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लखनऊः मरीजों को ट्रॉमा सेंटर से निजी अस्पताल रेफर करता था रेजिडेंट डॉक्टर, निलंबित

लखनऊ के केजीएमयू में एक रेजिडेंट डॉक्टर के द्वारा मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर करने का मामला सामने आया है. ट्रॉमा सेंटर के एमएस ने वीसी के निर्देश पर रेजिडेंट डॉक्टर को निलंबित कर दिया है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

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Published : Feb 10, 2020, 3:54 AM IST

केजीएमयू ट्रामा सेंटर
केजीएमयू ट्रामा सेंटर

लखनऊः किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में शनिवार रात एक रेजिडेंट डॉक्टर के द्वारा मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर करने का मामला सामने आया है. रेजिडेंट डॉक्टर मरीज को ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर न होने की बात कहकर उन्हें निजी अस्पताल भेज रहा था. मौके पर पहुंचे डॉक्टर और ट्रॉमा सेंटर के एमएस ने वीसी के निर्देश पर रेजिडेंट डॉक्टर को निलंबित कर दिया. वहीं एंबुलेंस चालक और अस्पताल कर्मी को पुलिस के हवाले कर दिया.

जानकारी देते इंस्पेक्टर चौक.

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. दीपक की ड्यूटी शनिवार की रात लगी थी, लेकिन यहां पर कैजुअल्टी में आकर डॉक्टर दीपक रोगियों को देख रहे थे. एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने के बाद वह रोगियों को निजी अस्पताल रेफर करने की बात कह देते थे. मरीजों को केजीएमयू में वेंटिलेटर खाली न होने का भी हवाला दिया जाता था.

शनिवार को कैजुअल्टी के गेट पर मरीज को देखने आए डॉक्टर दीपक पर ट्रॉमा सेंटर के पीआरओ और अन्य कर्मचारियों को शक हुआ, तो उन्होंने इसकी जानकारी चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर आरएस कुशवाहा और अन्य को दी. उन्होंने मौके पर पहुंचकर डॉ दीपक से पूछताछ की. उन्होंने खुद को एनेस्थीसिया विभाग का रेजिडेंट बताया. इस विभाग से जानकारी की पुष्टि न होकर सीसीएम विभाग के डॉक्टरों ने उनकी पहचान की. उसके बाद डॉ. दीपक गुप्ता को निलंबित कर दिया गया. डॉ. दीपक के साथ काम कर रहे निजी अस्पताल के एंबुलेंस चालक और अस्पताल के कर्मचारी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है.

पीआरओ केजीएमयू ने तीन लोगों के खिलाफ शिकायत की है. मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. दो लोग को गिरफ्तार कर लिया गया है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
-विश्वजीत सिंह, इंस्पेक्टर चौक

लखनऊः किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में शनिवार रात एक रेजिडेंट डॉक्टर के द्वारा मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर करने का मामला सामने आया है. रेजिडेंट डॉक्टर मरीज को ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर न होने की बात कहकर उन्हें निजी अस्पताल भेज रहा था. मौके पर पहुंचे डॉक्टर और ट्रॉमा सेंटर के एमएस ने वीसी के निर्देश पर रेजिडेंट डॉक्टर को निलंबित कर दिया. वहीं एंबुलेंस चालक और अस्पताल कर्मी को पुलिस के हवाले कर दिया.

जानकारी देते इंस्पेक्टर चौक.

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. दीपक की ड्यूटी शनिवार की रात लगी थी, लेकिन यहां पर कैजुअल्टी में आकर डॉक्टर दीपक रोगियों को देख रहे थे. एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने के बाद वह रोगियों को निजी अस्पताल रेफर करने की बात कह देते थे. मरीजों को केजीएमयू में वेंटिलेटर खाली न होने का भी हवाला दिया जाता था.

शनिवार को कैजुअल्टी के गेट पर मरीज को देखने आए डॉक्टर दीपक पर ट्रॉमा सेंटर के पीआरओ और अन्य कर्मचारियों को शक हुआ, तो उन्होंने इसकी जानकारी चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर आरएस कुशवाहा और अन्य को दी. उन्होंने मौके पर पहुंचकर डॉ दीपक से पूछताछ की. उन्होंने खुद को एनेस्थीसिया विभाग का रेजिडेंट बताया. इस विभाग से जानकारी की पुष्टि न होकर सीसीएम विभाग के डॉक्टरों ने उनकी पहचान की. उसके बाद डॉ. दीपक गुप्ता को निलंबित कर दिया गया. डॉ. दीपक के साथ काम कर रहे निजी अस्पताल के एंबुलेंस चालक और अस्पताल के कर्मचारी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है.

पीआरओ केजीएमयू ने तीन लोगों के खिलाफ शिकायत की है. मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. दो लोग को गिरफ्तार कर लिया गया है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
-विश्वजीत सिंह, इंस्पेक्टर चौक

Intro:खबर से जुड़े हुए कुछ विजुअल और पुलिस की बाइट wrap के द्वारा भेजे जा रहे हैं।


लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में बीती रात एक रेजिडेंट डॉक्टर के द्वारा मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर करने का मामला सामने आया है प्रेसिडेंट डॉक्टर मरीज को ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर न होने की बात कहकर उन्हें निजी अस्पताल भेज रहे थे मौके पर पहुंचे डॉक्टर और ड्रामा एमएस ने प्रेसिडेंट को बीसी के निर्देश पर निलंबित कर दिया वही एंबुलेंस चालक और अस्पताल कर्मी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।


Body:वीओ

किंजल चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में तैनात डॉ दीपक कि ड्यूटी शनिवार की रात लगी थी लेकिन यहां पर कैजुअल्टी में आकर डॉक्टर दीपक रोगियों को देख रहे थे एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने के बाद वह रोगियों को निजी अस्पताल रेफर करने की बात कह देते थे और केजीएमयू में वेंटिलेटर खाली नहीं है इसका हवाला भी दिया जाता था शनिवार को कैजुअल्टी के गेट पर मरीज को देखने आए डॉक्टर दीपक पर ट्रामा सेंटर के पीआरओ और अन्य कर्मचारियों को शक हुआ तो उन्होंने इसकी जानकारी चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर आर एस कुशवाहा और अन्य को दी उन्होंने मौके पर पहुंचकर डॉ दीपक से पूछताछ की उन्होंने खुद को एनेस्थीसिया विभाग का रेजिडेंट बताया। इस विभाग से इस जानकारी की पुष्टि न होकर सीसीएम विभाग के डॉक्टरों ने उनकी पहचान की। उसके बाद डॉ दीपक गुप्ता को निलंबित कर दिया गया।


Conclusion:डॉ दीपक के साथ काम कर रहे निजी अस्पताल के एंबुलेंस चालक और अस्पताल के कर्मचारी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। चौक इंस्पेक्टर विश्वजीत सिंह ने बताया कि तीनों पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।

रामांशी मिश्रा
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