किसानों को 50 प्रतिशत नुकसान हुआ है.

तत्काल वापस लें कीमत
रालोद प्रवक्ता ने कहा कि इसके बावजूद लॉकडाउन में किसान अन्नदाता के रूप में देश के साथ मजबूती से खड़ा है. उन्होंने कहा कि सरकारें जनकल्याण के लिए होती हैं. इसलिए सरकार जनता के कल्याण की योजना बनाए. प्रदेश सरकार जनहित में पेट्रोल और डीजल पर की गई वृद्धि को तत्काल वापस ले.

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल ने पेट्रोल पर दो रुपए और डीजल पर एक रुपए प्रति लीटर वैट लगाने के प्रदेश सरकार के निर्णय को जनविरोधी बताया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है कि संकट के दौर में जनता को राहत दी जाती है न कि टैक्स लगा कर कष्ट दिया जाता है. सरकार को तुरंत इन बढ़ी कीमतों को वापस लेना चाहिए.

पैसे वसूलने का आरोप
रालोद प्रवक्ता ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लॉकडाउन में तकलीफ झेल रही जनता और किसान से कितने पैसे वसूले जा सकते हैं. सरकार यह सोच रही है. किसान के कृषि के सभी उपकरण डीजल से चलते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है. गन्ना किसानों का लगभग 16000 करोड़ रुपये भुगतान बकाया है. लॉकडाउन के चलते सब्जी और फल किसानों को 80 प्रतिशत और फूल किसानों को 100 प्रतिशत. इसके अलवा डेरी किसानों को 50 प्रतिशत नुकसान हुआ है.

तत्काल वापस लें कीमत
रालोद प्रवक्ता ने कहा कि इसके बावजूद लॉकडाउन में किसान अन्नदाता के रूप में देश के साथ मजबूती से खड़ा है. उन्होंने कहा कि सरकारें जनकल्याण के लिए होती हैं. इसलिए सरकार जनता के कल्याण की योजना बनाए. प्रदेश सरकार जनहित में पेट्रोल और डीजल पर की गई वृद्धि को तत्काल वापस ले.

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