लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसरों की लापरवाही के चलते 9 हजार आवंटियों की संपत्तियों की रजिस्ट्री नहीं हुई है. कई आवासीय योजनाओं में एलॉटमेंट के बावजूद कुछ न कुछ विवाद के चलते प्राधिकरण की तरफ से रजिस्ट्री नहीं की जा सकी, जिसके चलते आवंटियों को परेशानी से जूझना पड़ रहा है. यही नहीं, जब रजिस्ट्री नहीं हुई तो एलडीए प्रशासन का करीब एक हजार करोड़ रुपए भी बकाया है.
एलडीए की तरफ से करीब 9000 से अधिक संपत्तियों की रजिस्ट्री करना अभी बाकी है. यह मामले करीब पिछले 10 साल के हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण की अलग-अलग योजनाओं में अलॉटमेंट के बावजूद संपत्तियों में कहीं लेआउट की समस्या तो कहीं जमीन अधिग्रहण की समस्या, तो कहीं किसी अन्य प्रकार के विवाद की वजह से प्राधिकरण के स्तर पर इसे दूर नहीं किया जा सका है.
परेशान हो चुके हैं आवंटी
आवंटी लगातार एलडीए कार्यालय और अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन अधिकारी इन्हें सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन देते रहे हैं. हालत यह बने कि धीरे-धीरे बिना रजिस्ट्री वाली प्रॉपर्टी की संख्या 9000 तक पहुंच गई है. अब एलडीए के अधिकारी इन प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद को दूर कर रजिस्ट्री कराने की बात कर रहे हैं. इसके अलावा जिन लोगों ने अलॉटमेंट और सब कुछ सही होने के बावजूद रजिस्ट्री नहीं कराई और पैसा भी नहीं जमा किया ऐसे लोगों को चिन्हित कर एलॉटमेंट कैंसिल करने की प्रक्रिया भी शुरू करने की बात कही जा रही है.
विवाद दूर करके होगी रजिस्ट्री
अधिकारियों के मुताबिक 1643 प्लॉट आवंटन के बावजूद रजिस्ट्री नहीं हुई है, जबकि 7606 फ्लैट आवंटन के बावजूद रजिस्ट्री अभी भी फंसी हुई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश का कहना है कि जिन लोगों के विवादों की वजह से रजिस्ट्री नहीं हो पाई उन विवादों को दूर कर रजिस्ट्री कराई जाएगी. इसके अलावा जो लोग जानबूझकर एलॉटमेंट के बावजूद पैसा न जमा करके रजिस्ट्री नहीं करा पाए हैं, ऐसे लोगों को चिन्हित करके एलॉटमेंट कैंसिल करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.