लखनऊः उत्तर प्रदेश कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला किया है. यूपी सरकार ने हाईकोर्ट से रिटायर्ड जज बाल कृष्णा नारायण को उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग (Uttar Pradesh Human Rights Commission) का चेयरमैन नियुक्त किया है. अपर मुख्त सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक, बाल कृष्णा नारायण पदभार संभालने के बाद से अगले 3 वर्ष तक चेयरमैन के पद रहेंगे.
27 जुलाई 1958 को जन्मे रिटायर्ड जस्टिस बाल कृष्णा नारायण ने लॉ की पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 1983 में पूरी की. उन्होंने वकालत के लिए यूपी बार में रजिस्ट्रेशन करवाया. लंबे समय तक सिविल रेवेन्यू और क्रिमिनल की वकालत करने के बाद उनका चयन हाईकोर्ट के जज के रूप में हुआ. 5 मई 2008 को हाईकोर्ट की जज के तौर पर उन्होंने शपथ ली. जुलाई 2020 को वह हाईकोर्ट के जज से रिटायर हुए.
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आरुषि हत्याकांड का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था
देश के सबसे चर्चित मुकदमों में से एक आरुषि हत्याकांड का फैसला सुनाने वाले जस्टिस बाल कृष्णा नारायण 26 जुलाई 2020 को सेवानिवृत्त हुए. जस्टिस बाल कृष्णा नारायण ने आरुषि केस में फैसला सुनाते हुए आरुषि के माता-पिता तलवार दंपत्ति की रिहाई का आदेश दिया था.