लखनऊ: राजधानी के महानगर थाना क्षेत्र स्थित रहीम नगर में पीएसी की 35वीं बटालियन में अचानक सी टाइप सेकेंड बिल्डिंग के सेकेंड फ्लोर के मकान की छत भरभरा कर गिर गई. मकान की छत गिरने के दौरान आस-पास रह रहे लोगों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना कर चलती बनी. बताया गया है उस मकान में हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र यादव निवास कर रहे थे. जिस समय यह हादसा हुआ उस समय नरेंद्र यादव के घर पर कोई मौजूद नहीं था और वह भी ड्यूटी पर गए हुए थे.
मिली जानकारी के मुताबिक, 1992 बैच के सिपाही नरेंद्र यादव जो पीएसी में तैनात हैं. 2018 से वह सी टाइप सेकेंड में मकान के ऊपर तल पर निवास करते हैं. उनके द्वारा दो बार अपने जर्जर मकान की शिकायत कर चुके हैं और उन्होंने अनहोनी होने की आशंका भी जाहिर की थी. लेकिन उनकी इस शिकायती पत्र का कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया. जिसके कारण आज बड़ा हादसा होने से भी बच गया है.
बताते चलें कि पीएसी में एक बिल्डिंग की छत गिरने की सूचना मिली थी. इस सूचना पर कवरेज करने जब मीडिया कर्मी पहुंची तो गेट पर तैनात पीएसी के सिपाहियों ने उन्हें रास्ते मे ही रोक लिया. जब उन सिपाहियों से रोकने का कारण पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया है 35 बटालियन के सूबेदार ने किसी भी मीडिया कर्मी को अंदर आने के लिए मना किया हुआ है.
हादसे के बाद कई लोगों ने मकान किया खाली
हेड कांस्टेबल नरेंद्र यादव का मकान गिरने की सूचना पाते ही उनके बगल में निवास कर रहे एफ कंपनी बटालियन के एसीपी कृष्ण लाल ने अपना मकान खाली कर दिया. उनके साथ उस मकान में उनकी पत्नी कैलासा देवी, बिटिया रमाकांत, 3 साल की मिस्ती और 10 साल की कात्या निवास करते थे. वह लोग भी इस हादसे के बाद मकान को खाली कर दिया, क्योंकि उनको भी डर सताने लगा. उन्होंने बताया कि ऐसा न हो कि कल उनका मकान भी गिर जाए और किसी तरह का हादसा हो. इसलिए उससे पहले ही मकान खाली कर दिया गया.
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