लखनऊ : राजधानी के अस्पतालों में संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. इसको देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रदेश के अन्य जिले के अस्पताल राजधानी में अधिक केस रेफर न करें. हर जिले में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल हैं, वहीं इलाज करें. इसके बावजूद प्रदेश के अनेक जिलों से डेंगू, टाइफायड, निमोनिया के मरीजों को राजधानी के अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है.
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर आरपी सिंह (Civil Hospital CMS Dr RP Singh) ने बताया कि अस्पताल में रोजाना करीब दो हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं वहीं पुराने केस थी रोज आते हैं, लेकिन इस नए केसों में ज्यादातर केस प्रदेश के अन्य छोटे जिले से होते हैं जो परेशान होकर लखनऊ आते हैं. मौजूदा समय में वायरल फीवर से पीड़ित भारी संख्या में अस्पताल यूपी में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इस समय ज्यादातर मरीज डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और चिकनगुनिया के आ रहे हैं. अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ आनंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 300 से अधिक मरीज डेंगू मलेरिया व अन्य संचरी रोग से पीड़ित आ रहे हैं. ज्यादातर केस प्रदेश के अन्य छोटे जिलों से हैं. अस्पताल इमरजेंसी वार्ड में भी रेफर की संख्या अधिक है.
वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर आनंद कुमार श्रीवास्तव (Senior Physician Dr Anand Kumar Srivastava) ने बताया कि अस्पताल में रेफर मरीज ज्यादा आते हैं जिसकी वजह से अस्पताल में काफी है. हर मरीज को देखना भी हमारी ड्यूटी है. सही मायने में होना यह चाहिए कि प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल है. वहां पर संचारी रोग से पीड़ित मरीजों का इलाज सुनिश्चित होना चाहिए. संचारी रोग से पीड़ित मरीजों का इलाज सिर्फ इतना है कि वह समय से दवा लें, समय-समय पर उनकी जांच होती रहें और पौष्टिक आहार खाएं. अगर हर जिले के मरीजों का इलाज उन्हीं के मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में हो तो राजधानी के अस्पतालों में भी भीड़ कंट्रोल हो पाएगी.
बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ जीपी गुप्ता (Dr GP Gupta, CMS, Balrampur Hospital) ने बताया कि डेंगू वार्ड इस समय सभी फुल है. अस्पताल में रोजाना 500 से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. मरीजों की संख्या ज्यादातर फिजीशियन और चेस्ट फिजिशियन की ओपीडी में अधिक है. इस समय अस्पताल के इमरजेंसी में भी वायरल बुखार से पीड़ित गंभीर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. वहीं प्रदेश के अन्य जिलों से भी रेफर केस अधिक होने के चलते हैं अस्पताल पर अधिक लोड है.
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