लखनऊः गरीबों को सस्ते आवास देने को लेकर महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना लांच की गई थी. गरीब वर्ग के लोगों को इस योजना के अंतर्गत आवास दिए जाने का काम भी उत्तर प्रदेश में तेजी से शुरू किया गया है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि अमीरों की श्रेणी में आने वाले लोगों ने भी प्रधानमंत्री आवास योजना पाने के लिए आवेदन किया है.
98 हजार से अधिक ने किया आवेदन
उत्तर प्रदेश में 98 हजार से अधिक ऐसे लोगों के आवेदन निरस्त करने की कार्रवाई राज्य नगरीय विकास अभिकरण यानी सूडा की तरफ से की गई है. सूडा ही यूपी में शहरी गरीबों को प्रधानमंत्री आवास देने की जिम्मेदारी संभाल रहा है. भविष्य में भी इस प्रकार के आवेदन न हो और गरीबों के मकान सिर्फ गरीब वर्ग के लोगों को ही मिल सकें. इसको लेकर और अधिक मॉनिटरिंग करने के भी दिशा निर्देश दिए गए हैं.
सूडा के निदेशक ने लिया संज्ञान
अमीरों की इस साजिश का पर्दाफाश तब हुआ जब राज्य नगरीय विकास अभिकरण यानी सूडा के निदेशक उमेश प्रताप सिंह के संज्ञान में यह मामला आया. उन्होंने इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वाले लोगों के यहां मौके पर टीम भेजकर जांच कराई. जांच में बड़े पैमाने पर इस प्रकार के मामले सामने आए हैं.
निरस्त हुए आवेदन
योजना के निर्देशों के अनुसार वो व्यक्ति इसके पात्र नहीं माने जाएंगे जिनके पास कार, दुकान, घर या फिर अन्य तरह की संपत्ति है. बावजूद इसके लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना में आवेदन कर रखा है. जब इसकी जांच की गई तो प्रदेश भर में 98 हजार से अधिक लोग सामने आए हैं. अब इन सभी के आवेदन निरस्त करने की कार्रवाई की गई है.
सावधानी और मॉनिटरिंग करने के सख्त निर्देश
राज्य नगरीय विकास अभिकरण के निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि भविष्य में इस प्रकार से लोग आवेदन न कर सकें. उसको लेकर भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. इस योजना को धरातल तक ले जाने को लेकर विशेष सावधानी बरतने के दिशा निर्देश सभी अधिकारियों को दिए गए हैं. सूडा निदेशक उमेश प्रताप सिंह की तरफ से इस योजना से जुड़े सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश भेजकर बेहतर ढंग से मॉनिटरिंग और सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं.