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एमडीआर टीबी की नई दस दवाओं पर चल रहा शोध, मरीजों को मिलेगी राहत - रेस्पेरटरी मेडिसिन विभाग

एमजीआर टीबी की नई दस दवाओं पर शोध चल रहा है, जिससे मरीजों को राहत मिलेगी.

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दस दवाओं पर चल रहा शोध
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Published : May 28, 2022, 10:44 PM IST

लखनऊः केजीएमयू के शनिवार को रेस्पेरटरी मेडिसिन विभाग में टीबी एंड चेस्ट पर कार्यशाला हुई. इस दौरान टीबी का वर्तमान इलाज और शोध पर मंथन हुआ. विशेषज्ञों ने कहा कि एमडीआरटीबी की दस दवाओं पर शोध चल रहा है.

पद्मश्री डॉक्टर दिगम्बर बेहरा ने कहा कि टीबी के अधूरे इलाज से एमडीआर और एक्सडीआर होता है. ऐसे में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. टीबी का इलाज कुछ दिन करने के बाद मरीजों की सेहत में सुधार शुरू हो जाता है. ऐसे में मरीज इलाज बीच में छोड़ देते हैं. उन्होंने बताया कि एमडीआर टीबी से मरीजों को निजात दिलाने के लिए केजीएमयू समेत देश के दूसरे संस्थानों में 10 नई दवाओं पर शोध चल रहा है. इन दवाओं के आने से एमडीआर टीबी का इलाज और आसान हो जायेगा.

एमडीआर, प्री एक्सडीआर और एक्सडीआर टीबी का इलाज 11 से 19 महीने तक चलता था. जिसे घटाकर छह महीने तक करने की कोशिश की जा रही है. राष्ट्रीय टीबी टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉक्टर अशोक कुमार भारद्वाज ने कहा कि पहले एमडीआर और एक्सडीआर मरीजों का इलाज इंजेक्शन से किया जाता था. करीब दो साल इंजेक्शन लगाने की जरूरत पड़ती थी. नतीजतन बहुत से मरीज बीच में इलाज छोड़ देते थे. अब भारत सरकार ने इंजेक्शन को बंद कर दिया है. अब सिर्फ गोलियां ही दी जा रही हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को विभिन्न योजनाओं को लेकर मन की बात करेंगे. इसमें लाभार्थियों से बात करेंगे. उनके अनुभव को जानेंगे. लखनऊ में प्रधानमंत्री की विभिन्न योजनाओं का लाभ हासिल कर चुके लोगों से बात कर सकते हैं. स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ हासिल कर चुके लाभार्थियों की सूची तैयार की गई है.

इसे भी पढ़ें- कानपुर के 124 मंदिरों पर मुस्लिमों का कब्जा, चल रहा होटल, स्वीट्स हाउस और अन्य दुकान

मंगलवार को सुबह करीब 10 बजे प्रधानमंत्री मन की बात के माध्यम से देश की जनता को संबोधित करेंगे. इसमें विभिन्न योजनाओं के बारे में लाभार्थियों से बात करेंगे. इसके लिए एनआईसी से लाभार्थियों को जोड़ा जायेगा. लोकभवन से लाभार्थी जुड़ेगे. लखनऊ में ब्लॉकवार लाभार्थियों की लिस्ट तैयार की गई है.

लखनऊः केजीएमयू के शनिवार को रेस्पेरटरी मेडिसिन विभाग में टीबी एंड चेस्ट पर कार्यशाला हुई. इस दौरान टीबी का वर्तमान इलाज और शोध पर मंथन हुआ. विशेषज्ञों ने कहा कि एमडीआरटीबी की दस दवाओं पर शोध चल रहा है.

पद्मश्री डॉक्टर दिगम्बर बेहरा ने कहा कि टीबी के अधूरे इलाज से एमडीआर और एक्सडीआर होता है. ऐसे में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. टीबी का इलाज कुछ दिन करने के बाद मरीजों की सेहत में सुधार शुरू हो जाता है. ऐसे में मरीज इलाज बीच में छोड़ देते हैं. उन्होंने बताया कि एमडीआर टीबी से मरीजों को निजात दिलाने के लिए केजीएमयू समेत देश के दूसरे संस्थानों में 10 नई दवाओं पर शोध चल रहा है. इन दवाओं के आने से एमडीआर टीबी का इलाज और आसान हो जायेगा.

एमडीआर, प्री एक्सडीआर और एक्सडीआर टीबी का इलाज 11 से 19 महीने तक चलता था. जिसे घटाकर छह महीने तक करने की कोशिश की जा रही है. राष्ट्रीय टीबी टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉक्टर अशोक कुमार भारद्वाज ने कहा कि पहले एमडीआर और एक्सडीआर मरीजों का इलाज इंजेक्शन से किया जाता था. करीब दो साल इंजेक्शन लगाने की जरूरत पड़ती थी. नतीजतन बहुत से मरीज बीच में इलाज छोड़ देते थे. अब भारत सरकार ने इंजेक्शन को बंद कर दिया है. अब सिर्फ गोलियां ही दी जा रही हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को विभिन्न योजनाओं को लेकर मन की बात करेंगे. इसमें लाभार्थियों से बात करेंगे. उनके अनुभव को जानेंगे. लखनऊ में प्रधानमंत्री की विभिन्न योजनाओं का लाभ हासिल कर चुके लोगों से बात कर सकते हैं. स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ हासिल कर चुके लाभार्थियों की सूची तैयार की गई है.

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मंगलवार को सुबह करीब 10 बजे प्रधानमंत्री मन की बात के माध्यम से देश की जनता को संबोधित करेंगे. इसमें विभिन्न योजनाओं के बारे में लाभार्थियों से बात करेंगे. इसके लिए एनआईसी से लाभार्थियों को जोड़ा जायेगा. लोकभवन से लाभार्थी जुड़ेगे. लखनऊ में ब्लॉकवार लाभार्थियों की लिस्ट तैयार की गई है.

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