ETV Bharat / state

परिवहन निगम में चार रिटायर्ड अधिकारियों की वापसी, मिली ये जिम्मेदारी - परिवहन निगम के रिटायर्ड अधिकारी

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में रिटायर्ड हो चुके अधिकारियों को सेवा में वापस बुलाया गया है. परिवहन विभाग ने हाल ही में चार रिटायर्ड अधिकारियों की वापसी कराई है.

ो
author img

By

Published : Jan 10, 2023, 9:02 AM IST

Updated : Jan 10, 2023, 12:33 PM IST

देखें पूरी खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में अधिकारियों की भारी कमी है. पिछले वर्षों की ही तरह इस साल के पहले माह में ही कई बड़े अधिकारियों की कुर्सियां खाली हो रही हैं. नई भर्ती हो नहीं रही है, जिससे अब विभाग को चलाने में भी दिक्कतें आ रही हैं. अब जब भर्ती हो ही नहीं रही है तो रिटायर्ड हो चुके अधिकारियों को ही वापस सेवा में बुलाया जा रहा है. परिवहन निगम के कई सीनियर अधिकारियों की संविदा पर वापसी हो गई है और भी अधिकारियों के नाम प्रस्तावित हैं. ऐसे में अब कहा जा सकता है कि रोडवेज से रिटायर्ड हो चुके अधिकारी विभाग चलाएंगे.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में यह चर्चा आम है कि अब धीरे-धीरे निगम निजीकरण की ओर बढ़ता जा रहा है. नए अधिकारियों की तैनाती नहीं हो रही है, नई बसें खरीदी नहीं जा रही हैं. शासनादेश हो चुका है कि अब रोडवेज में 75 फीसद बसें प्राइवेट होंगी और 25 फीसद बसें ही निगम की होंगी. आर्थिक तंगी से गुजर रहा परिवहन निगम अब नए अफसरों की भर्ती कर भारी-भरकम खर्च भी नहीं करना चाहता. लिहाजा, सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों को ही कम पैसे पर वापस बुलाकर अपना काम चला रहा है. हाल ही में चार रिटायर्ड अधिकारियों की परिवहन निगम में वापसी कराई गई है, जिन्हें अलग-अलग तरह के काम भी आवंटित कर दिए गए हैं. जो अधिकारी परिवहन निगम की नौकरी में वापस आए हैं वह आरएम और एआरएम पद से रिटायर हुए थे.

परिवहन निगम में लगभग तीन दशक तक नौकरी करने के बाद रिटायर हुए एसके बनर्जी को फिर से परिवहन निगम में नौकरी मिल गई है, हालांकि इस बार वे संविदा पर नौकरी करेंगे. बनर्जी को सलाहकार संचालन (प्रथम) पर नौकरी में रखा गया है. उनको परिवहन निगम की तरफ से जो कार्य आवंटित किए गए हैं उनमें पारस्परिक अंतरराज्जीय समझौते से संबंधित सभी कार्य, राष्ट्रीयकृत और गैर राष्ट्रीयकृत मार्गों से संबंधित विधिक कार्य, उच्च प्रबंधन की तरफ से समय-समय पर सौंपे गए अन्य कार्य. एसके बनर्जी की तरह दशकों तक परिवहन निगम में नौकरी के बाद प्रभारी जीएम के पद से सेवानिवृत्त हुए अतुल जैन को सलाहकार संचालन (द्वितीय) नियुक्त किया गया है. उन्हें बस स्टेशनों पर स्थापित फूड कैंटीन, स्टाॅल एवं दुकान संबंधी सभी कार्य, बस मार्गों पर यात्री प्लाजा से संबंधित सभी कार्य, अनुबंधित बसों से संबंधित सभी कार्य, बस स्टेशनों का नामकरण संबंधी सभी कार्य, मानव संसाधन का निस्तारण करने संबंधी कार्य, संविदा चालकों, परिचालकों से संबंधित सभी कार्य, संविदा चालकों परिचालकों से संबंधित सॉफ्टवेयर डेवलप कराना और उनसे संबंधित डेटा को संतुलित करना और पॉलिसी का निर्धारण करना, उच्च प्रबंधन की तरफ से समय-समय पर सौंपे गए अन्य कार्य. इसी तरह परिवहन निगम में सीनियर एआरएम वित्त के पद से सेवानिवृत्त हुए तारिक यूसुफ को सलाहकार (वित्त) बनाया गया है. उन्हें परिवहन निगम मुख्यालय के वित्त नियंत्रक से संबंध रहते हुए आवंटित कार्य का संपादन सौंपा गया है. इसके अलावा उच्च प्रबंधन की तरफ से समय-समय पर जो अन्य कार्य दिए जाएंगे उन्हें भी पूरा करेंगे. चौथे अधिकारी के रूप में एआरएम के पद से सेवानिवृत्त हुए नीरज श्रीवास्तव की वापसी कराई गई है उन्हें भी कई तरह के कार्य आवंटित किए जा रहे हैं. इनमें यात्रा दर्पण का संपादन करना शामिल हो सकता है.


इससे पहले उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी पूर्व आईएएस अधिकारी को संविदा पर रखा गया हो. सेवानिवृत्त आईएएस जगतराज को परिवहन निगम में कंसलटेंट के रूप में रखा गया. परिवहन निगम की तरफ से इसके एवज में उन्हें अच्छा मानदेय दिया जा रहा है, साथ ही वर्तमान अधिकारियों की तरह मिलने वाली सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. ₹96,900 मानदेय पूर्व आईएएस को दिया जा रहा है. इसके अलावा वर्तमान अधिकारियों की तरह ही सेवानिवृत्त अधिकारी को 14 अवकाश भी मिल रहे हैं. कार्यालय आने जाने के लिए वाहन की सुविधा है. अगर विभागीय कार्य से बाहर जाते हैं तो जो भी खर्च आता है वह भी परिवहन निगम की तरफ से ही होता है. पूर्व आईएएस जगतराज परिवहन निगम की विभिन्न परिसंपत्तियों और शासन प्रशासन के माध्यम से समय-समय पर क्रियान्वयन की जा रही योजनाओं और राजस्व विभाग में निगम की परिसंपत्तियों का अभिलेखों में अंकन और संबंधित वादों में प्रभावी अनुश्रवण कर रहे हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि परिवहन निगम को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए अनुभवी अधिकारियों की वापसी कराई जा रही है. संविदा पर अधिकारी वापस लाए जा रहे हैं. चार अधिकारियों को सेवा में वापस लिया गया है. इन अधिकारियों के आने से काम नहीं रुकेगा. योजनाओं को बेहतर तरीके से संचालित किया जा सकेगा.

यह भी पढ़ें : यूपी बोर्ड 2023 की परीक्षाएं 16 फरवरी से, शिक्षा राज्य मंत्री ने छात्र व छात्राओं को शुभकामनाएं

देखें पूरी खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में अधिकारियों की भारी कमी है. पिछले वर्षों की ही तरह इस साल के पहले माह में ही कई बड़े अधिकारियों की कुर्सियां खाली हो रही हैं. नई भर्ती हो नहीं रही है, जिससे अब विभाग को चलाने में भी दिक्कतें आ रही हैं. अब जब भर्ती हो ही नहीं रही है तो रिटायर्ड हो चुके अधिकारियों को ही वापस सेवा में बुलाया जा रहा है. परिवहन निगम के कई सीनियर अधिकारियों की संविदा पर वापसी हो गई है और भी अधिकारियों के नाम प्रस्तावित हैं. ऐसे में अब कहा जा सकता है कि रोडवेज से रिटायर्ड हो चुके अधिकारी विभाग चलाएंगे.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में यह चर्चा आम है कि अब धीरे-धीरे निगम निजीकरण की ओर बढ़ता जा रहा है. नए अधिकारियों की तैनाती नहीं हो रही है, नई बसें खरीदी नहीं जा रही हैं. शासनादेश हो चुका है कि अब रोडवेज में 75 फीसद बसें प्राइवेट होंगी और 25 फीसद बसें ही निगम की होंगी. आर्थिक तंगी से गुजर रहा परिवहन निगम अब नए अफसरों की भर्ती कर भारी-भरकम खर्च भी नहीं करना चाहता. लिहाजा, सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों को ही कम पैसे पर वापस बुलाकर अपना काम चला रहा है. हाल ही में चार रिटायर्ड अधिकारियों की परिवहन निगम में वापसी कराई गई है, जिन्हें अलग-अलग तरह के काम भी आवंटित कर दिए गए हैं. जो अधिकारी परिवहन निगम की नौकरी में वापस आए हैं वह आरएम और एआरएम पद से रिटायर हुए थे.

परिवहन निगम में लगभग तीन दशक तक नौकरी करने के बाद रिटायर हुए एसके बनर्जी को फिर से परिवहन निगम में नौकरी मिल गई है, हालांकि इस बार वे संविदा पर नौकरी करेंगे. बनर्जी को सलाहकार संचालन (प्रथम) पर नौकरी में रखा गया है. उनको परिवहन निगम की तरफ से जो कार्य आवंटित किए गए हैं उनमें पारस्परिक अंतरराज्जीय समझौते से संबंधित सभी कार्य, राष्ट्रीयकृत और गैर राष्ट्रीयकृत मार्गों से संबंधित विधिक कार्य, उच्च प्रबंधन की तरफ से समय-समय पर सौंपे गए अन्य कार्य. एसके बनर्जी की तरह दशकों तक परिवहन निगम में नौकरी के बाद प्रभारी जीएम के पद से सेवानिवृत्त हुए अतुल जैन को सलाहकार संचालन (द्वितीय) नियुक्त किया गया है. उन्हें बस स्टेशनों पर स्थापित फूड कैंटीन, स्टाॅल एवं दुकान संबंधी सभी कार्य, बस मार्गों पर यात्री प्लाजा से संबंधित सभी कार्य, अनुबंधित बसों से संबंधित सभी कार्य, बस स्टेशनों का नामकरण संबंधी सभी कार्य, मानव संसाधन का निस्तारण करने संबंधी कार्य, संविदा चालकों, परिचालकों से संबंधित सभी कार्य, संविदा चालकों परिचालकों से संबंधित सॉफ्टवेयर डेवलप कराना और उनसे संबंधित डेटा को संतुलित करना और पॉलिसी का निर्धारण करना, उच्च प्रबंधन की तरफ से समय-समय पर सौंपे गए अन्य कार्य. इसी तरह परिवहन निगम में सीनियर एआरएम वित्त के पद से सेवानिवृत्त हुए तारिक यूसुफ को सलाहकार (वित्त) बनाया गया है. उन्हें परिवहन निगम मुख्यालय के वित्त नियंत्रक से संबंध रहते हुए आवंटित कार्य का संपादन सौंपा गया है. इसके अलावा उच्च प्रबंधन की तरफ से समय-समय पर जो अन्य कार्य दिए जाएंगे उन्हें भी पूरा करेंगे. चौथे अधिकारी के रूप में एआरएम के पद से सेवानिवृत्त हुए नीरज श्रीवास्तव की वापसी कराई गई है उन्हें भी कई तरह के कार्य आवंटित किए जा रहे हैं. इनमें यात्रा दर्पण का संपादन करना शामिल हो सकता है.


इससे पहले उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी पूर्व आईएएस अधिकारी को संविदा पर रखा गया हो. सेवानिवृत्त आईएएस जगतराज को परिवहन निगम में कंसलटेंट के रूप में रखा गया. परिवहन निगम की तरफ से इसके एवज में उन्हें अच्छा मानदेय दिया जा रहा है, साथ ही वर्तमान अधिकारियों की तरह मिलने वाली सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. ₹96,900 मानदेय पूर्व आईएएस को दिया जा रहा है. इसके अलावा वर्तमान अधिकारियों की तरह ही सेवानिवृत्त अधिकारी को 14 अवकाश भी मिल रहे हैं. कार्यालय आने जाने के लिए वाहन की सुविधा है. अगर विभागीय कार्य से बाहर जाते हैं तो जो भी खर्च आता है वह भी परिवहन निगम की तरफ से ही होता है. पूर्व आईएएस जगतराज परिवहन निगम की विभिन्न परिसंपत्तियों और शासन प्रशासन के माध्यम से समय-समय पर क्रियान्वयन की जा रही योजनाओं और राजस्व विभाग में निगम की परिसंपत्तियों का अभिलेखों में अंकन और संबंधित वादों में प्रभावी अनुश्रवण कर रहे हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि परिवहन निगम को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए अनुभवी अधिकारियों की वापसी कराई जा रही है. संविदा पर अधिकारी वापस लाए जा रहे हैं. चार अधिकारियों को सेवा में वापस लिया गया है. इन अधिकारियों के आने से काम नहीं रुकेगा. योजनाओं को बेहतर तरीके से संचालित किया जा सकेगा.

यह भी पढ़ें : यूपी बोर्ड 2023 की परीक्षाएं 16 फरवरी से, शिक्षा राज्य मंत्री ने छात्र व छात्राओं को शुभकामनाएं

Last Updated : Jan 10, 2023, 12:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.