ETV Bharat / state

लखनऊ: फूड फैक्ट्री में काम कर रहे थे बच्चे, कार्रवाई शुरू

देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान यूपी की राजधानी लखनऊ की जेपी फूड इंडिया नमक फैक्ट्री में बच्चों से काम कराया जा रहा था. जिसकी सूचना पर पुलिस और बाल कल्याण समिति की ओर से रेस्क्यू करवाया गया. जिसमे में 8 बच्चों को बाहर लाया गया, इनमें 5 लड़कियां और 3 लड़के शामिल हैं.

child welfare committee
बाल कल्याण समिति
author img

By

Published : Apr 20, 2020, 5:38 AM IST

लखनऊ: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान ऐशबाग स्थित एक फैक्ट्री में बाल श्रम करवाया जा रहा था. जिसकी सूचना पर पुलिस और बाल कल्याण समिति की ओर से रेस्क्यू करवाया गया. बाल कल्याण समिति को ऐशबाग चौकी के माध्यम से सूचना मिली कि जेपी फूड इंडिया नमक फैक्ट्री में लॉकडाउन के बावजूद बच्चों से काम करवाया जा रहा है. चाइल्डलाइन लखनऊ और बाजार खाला पुलिस ने फैक्ट्री में काम कर रहे 8 बच्चों को रेस्क्यू किया. इनमें 5 लड़कियां थी और 3 लड़के थे.

etv bharat
कारखाने में काम कर रहे बच्चों को बचाया गया
परिजनों को सौंपाचाइल्डलाइन की सदस्य डॉक्टर संगीता शर्मा ने बताया कि जब हम फैक्ट्री में बच्चों को रेस्क्यू करने पहुंचे तो हमने देखा कि फैक्ट्री में चारों ओर गंदगी थी. बच्चे बिना दस्ताने या मास्क के काम कर रहे थे और कहीं पर भी सैनिटाइजर या साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी. इन सभी बच्चों को थाना बाजार खाला लाया गया. यहां पर बाल कल्याण समिति और चाइल्डलाइन ने मिलकर बच्चों को परिजनों को दिया. 14 दिन तक बच्चे क्वारंटाइनडॉ. संगीता ने बताया कि इन बच्चों में दो लड़कियां 18 वर्ष से अधिक की थी, इसलिए उन्हें उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. बाकी बच्चों के घरवालों से एक बांड भरवाया गया है कि वह 14 दिनों तक अपने बच्चों को घर में क्वारंटाइन रखेंगे और उसके बाद उनकी जांच करवाई जाएगी.

डॉ. संगीता ने यह भी बताया कि बाल गृह में बच्चों के क्वारंटाइन की अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसी वजह से फैक्ट्री से रेस्क्यू किए गए सभी बच्चों को उनके घर पर भेजना पड़ा. रेस्क्यू किए गए बच्चों में से एक बच्चा सीतापुर का रहने वाला है. इसलिए जब बच्चे को मोहान रोड स्थित राजकीय बाल गृह बालक में भेजने की बात की गई तो वहां के अधीक्षक ने बच्चे को रहने से मना कर दिया. इसके बाद वह बच्चा अब भी चाइल्ड लाइन कार्यालय में है.


लखनऊ: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान ऐशबाग स्थित एक फैक्ट्री में बाल श्रम करवाया जा रहा था. जिसकी सूचना पर पुलिस और बाल कल्याण समिति की ओर से रेस्क्यू करवाया गया. बाल कल्याण समिति को ऐशबाग चौकी के माध्यम से सूचना मिली कि जेपी फूड इंडिया नमक फैक्ट्री में लॉकडाउन के बावजूद बच्चों से काम करवाया जा रहा है. चाइल्डलाइन लखनऊ और बाजार खाला पुलिस ने फैक्ट्री में काम कर रहे 8 बच्चों को रेस्क्यू किया. इनमें 5 लड़कियां थी और 3 लड़के थे.

etv bharat
कारखाने में काम कर रहे बच्चों को बचाया गया
परिजनों को सौंपाचाइल्डलाइन की सदस्य डॉक्टर संगीता शर्मा ने बताया कि जब हम फैक्ट्री में बच्चों को रेस्क्यू करने पहुंचे तो हमने देखा कि फैक्ट्री में चारों ओर गंदगी थी. बच्चे बिना दस्ताने या मास्क के काम कर रहे थे और कहीं पर भी सैनिटाइजर या साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी. इन सभी बच्चों को थाना बाजार खाला लाया गया. यहां पर बाल कल्याण समिति और चाइल्डलाइन ने मिलकर बच्चों को परिजनों को दिया. 14 दिन तक बच्चे क्वारंटाइनडॉ. संगीता ने बताया कि इन बच्चों में दो लड़कियां 18 वर्ष से अधिक की थी, इसलिए उन्हें उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. बाकी बच्चों के घरवालों से एक बांड भरवाया गया है कि वह 14 दिनों तक अपने बच्चों को घर में क्वारंटाइन रखेंगे और उसके बाद उनकी जांच करवाई जाएगी.

डॉ. संगीता ने यह भी बताया कि बाल गृह में बच्चों के क्वारंटाइन की अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसी वजह से फैक्ट्री से रेस्क्यू किए गए सभी बच्चों को उनके घर पर भेजना पड़ा. रेस्क्यू किए गए बच्चों में से एक बच्चा सीतापुर का रहने वाला है. इसलिए जब बच्चे को मोहान रोड स्थित राजकीय बाल गृह बालक में भेजने की बात की गई तो वहां के अधीक्षक ने बच्चे को रहने से मना कर दिया. इसके बाद वह बच्चा अब भी चाइल्ड लाइन कार्यालय में है.


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.