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यूपी में रहने वाले वकीलों को सरकार दिल्ली आने-जाने के लिए जारी करे ई-पास: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका में कहा गया था कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए ये जरूरी है कि दिल्ली के बाहर रहने वाले वकीलों को दिल्ली में आने और जाने की अनुमति मिले, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वो यूपी में रहने वाले वकीलों को दिल्ली से आने-जाने के लिए प्रवेश की अनुमति दें.

ई-पास
यूपी में रहने वाले वकीलों को सरकार दिल्ली आने-जाने के लिए जारी करे ई-पास
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Published : May 20, 2020, 8:49 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वो यूपी में रहने वाले वकीलों को दिल्ली से आने-जाने के लिए हरियाणा की तर्ज पर ई-पास देने की सुविधा शुरू करे. जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद यूपी सरकार को कल यानि 21 मई की सुबह दस बजे तक ये सुविधा शुरू करने का निर्देश दिया.

हरियाणा सरकार ने ई-पास देने को कहा था

दरअसल, पिछले 18 मई को हाईकोर्ट को हरियाणा सरकार ने बताया था कि वो लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में वकीलों को आने-जाने की अनुमति देगा. उसके बाद कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया था कि वे भी यूपी में रहने वाले वकीलों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दें.

ई-पास को मोबाइल पर दिखाना ही पर्याप्त

सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा था कि उसने वकीलों को भी दिल्ली से आने और जाने के लिए मूवमेंट पास जारी करने का फैसला किया है. हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया था कि www.saralharyana.gov.in पर आवेदन देने के तीस मिनट के अंदर मूवमेंट पास जारी कर दिया जाएगा. उस ई-पास को मोबाइल पर दिखाना ही काफी होगा, उसके लिए प्रिंट लेना जरूरी नहीं होगा. ये मूवमेंट पास एक हफ्ते के लिए जारी किया जाएगा. उसके बाद कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा था कि आप भी यूपी में रहने वाले वकीलों के लिए ऐसी ही योजना लेकर आइए.

एनसीआर में रहते हैं बड़ी संख्या में वकील

याचिका दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दायर की थी. याचिका में मांग की गई थी कि दिल्ली के बाहर रहने वाले वकीलों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए दिशा निर्देश जारी करें. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले बड़ी संख्या में वकील नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद , गुड़गांव इत्यादि शहरों में रहते हैं.

आवास पर पुस्तकें और फाइल्स उपलब्ध नहीं होते

याचिका में कहा था कि लॉकडाउन के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के लिए वकीलों को कानून की पुस्तकों की जरुरत होती है जो उनके आवास पर उपलब्ध नहीं होती हैं. वकीलों को उनके केसों से संबंधित फाईल्स और रिकार्ड इत्यादि उनके दफ्तरों में ही हैं. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली पुलिस के कई लोग जो दिल्ली से बाहर रहते हैं उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की सुविधा दी गई है.

पहचान पत्र मांगकर प्रवेश करने की अमुमति मिले

याचिका में कहा गया था कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए ये जरुरी है कि दिल्ली के बाहर रहने वाले वकीलों को दिल्ली में आने और जाने की अनुमति मिले. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली पुलिस वकीलों से बार काउंसिल या बार एसोसिएशन का पहचान पत्र मांगकर उन्हें प्रवेश करने की अमुमति दे. याचिका में ये भी कहा गया था कि दिल्ली पुलिस को ये निर्देश दिया जाए कि वे यूपी और हरियाणा पुलिस से इस मसले पर बात करें और तत्परता दिखाएं.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वो यूपी में रहने वाले वकीलों को दिल्ली से आने-जाने के लिए हरियाणा की तर्ज पर ई-पास देने की सुविधा शुरू करे. जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद यूपी सरकार को कल यानि 21 मई की सुबह दस बजे तक ये सुविधा शुरू करने का निर्देश दिया.

हरियाणा सरकार ने ई-पास देने को कहा था

दरअसल, पिछले 18 मई को हाईकोर्ट को हरियाणा सरकार ने बताया था कि वो लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में वकीलों को आने-जाने की अनुमति देगा. उसके बाद कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया था कि वे भी यूपी में रहने वाले वकीलों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति दें.

ई-पास को मोबाइल पर दिखाना ही पर्याप्त

सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा था कि उसने वकीलों को भी दिल्ली से आने और जाने के लिए मूवमेंट पास जारी करने का फैसला किया है. हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया था कि www.saralharyana.gov.in पर आवेदन देने के तीस मिनट के अंदर मूवमेंट पास जारी कर दिया जाएगा. उस ई-पास को मोबाइल पर दिखाना ही काफी होगा, उसके लिए प्रिंट लेना जरूरी नहीं होगा. ये मूवमेंट पास एक हफ्ते के लिए जारी किया जाएगा. उसके बाद कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा था कि आप भी यूपी में रहने वाले वकीलों के लिए ऐसी ही योजना लेकर आइए.

एनसीआर में रहते हैं बड़ी संख्या में वकील

याचिका दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दायर की थी. याचिका में मांग की गई थी कि दिल्ली के बाहर रहने वाले वकीलों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए दिशा निर्देश जारी करें. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले बड़ी संख्या में वकील नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद , गुड़गांव इत्यादि शहरों में रहते हैं.

आवास पर पुस्तकें और फाइल्स उपलब्ध नहीं होते

याचिका में कहा था कि लॉकडाउन के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के लिए वकीलों को कानून की पुस्तकों की जरुरत होती है जो उनके आवास पर उपलब्ध नहीं होती हैं. वकीलों को उनके केसों से संबंधित फाईल्स और रिकार्ड इत्यादि उनके दफ्तरों में ही हैं. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली पुलिस के कई लोग जो दिल्ली से बाहर रहते हैं उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की सुविधा दी गई है.

पहचान पत्र मांगकर प्रवेश करने की अमुमति मिले

याचिका में कहा गया था कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए ये जरुरी है कि दिल्ली के बाहर रहने वाले वकीलों को दिल्ली में आने और जाने की अनुमति मिले. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली पुलिस वकीलों से बार काउंसिल या बार एसोसिएशन का पहचान पत्र मांगकर उन्हें प्रवेश करने की अमुमति दे. याचिका में ये भी कहा गया था कि दिल्ली पुलिस को ये निर्देश दिया जाए कि वे यूपी और हरियाणा पुलिस से इस मसले पर बात करें और तत्परता दिखाएं.

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