लखनऊ : काशी, अयोध्या, विंध्यवासिनी धाम, नैमिषारण्य की तर्ज पर अब मथुरा-वृंदावन में कॉरिडोर (Religious Tourism in UP) बनाने की तैयारी की जा रही है. विगत सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के वृंदावन स्थित बांके बिहारी के निकटवर्ती क्षेत्र में कॉरिडोर बनाने की अनुमति प्रदान कर दी. इस फैसले से करोड़ों हिंदुओं में बड़ा उत्साह देखा जा रहा है. अभी वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में बहुत कम संख्या में श्रद्धालु पहुंच पाते हैं, लेकिन कॉरिडोर बन जाने के बाद यह संख्या कई गुनी बढ़ जाएगी. शहर में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे लोगों में खुशहाली आएगी. इस निर्णय के बाद मंदिर के आसपास का अतिक्रमण हटाना भी आसान हो गया है.
धार्मिक पर्यटन और स्थलों के विकास की योजनाएं |
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कॉरिडोर में होगा 10 हजार श्रद्धालुओं के रुकने का प्रबंध : उच्च न्यायालय के फैसले के बाद लगभग पच्चीस बीघे यानी पांच एकड़ में बनने वाले कॉरिडोर में 10 हजार श्रद्धालुओं के रुकने का प्रबंध किया जाएगा. कॉरीडोर में आठ सौ वर्ग मीटर में श्री कृष्ण से जुड़े छाया चित्रों का एक गलियारा बनाया जाएगा और दूसरा 10 हजार वर्ग मीटर का ऊपरी गलियारा बनेगा, जिसमें मंदिर परिसर होगा. इसके साथ ही 11 हजार वर्ग मीटर का मंदिर का खुला परिसर होगा, जिससे श्रद्धालुओं को कोई समस्या न होने पाए. गौरतलब है कि अभी बांके बिहारी मंदिर में अधिकतम एक हजार श्रद्धालु आ पाते हैं. इसमें भी बहुत आपा-धापी रहती है. महिलाओं को इसमें बहुत कठिनाई होती है. परिसर में पहुंचने के लिए भी श्रद्धालुओं को घंटों प्रतीक्षा और धक्का-मुक्की करनी पड़ती है. कई बार यहां दम घुटने के श्रद्धालुओं की मौत भी हो चुकी है. अब इस समस्या का समाधान हो सकेगा. कॉरिडोर के निर्माण से शहर में रोज लगने वाले जान से भी मुक्ति मिल सकेगी.
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार इस गलियारे में ऐसे निर्माण भी कराए जाएंगे, जो पौराणिक और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक होंगे. इसके साथ ही अब बांके बिहारी मंदिर का मुख्य द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर यमुना जी (नदी) के ठीक सामने होगा. अभी तमाम निर्माण हो जाने के कारण मंदिर से यमुना जी की दूरी बहुत बढ़ गई है. कॉरिडोर में आने वाली दुकानों और अन्य भवनों को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा. सरकार इस योजना पर 506 करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है. महत्वपूर्ण यह है कि कॉरिडोर को आगरा एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेस वे से सीधे जोड़ा जाएगा. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस कॉरिडोर के निर्माण पर खर्च होने वाली रकम सरकार को खुद खर्च करनी होगी. अभी प्रतिदिन लगभग 50 हजार लोग श्रीकृष्ण के दर्शन करने आते हैं. छुट्टियों के दिनों में यह संख्या दो लाख से भी अधिक हो जाती है. कॉरिडोर बन जाने के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी का अनुमान है. स्वाभाविक है कि इसका सीधा लाभ शहर वासियों को ही मिलेगा, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में लोग धार्मिक पर्यटन से जुड़े हैं. पर्यटकों की संख्या बढ़ने से उनकी आय भी बढ़ेगी.
उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहीं पर्यटन की संभावनाएं, अलग-अलग क्षेत्रों में हो रहे महत्वपूर्ण काम