लखनऊ: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिजली कटने के मामले पर गंभीरता दिखाते हुए स्वत: संज्ञान लिया है. नियामक आयोग ने सभी बिजली कंपनियों को नोटिस जारी किया है. आयोग ने इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है. आयोग ने ये भी जानकारी देने के लिए कहा है कि कितने उपभोक्ता बिजली कटने से प्रभावित हुए. कितनी देर बिजली गुल रही और इसके लिए कौन जिम्मेदार है.
नियामक आयोग ने सभी डिस्कॉम को अल्टीमेटम दिया है कि भविष्य में ऐसा किसी भी कीमत पर नहीं होना चाहिए. नियामक आयोग के सचिव संजय कुमार सिंह ने छह बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को यह नोटिस भेजा है. नोटिस में लिखा गया है कि यह घटना लाइसेंस के टर्म्स और कंडीशन का उल्लंघन है. उपभोक्ताओं को परेशानी होने के साथ ही ग्रिड फेल होने का खतरा भी हो सकता था. बिजली कंपनियों को नोटिस का जवाब 17 अगस्त तक देना है. इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003, इलेक्ट्रिसिटी रिफार्म एक्ट-1999 और यूपीईआरसी इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड-2005 का हवाला देते हुए आयोग ने लिखा है कि लाइसेंस के नियमों और आयोग के आदेशों का उल्लंघन करने पर क्यों न जुर्माना लगा दिया जाए. नियामक आयोग ने नोटिस जारी किया है कि अब विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद आयोग उस पर अमल करेगा.
एमडी मध्यांचल की अध्यक्षता में टीम गठित
प्रदेश के कई दर्जन जनपदों में बुधवार को स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिजली कटने के मामले की जांच के लिए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. सूर्यपाल गंगवार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. यूपीपीसीएल के चेयरमैन और प्रमुख सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार ने इस जांच कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी मीटर डिस्कनेक्शन होने के कारणों की जांच रिपोर्ट के साथ ही भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सुझाव देगी. कमेटी में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक (वाणिज्य) इंजीनियर एके श्रीवास्तव, निदेशक, आईआईटी कानपुर की तरफ से नामित विशेषज्ञ, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा (द्वितीय) के मुख्य अभियंता इंजीनियर एके चौधरी सदस्य होंगे. यह कमेटी अपनी जांच आख्या दो दिन के अंदर देगी.