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UP RERA की कार्रवाई से आवंटी को विलम्ब अवधि के ब्याज स्वरूप मिले 24 लाख रुपये

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Published : Aug 10, 2023, 6:36 PM IST

आवंटी को समय से सम्पत्ति पर कब्जा न देने पर 24 लाख रुपये ब्याज के रूप देने पर उत्तर प्रदेश रेरा ने दखल दिया. इसके बाद क्रेता को विक्रेता पक्ष ने ब्याज की धनराशि अदा करने के साथ अविलंब कब्जा देने का आश्वासन भी दिया.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश रेरा के प्रयासों से आवंटी को समय से सम्पत्ति पर कब्जा न देने पर 24 लाख रुपये ब्याज के रूप देने का आदेश पारित किया गया है. जिसके बाद प्रोमोटर मेसर्स वेव वन की गौतमबुद्ध नगर स्थित 'वेव वन' परियोजना के आवंटी सुधांशु भटनागर एवं अंयुता धीर को समय से कब्जा न देने पर ब्याज के तौर पर लगभग 13 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं. रेरा ने प्रोमोटर को आवंटी से प्राप्त होने वाली सम्पत्ति के बाकी भुगतान के लगभग 8 लाख 86 हजार रुपये का समायोजन भी ब्याज की राशि में कराया गया, जिससे आवंटी की अन्य देनदारियां समाप्त हो गई हैं.

UP RERA की कार्रवाई.
UP RERA की कार्रवाई.
गौतमबुद्ध नगर निवासी, आवंटी सुधांशु भटनागर एवं अंयुता धीर ने प्रोमोटर को व्यावसायिक परियोजना "वेव वन की एक इकाई जिसकी लागत लगभग रुपये 50 लाख 30 हजार है के लिए वर्ष 2012 में लगभग 44 लाख 21 हजार रुपये का भुगतान किया था. 'एग्रीमेन्ट फॉर सेल' के अनुसार आवंटी को वर्ष 2016 तक कब्जा प्राप्त होना था, लेकिन तय समय तक इकाई का कब्जा न मिलने और आवंटी ने रेरा में शिकायत दर्ज कराई. सुनवाई में पारित आदेश आवंटी के पक्ष में आया था जिसका अनुपलान समझौते के आधार पर प्रोमोटर द्वारा किया गया.
UP RERA की कार्रवाई से आवंटी को विलम्ब अवधि के ब्याज स्वरूप मिले 24 लाख रुपये.
UP RERA की कार्रवाई से आवंटी को विलम्ब अवधि के ब्याज स्वरूप मिले 24 लाख रुपये.


वसूली प्रमाण पत्र जारी होने के बाद प्रोमोटर ने आवंटी के समक्ष समझौते का प्रस्ताव रखा था. जिसके तहत इकाई का कब्जा और वसूली प्रमाण पत्र की राशि देना था. आवंटी ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर लिया तथा प्रोमोटर ने इसकी एक प्रतिलिपि प्राधिकरण में जमा कर दी. लगभग सात वर्ष बाद इकाई का कब्जा तथा रुपये 24 लाख का विलम्ब अवधि का ब्याज प्राप्त होने से आवंटी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना की है. रेरा से जारी वसूली प्रमाण पत्रों के सापेक्ष दोनों पक्षों द्वारा आपसी समझौते के माध्यम से 1545 से ज्यादा मामलों में लगभग रुपये 588 करोड़ की रिफण्ड के आदेशों का समाधान करा दिया गया है.

यह भी पढ़ें : कानपुर नगर निगम में हाउस टैक्स स्कैम करने वाला नायब मोहर्रिर बर्खास्त, अब इन अफसरों की बारी!

लखनऊ : उत्तर प्रदेश रेरा के प्रयासों से आवंटी को समय से सम्पत्ति पर कब्जा न देने पर 24 लाख रुपये ब्याज के रूप देने का आदेश पारित किया गया है. जिसके बाद प्रोमोटर मेसर्स वेव वन की गौतमबुद्ध नगर स्थित 'वेव वन' परियोजना के आवंटी सुधांशु भटनागर एवं अंयुता धीर को समय से कब्जा न देने पर ब्याज के तौर पर लगभग 13 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं. रेरा ने प्रोमोटर को आवंटी से प्राप्त होने वाली सम्पत्ति के बाकी भुगतान के लगभग 8 लाख 86 हजार रुपये का समायोजन भी ब्याज की राशि में कराया गया, जिससे आवंटी की अन्य देनदारियां समाप्त हो गई हैं.

UP RERA की कार्रवाई.
UP RERA की कार्रवाई.
गौतमबुद्ध नगर निवासी, आवंटी सुधांशु भटनागर एवं अंयुता धीर ने प्रोमोटर को व्यावसायिक परियोजना "वेव वन की एक इकाई जिसकी लागत लगभग रुपये 50 लाख 30 हजार है के लिए वर्ष 2012 में लगभग 44 लाख 21 हजार रुपये का भुगतान किया था. 'एग्रीमेन्ट फॉर सेल' के अनुसार आवंटी को वर्ष 2016 तक कब्जा प्राप्त होना था, लेकिन तय समय तक इकाई का कब्जा न मिलने और आवंटी ने रेरा में शिकायत दर्ज कराई. सुनवाई में पारित आदेश आवंटी के पक्ष में आया था जिसका अनुपलान समझौते के आधार पर प्रोमोटर द्वारा किया गया.
UP RERA की कार्रवाई से आवंटी को विलम्ब अवधि के ब्याज स्वरूप मिले 24 लाख रुपये.
UP RERA की कार्रवाई से आवंटी को विलम्ब अवधि के ब्याज स्वरूप मिले 24 लाख रुपये.


वसूली प्रमाण पत्र जारी होने के बाद प्रोमोटर ने आवंटी के समक्ष समझौते का प्रस्ताव रखा था. जिसके तहत इकाई का कब्जा और वसूली प्रमाण पत्र की राशि देना था. आवंटी ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर लिया तथा प्रोमोटर ने इसकी एक प्रतिलिपि प्राधिकरण में जमा कर दी. लगभग सात वर्ष बाद इकाई का कब्जा तथा रुपये 24 लाख का विलम्ब अवधि का ब्याज प्राप्त होने से आवंटी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना की है. रेरा से जारी वसूली प्रमाण पत्रों के सापेक्ष दोनों पक्षों द्वारा आपसी समझौते के माध्यम से 1545 से ज्यादा मामलों में लगभग रुपये 588 करोड़ की रिफण्ड के आदेशों का समाधान करा दिया गया है.

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