कानपुर : आईआईटी कानपुर की छात्रा से यौन शोषण मामले में आरोपों से घिरे एसीपी मोहसिन खान की पीएचडी का नामांकन भी अब संस्थान ने रद्द कर दिया है. प्रशासनिक अफसरों ने इसकी पुष्टि भी कर दी है. यूपी पुलिस की ओर से जारी एनओसी को भी वापस ले लिया गया है. मोहसिन ने आईआईटी के पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था. आरोपों के बाद से ही एसीपी सुर्खियों में हैं.
आईआईटी कानपुर के प्रशासनिक अफसरों के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से एसीपी मोहसिन खान को पीएचडी करने के लिए एनओसी जारी की गई थी. इसी के आधार पर मोहसिन को प्रवेश दिया गया था. मोहसिन खान ने इसी साल जुलाई महीने से पीएचडी की शुरुआत की थी. अभी यह शुरुआती स्टेज पर ही थी. अब पंजीकरण रद्द होने के बाद वह अपना शोध कार्य पूरा नहीं कर पाएंगे.
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वहीं मामले में जांच कर रही पुलिस टीम को आईआईटी कानपुर की छात्रा ने ऐसी वीडियो क्लिप्स सौंपी है, जिनमें एसीपी मोहसिन की गतिविधियां कैद हैं. छात्रा का कहना है अगर इस मामले में पुलिस गंभीरता से जांच करेगी तो निश्चित तौर पर मोहसिन के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिल जाएंगे. वहीं आरोपी एसीपी मोहसिन लगातार इस बात का दावा कर रहे हैं वह पूरी तरीके से निर्दोष हैं. छात्रा की ओर से दर्ज कराई गए एफआईआर को झूठा बता रहे हैं.
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अब जानिए क्या है पूरा मामला : आईआईटी कानपुर में पढ़ाई कर रही छात्रा ने आरोप लगाया है कि मोहसिन ने प्यार के झूठे जाल में फंसाकर उसका रेप किया. शादीशुदा होने के बावजूद उससे यह बात छिपाई. पीड़िता ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की थी. इसके बाद कल्याणपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ. मोहसिन को लखनऊ हेडक्वार्टर से अटैच कर दिया गया. मामले की जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी गई है. छात्रा ने पुलिस को कई सबूत भी सौंपे हैं.