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लखनऊ: प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बेचने वाला टिकट दलाल गिरफ्तार

यूपी के लखनऊ में एक दलाल आरपीएफ के हत्थे चढ़ा है, जो तत्काल टिकट बनाने वाले प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की बिक्री कर रहा था. दलाल के पास से रेड, मैंगो और ब्लैक वोल्टी सॉफ्टवेयर भी बरामद किए गए हैं.

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Published : Aug 19, 2020, 7:27 PM IST

प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बेचने वाला टिकट दलाल गिरफ्तार.
प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बेचने वाला टिकट दलाल गिरफ्तार.

लखनऊ: आरपीएफ के हत्थे एक दलाल चढ़ा है. जो तत्काल टिकट बनाने वाले प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की बिक्री कर रहा था. दलाल के पास से रेड, मैंगो और ब्लैक वोल्टी सॉफ्टवेयर भी बरामद किए गए हैं. दलाल के कोलकाता, मुंबई और मालेगांव से खरीद-फरोख्त के तार जुड़े बताए जा रहे हैं. आरपीएफ के इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच अमित कुमार राय ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. इंस्पेक्टर अमित कुमार के मुताबिक पहले रेड मिर्ची सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकटों की बुकिंग होती थी.

इस तरह के कई मामले पकड़े जा चुके थे. इसके बाद दलालों ने इससे मिलते-जुलते प्रतिबंधित रेड मैंगो और ब्लैक वोल्टी बना डाले. पकड़े गए दलाल के पास से ये प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बरामद किए गए. उन्होंने बताया कि लखनऊ से पहली बार ई-टिकट के बाबत नए सॉफ्टवेयर से संबंधित सेलर गिरफ़्तार हुआ है. इसमें सुपरसेलर व 7 एजेंट सहित कुल 18 दलालों को वॉन्टेड किया गया है. इंस्पेक्टर अमित राय बताते हैं कि 15 अगस्त की रात टीम के साथ मोहिबुल्लापुर रेलवे पीआरएस से टिकट दलाल निखिल को गिरफ्तार किया गया था.

उसकी निशानदेही पर आवास विकास कालोनी हंस खेड़ा पारा निवासी सत्यम को नाका चौराहे से गिरप्तार किया गया. उसके तार मालेगांव, मुम्बई, कोलकाता के अलावा देश के कई बड़े दलालों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि रेड मैंगो और ब्लैक वोल्टी सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकट आसानी से बनाए जाते थे. इसमें यात्रियों की डिटेल पहले भरकर रख ली जाती थी. जैसे ही तत्काल आरक्षण खुलता था, बस एक क्लिक पर टिकट बुक हो जाते थे. ये सॉफ्टवेयर ओटीपी के लिए भी इंतज़ार नहीं करते, बल्कि उसे आटोमेटिक ले लेता है.

हजारों में होती थी सॉफ्टवेयर की बिक्री
उन्होंने बताया कि अभियुक्त सत्यम के पास मौजूद मोबाइल चेक किया गया तो प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर रेड मैंगो व ब्लैक वोल्टी सॉफ्टवेयर की खरीद बिक्री के साक्ष्य मिले. सुपर सेलर, सेलर व एजेंट से पैसों की लेन देन के बाबत पेटीएम, बैंक खाता संख्या का भी रिकॉर्ड मिला. इसके अलावा कोलकाता के एक दलाल से 3,05,405 रुपये के जनवरी में बने टिकट व पेमेंट का साक्ष्य भी बरामद हुआ है.

पुराने काउंटर टिकट की कई फ़ोटो मिले व ई-टिकट बनाने से संबंधित आईडी भी मिले हैं. इंस्पेक्टर अमित के अनुसार तीन तरह के सॉफ्टवेयर की बिक्री की जा रही थी. एक साथ दो यात्रियों के तत्काल टिकट बुक करने वाला सॉफ्टवेयर 3000 रुपये, तीन यात्रियों वाला 3500 और चार यात्रियों के टिकट बुकिंग वाला 4000 रुपये प्रति माह कीमत तय थी.

पॉजिटिव निकला दलाल, क्वारंटाइन हुई टीम
आरपीएफ टीम में शामिल लोगों ने बताया कि जब टिकट दलाल को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने की तैयारी थी. इससे पहले उसकी कोरोना जांच हुई तो वह पॉजिटिव निकला. इसके बाद आरपीएफ टीम को होम कोरेण्टाइन कर दिया गया.

लखनऊ: आरपीएफ के हत्थे एक दलाल चढ़ा है. जो तत्काल टिकट बनाने वाले प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की बिक्री कर रहा था. दलाल के पास से रेड, मैंगो और ब्लैक वोल्टी सॉफ्टवेयर भी बरामद किए गए हैं. दलाल के कोलकाता, मुंबई और मालेगांव से खरीद-फरोख्त के तार जुड़े बताए जा रहे हैं. आरपीएफ के इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच अमित कुमार राय ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है. इंस्पेक्टर अमित कुमार के मुताबिक पहले रेड मिर्ची सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकटों की बुकिंग होती थी.

इस तरह के कई मामले पकड़े जा चुके थे. इसके बाद दलालों ने इससे मिलते-जुलते प्रतिबंधित रेड मैंगो और ब्लैक वोल्टी बना डाले. पकड़े गए दलाल के पास से ये प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बरामद किए गए. उन्होंने बताया कि लखनऊ से पहली बार ई-टिकट के बाबत नए सॉफ्टवेयर से संबंधित सेलर गिरफ़्तार हुआ है. इसमें सुपरसेलर व 7 एजेंट सहित कुल 18 दलालों को वॉन्टेड किया गया है. इंस्पेक्टर अमित राय बताते हैं कि 15 अगस्त की रात टीम के साथ मोहिबुल्लापुर रेलवे पीआरएस से टिकट दलाल निखिल को गिरफ्तार किया गया था.

उसकी निशानदेही पर आवास विकास कालोनी हंस खेड़ा पारा निवासी सत्यम को नाका चौराहे से गिरप्तार किया गया. उसके तार मालेगांव, मुम्बई, कोलकाता के अलावा देश के कई बड़े दलालों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि रेड मैंगो और ब्लैक वोल्टी सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकट आसानी से बनाए जाते थे. इसमें यात्रियों की डिटेल पहले भरकर रख ली जाती थी. जैसे ही तत्काल आरक्षण खुलता था, बस एक क्लिक पर टिकट बुक हो जाते थे. ये सॉफ्टवेयर ओटीपी के लिए भी इंतज़ार नहीं करते, बल्कि उसे आटोमेटिक ले लेता है.

हजारों में होती थी सॉफ्टवेयर की बिक्री
उन्होंने बताया कि अभियुक्त सत्यम के पास मौजूद मोबाइल चेक किया गया तो प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर रेड मैंगो व ब्लैक वोल्टी सॉफ्टवेयर की खरीद बिक्री के साक्ष्य मिले. सुपर सेलर, सेलर व एजेंट से पैसों की लेन देन के बाबत पेटीएम, बैंक खाता संख्या का भी रिकॉर्ड मिला. इसके अलावा कोलकाता के एक दलाल से 3,05,405 रुपये के जनवरी में बने टिकट व पेमेंट का साक्ष्य भी बरामद हुआ है.

पुराने काउंटर टिकट की कई फ़ोटो मिले व ई-टिकट बनाने से संबंधित आईडी भी मिले हैं. इंस्पेक्टर अमित के अनुसार तीन तरह के सॉफ्टवेयर की बिक्री की जा रही थी. एक साथ दो यात्रियों के तत्काल टिकट बुक करने वाला सॉफ्टवेयर 3000 रुपये, तीन यात्रियों वाला 3500 और चार यात्रियों के टिकट बुकिंग वाला 4000 रुपये प्रति माह कीमत तय थी.

पॉजिटिव निकला दलाल, क्वारंटाइन हुई टीम
आरपीएफ टीम में शामिल लोगों ने बताया कि जब टिकट दलाल को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने की तैयारी थी. इससे पहले उसकी कोरोना जांच हुई तो वह पॉजिटिव निकला. इसके बाद आरपीएफ टीम को होम कोरेण्टाइन कर दिया गया.

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