लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन पद पर सेवानिवृत्त आईएएस अरविंद कुमार की तैनाती कर दी गई है. अरविंद कुमार हाल ही में सेवानिवृत्त हुए थे. ब्यूरोक्रेसी में अरविंद कुमार को एक ईमानदार अधिकारी के तौर पर जाना जाता है. माना जा रहा है कि उनके नियामक आयोग का चेयरमैन बनने से अब उपभोक्ताओं के हित में फैसले हो सकेंगे.
अरविंद कुमार को सेवानिवृत्त होने के बाद नियामक आयोग के चेयरमैन जैसे महत्वपूर्ण पद का दायित्व सौंपा गया है, इससे पहले भी वह ऊर्जा विभाग में अपर प्रमुख सचिव रह चुके हैं. जिस समय पर वह ऊर्जा विभाग में अपर मुख्य सचिव थे, उसी समय पावर कारपोरेशन में कर्मचारियों के जीपीएफ का मुद्दा तेजी से उठा था. इस दौरान पावर कारपोरेशन के पूर्व एमडी रहे एपी मिश्रा को जेल भी भेजा गया था. इसके अलावा अन्य दो अधिकारियों को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया गया था. रिटायर्ड आईएएस अरविंद कुमार ने प्रमुख सचिव गृह की भी जिम्मेदारी अच्छी तरह से निभाई थी. अपने सेवाकाल के दौरान जब वह सेवानिवृत्त हुए तब अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास के पद पर तैनात थे. अरविंद कुमार को औद्योगिक सेक्टर का सीएम का सलाहकार बनाया गया था. 1988 बैच के IAS अरविंद कुमार ने GIS के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 35 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आया था. सफल आयोजन के चलते ही अब एक बार फिर अरविंद कुमार को नियामक आयोग के चेयरमैन का जिम्मा सौंपा गया है. रिटायर्ड आईएएस अरविंद कुमार सिर्फ ऊर्जा ग्रह या फिर औद्योगिक विकास में नहीं रहे, बल्कि उन्होंने परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव का दायित्व भी काफी दिनों तक निभाया. इस दौरान परिवहन विभाग में कई महत्वपूर्ण फैसले भी उनकी तरफ से लिए गए थे.
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता की तरफ से इस संबंध में कहा गया है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 82 की उपधारा पांच के अधीन शक्ति का प्रयोग करके राज्यपाल ने सेवानिवृत्त आईएएस अरविंद कुमार को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसकी अधिसूचना जारी की गई है.