लखनऊ : जबरिया रिटायर्ड आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर अपने घर पर हाथ को बांध और मुंह में काली पट्टी लगा कर बैठ गए हैं. उन्होंने एक पंपलेट गले में लटका लिया है, जिसमें लिखा था "बंधे हाथ खाकी पर खादी हावी". यह इसलिए हुआ क्योंकि अमिताभ ठाकुर कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक द्वारा पुलिसकर्मी को पीटा गया और जब इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अमिताभ ठाकुर डीजीपी कार्यालय जाना चाह रहे थे, लेकिन लखनऊ पुलिस ने उन्हें घर से निकलने से रोक दिया.
दरअसल, जून में उन्नाव पुलिस कन्नौज में टाइगर जिम से पांच युवकों को पकड़ने के लिए गई हुई थी. इसमें एक युवक ने कन्नौज बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक को कॉल कर दी. सुब्रत ने दबिश देने गए पुलिस सब इंस्पेक्टर को उन युवकों को छोड़ने के लिए कहा और ऐसा न करने पर बुरा अंजाम भुगते की धमकी दे डाली. बताया जाता है कि पुलिसकर्मी उसके बाद भी पांचों युवकों को पुलिस चौकी मंडी समिति ले गए. जहां सुब्रत पाठक भी पहुंचे और पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी. सब इंस्पेक्टर हाकिम सिंह ने सांसद सुब्रत पाठक के खिलाफ कन्नौज कोतवाली में धारा 147, 148, 332, 353, 504, 506, 427, 225, अपराध कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया था. बावजूद इसके सुब्रत पाठक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया.
इसी को लेकर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गुरुवार को डीजीपी कार्यालय जाकर अपना विरोध प्रकट करने जाने वाले थे. अमिताभ का आरोप है कि सुबह से ही उनके घर पर भारी संख्या में पुलिस पहुंची गई और उन्हें घर से निकलने नहीं दिया गया. इसके चलते वह घर पर ही पुलिस की निष्क्रिय कार्यप्रणाली के खिलाफ अपने हाथ पैर व मुंह पर पट्टी बांधकर अपने घर पर ही धरने पर बैठ गए.