लखनऊ : उत्तर प्रदेश रेरा के प्रयासों से आवंटी को समय से सम्पत्ति पर कब्जा न देने पर 24 लाख रुपये ब्याज के रूप देने का आदेश पारित किया गया है. जिसके बाद प्रोमोटर मेसर्स वेव वन की गौतमबुद्ध नगर स्थित 'वेव वन' परियोजना के आवंटी सुधांशु भटनागर एवं अंयुता धीर को समय से कब्जा न देने पर ब्याज के तौर पर लगभग 13 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं. रेरा ने प्रोमोटर को आवंटी से प्राप्त होने वाली सम्पत्ति के बाकी भुगतान के लगभग 8 लाख 86 हजार रुपये का समायोजन भी ब्याज की राशि में कराया गया, जिससे आवंटी की अन्य देनदारियां समाप्त हो गई हैं.
![UP RERA की कार्रवाई.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-08-2023/19227474_rera1.jpg)
![UP RERA की कार्रवाई से आवंटी को विलम्ब अवधि के ब्याज स्वरूप मिले 24 लाख रुपये.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-08-2023/up-luc-01-rera-ordered-to-developer-to-give-interest-to-delay-of-possession-pic-up10162_09082023183843_0908f_1691586523_809.jpg)
वसूली प्रमाण पत्र जारी होने के बाद प्रोमोटर ने आवंटी के समक्ष समझौते का प्रस्ताव रखा था. जिसके तहत इकाई का कब्जा और वसूली प्रमाण पत्र की राशि देना था. आवंटी ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर लिया तथा प्रोमोटर ने इसकी एक प्रतिलिपि प्राधिकरण में जमा कर दी. लगभग सात वर्ष बाद इकाई का कब्जा तथा रुपये 24 लाख का विलम्ब अवधि का ब्याज प्राप्त होने से आवंटी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना की है. रेरा से जारी वसूली प्रमाण पत्रों के सापेक्ष दोनों पक्षों द्वारा आपसी समझौते के माध्यम से 1545 से ज्यादा मामलों में लगभग रुपये 588 करोड़ की रिफण्ड के आदेशों का समाधान करा दिया गया है.