लखनऊ : आल इंडिया सुन्नी बोर्ड का 17वां वार्षिक जलसा इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ. जलसे का आगाज कारी तरीकुल इस्लाम ने तिलावते कलामे पाक से किया. जलसे में बोर्ड अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद मुश्ताक ने 17 साल की रिपोर्ट पेश की. जलसे को बोर्ड के मौलाना जफरुद्दीन नदवी और मौलाना मोहम्मद आदिल नदवी ने खिताब किया. जलसे में बोर्ड पदाधिकारियों व सदस्यों ने अपने सुझाव पेश किए.
जलसे को खिताब करते हुए मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि तमाम मुसलमान देश में बेहतरीन कौम की तरह जिंदगी गुजारने के लिए हर मैदान में सेवा करें. हमारी जिम्मेदारी है कि हिन्दुस्तान के संविधान ने मुसलमानों को जो अधिकार दिए हैं उनकी मालूमात हासिल कर उनसे फायदा उठाएं. वर्तमान समय की मांग अपने बच्चों और बच्चियों को इल्मे दीन सिखाना है. उन्हें हाफिज, आलिम और फाजिल के साथ ही डाॅक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस और फौजी अधिकारी बनाने की तालीम दें, जिससे वे देश और मिल्लत की अधिक से अधिक सेवा कर सकें.
बोर्ड अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद मुश्ताक ने कहा कि वर्ष 2006 में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में बोर्ड का गठन किया गया था. तब से लेकर अब तक बोर्ड देश और कौम की खिदमत कर रहा है. मौलाना खालिद रशीद ने जुलूस मदहे सहाबा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील करते हुए जुलूस के वक्त की पाबंदी करने और आपत्तिजनक नारे न लगाने की अपील की. जलसे में मौलाना सुफियान निजामी ने बोर्ड के 20 सूत्रीय उद्देश्य बयान किए. जिसमें दीन से दूर नौजवानों की इस्लाह करना, मुसलमानों को मस्जिदों से जोड़ना, बैतुलमाल की स्थापना आदि शामिल हैं. मौलाना जफरुद्दीन नदवी ने दावत, तब्लीग व इस्लाही कामों पर जोर दिया. मौलाना आदिल नदवी ने एकता और भाईचारे के संदेश को गैर मुस्लिमों तक पहुंचाने का आह्वान किया. जलसे का संचालन मोहम्मद कलीम खां ने किया. जलसे में बोर्ड पदाधिकारियों और सदस्यों ने अपने सुझाव दिए.
इस्लामी माह रबीउल अव्वल का दिखा चांद, पहली आज
मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के अध्यक्ष, ईदगाह के इमाम व शहरकाजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मुफ्ती इरफान मियां और मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने घोषणा की है कि शनिवार को इस्लामी माह रबीउल अव्वल का चांद दिख गया है. इसके मुताबिक रबीउल अव्वल महीने की पहली तारीख 17 सितंबर को होगी. इस सिलसिले में 24 सितम्बर को शिया समुदाय चुप ताजिये का जुलूस निकालेगा. इसी के साथ दो महीने आठ दिन से चल रहा कर्बला के शहीदों के गम का दौर पूरा होगा और 25 सितम्बर को ईद-ए-जहरा होगी. सुन्नी समुदाय के लोग 28 सितम्बर को पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब ( स.) की यौमे पैदाइश मनाएंगे. इस दिन अमीनाबाद झंडे वाला पार्क से जुलूस-ए-मदहे सहाबा और दरगाह हजरत शाहमीना शाह से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकालेगा.
मस्जिद ऐक मिनारा अकबरी गेट जलसों के कनवेनर क़ारी मोहम्मद सिददीक्र साहब इमाम व ख़तीब मस्जिद सुब्हानिया पाटा नाला ने बताया की क़दीम सालाना बारह रोज़ा नबी आख़िरुज़ज़मां जलसे इस साल भी पूरी शान व शौकत के साथ मरकज़ी जमीअतुल हुफ़फ़ाज़ की जानिब से हाफिज़ अब्दुल रशीद साहब सदर मरकज़ी जमीअतुल हुफ़फ़ाज़ की सदारत में मुनअक़िद होंगे. जलसों की तैयारियां शबाब पर हैं. क़ारी सिददीक्र नायब सदर मरकज़ी जमीअतुल हुफ़फ़ाज ने बताया कि इन जलसों में हज़रत मोहम्मद साहब (स0) की और हज़राते सहाबऐ किराम (रज़ि) की सीरत तबलीग़ी इसलाही और अक़ीदे की दुरुसतगी पर शहर व बैरूं शहर के मशहूर उलमाऐ किराम ख़िताब करेंगे, शोआराए किराम हमद नात व मनक़बत का मनज़ूम नज़रानऐ अक़ीदत पेश करेंगे. मदरसा आलिया फ़ुरक़ानिया के क़ारियों की तिलावते क़ुरआन पाक से जलसों का आग़ाज़ होगा.
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