लखनऊ: आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी के बीच माध्यमिक शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में करीब 4000 लिपिक पदों पर भर्ती होने की तैयारी है. इसमें माध्यमिक विद्यालयों में 3 हजार व स्वास्थ्य विभाग में करीब 1 हजार लिपिकों के पद शामिल हैं.
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने करीब 1000 लोगों के भर्ती के लिए आयोग को प्रस्ताव भेजा है. वहीं योगी सरकार (Yogi government) की ओर से पहली बार आयोजित प्रारंभिक अहर्ता परीक्षा लिए जाएंगे. बीते दिनों योगी सरकार की तरफ से कैबिनेट की बैठक में भी इसको मंजूरी दे दी गई है. इसके बाद सरकार ने इस पर भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है.
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अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित पीईटी में जो अभ्यर्थी 50 फीसदी अंक हासिल करेंगे वही माध्यमिक शिक्षा विभाग के सहायता प्राप्त विद्यालयों में लिपिक भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे. पद के सापेक्ष आवेदकों की पीईटी के अंकों के आधार पर मेरिट बनेगी और एक पद के सापेक्ष 10 अभ्यर्थियों को टंकण परीक्षा में शामिल कराया जाएगा. जो अभ्यर्थी इस परीक्षा में सफल घोषित होंगे; उन्हे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा. यह इंटरव्यू कॉलेज प्रबंधक की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय चयन समिति लेगी. पीईटी के 80 और साक्षात्कार के 20 प्रतिशत अंकों के आधार पर चयन सूची बनेगी.
लंबे समय से खाली हैं ऐडेड स्कूलों में पद
उत्तर प्रदेश के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में लिपिक के पद लंबे समय से खाली पड़े हुए हैं. राजधानी लखनऊ में ही सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की स्थिति बेहद खराब हैं. कई स्कूल ऐसे हैं जहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या हजार से ज्यादा है. लेकिन 1-1 क्लर्क के सहारे काम चलाया जा रहा है.
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