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रीता बहुगुणा का घर जलाने का मामला, पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह उर्फ बब्लू के खिलाफ मुकदमा रद्द करने से इंकार

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Published : Dec 1, 2022, 10:23 PM IST

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने वर्ष 2009 में कांग्रेस पार्टी की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने (Rita Bahuguna Joshi house burning case) के अभियुक्त तत्कालीन बसपा विधायक जितेंद्र सिंह उर्फ बब्लू के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र को खारिज करने से इंकार कर दिया है. हालांकि न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त को विवेचना के दौरान बढ़ाई गई धाराओं में जेल भेजे जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह पहले से ही जमानत पर है.

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लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने वर्ष 2009 में कांग्रेस पार्टी की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने (Rita Bahuguna Joshi house burning case) के अभियुक्त तत्कालीन बसपा विधायक जितेंद्र सिंह उर्फ बब्लू के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र को खारिज करने से इंकार कर दिया है. हालांकि न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त को विवेचना के दौरान बढ़ाई गई धाराओं में जेल भेजे जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह पहले से ही जमानत पर है. न्यायालय ने अधीनस्थ अदालत को निर्देश दिया है कि यदि अभियुक्त विवेचना के दौरान बढ़ाई गई धाराओं में जमानत पत्र दाखिल करता है तो उसे रिहा कर दिया जाए.


न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट को यह भी आदेश दिया है कि मामले का विचारण एक साल में पूरा किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने जितेंद्र सिंह उर्फ बब्लू की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया. याची का कहना था इस मामले में उसे पहले गिरफ्तार किया गया था और एक महीने जेल में रहने के बाद उसे जमानत मिली थी. यह भी दलील दी गई कि रीता बहुगुणा जोशी के राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने याची के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल करते हुए आईपीसी की धाराएं 148,149 व 307 बढ़ा दीं. याची की ओर से उसके खिलाफ दाखिल आरेाप पत्र व अभियोजन का मुकदमा समाप्त करने की मांग की गई थी, हालांकि सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोप पत्र खारिज करने से इंकार कर दिया.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने वर्ष 2009 में कांग्रेस पार्टी की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने (Rita Bahuguna Joshi house burning case) के अभियुक्त तत्कालीन बसपा विधायक जितेंद्र सिंह उर्फ बब्लू के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र को खारिज करने से इंकार कर दिया है. हालांकि न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त को विवेचना के दौरान बढ़ाई गई धाराओं में जेल भेजे जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह पहले से ही जमानत पर है. न्यायालय ने अधीनस्थ अदालत को निर्देश दिया है कि यदि अभियुक्त विवेचना के दौरान बढ़ाई गई धाराओं में जमानत पत्र दाखिल करता है तो उसे रिहा कर दिया जाए.


न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट को यह भी आदेश दिया है कि मामले का विचारण एक साल में पूरा किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने जितेंद्र सिंह उर्फ बब्लू की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया. याची का कहना था इस मामले में उसे पहले गिरफ्तार किया गया था और एक महीने जेल में रहने के बाद उसे जमानत मिली थी. यह भी दलील दी गई कि रीता बहुगुणा जोशी के राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने याची के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल करते हुए आईपीसी की धाराएं 148,149 व 307 बढ़ा दीं. याची की ओर से उसके खिलाफ दाखिल आरेाप पत्र व अभियोजन का मुकदमा समाप्त करने की मांग की गई थी, हालांकि सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोप पत्र खारिज करने से इंकार कर दिया.

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