लखनऊः राजधानी में पारिवारिक विवाद की जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने एक बुजुर्ग को पीट दिया. परिजन उसे अगले दिन अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिले के बंथरा इलाके में रविवार रात का ये मामला है. वहीं पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बंथरा के खाण्डे देवगांव निवासी किसान रामचंद्र (70) के बड़े बेटे कल्लू के मुताबिक करवा चौथ वाले दिन रविवार रात काफी दिनों से बीमार चल रहे रामचंद्र ने नशे की हालत में अपनी विधवा छोटी बहू सीमा से गाली गलौज शुरू कर दी. सीमा ने समझाने की कोशिश की, लेकिन रामचंद्र नहीं माना. परेशान सीमा ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी. सूचना पाकर पहुंची पीआरवी पर तैनात सिपाहियों ने रामचंद्र को नशे में देख उसकी पिटाई कर दी.
आरोप है कि चेहरे पर सिपाहियों के थप्पड़ पड़ते ही रामचंद्र जमीन पर गिर गया. जिसके बाद सिपाही पीआरवी वाहन सहित वहां से चले गए. लेकिन पुलिस के जाने के बाद ही रामचंद की हालत बिगड़ गई. पूरी रात उसके मुंह से आवाज नहीं निकली. दूसरे दिन सोमवार सुबह उसे बेसुध पड़ा देख परिजन गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए पास के निजी अस्पताल ले गए. जहां चिकित्सकों ने रामचंद्र को मृत घोषित कर दिया. कल्लू का आरोप है कि सिपाहियों ने रामचंद्र को इतना पीटा कि उसका चेहरा सूज गया और शरीर में कई जगह गंभीर चोटें भी आ गईं. उनका कहना है कि पुलिस की पिटाई से ही रामचंद्र की मौत हुई है. उधर बंथरा इंस्पेक्टर धनंजय सिंह का कहना है कि रामचंद्र बहुत शराब पीता था. वह काफी दिनों से बीमार था. बीमारी या शराब पीने से ही उसकी मौत हुई है.
इसे भी पढ़ें- कोरोना के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने का योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, 3 लाख से अधिक मुकदमे होंगे वापस
उनका कहना है कि पुलिस पर लगाया जा रहा पिटाई का आरोप सरासर गलत है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने अंतिम संस्कार के लिए मृतक के परिजनों को 4 हजार रुपये दिए हैं. मृतक रामचंद्र के परिवार में चार बेटे कल्लू, सुरेंद्र, सुशील और मृतक छोटेलाल के अलावा दो बेटियां हैं.