लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत ने कांग्रेस के साथ-साथ बसपा को भी हाशिये पर ला दिया है. इस बार के चुनाव में जमानत जब्त होने का एक ऐसा रिकार्ड बना है जो कोई भी दल दोहराना नहीं चाहेगा. पहली बार ऐसा होगा कि जब कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशियों की रिकार्ड जमानतें जब्त हुईं हैं.
इस चुनाव में कांग्रेस ने 399 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से 387 प्रत्याशियों (97%) को अपनी जमानतें गंवानी पड़ी है. दो सीटों पर तो कांग्रेस को कुल वोटिंग के 2.4% मत ही मिले हैं. गौरतलब है कि किसी भी सीट पर जमानत बचाने के लिए प्रत्याशी को कुल वोटिंग के 16.66% मत लाने जरूरी होते हैं. इतने बड़े पैमाने पर कांग्रेस के प्रत्याशियों की जमानतें इससे पहले प्रदेश में कभी जब्त नहीं हुईं. शायद यही वजह है कि इस बार कांग्रेस सिमटकर महज दो सीटों पर ही सीमित रह गई.
जमानत गंवाने में दूसरे नंबर पर नाम आता है बहुजन समाज पार्टी का. इस बार बसपा ने निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए महज एक सीट पर ही सफलता हासिल की है. बसपा का यह अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है. बसपा के 72% उम्मीदवारों की इस बार जमानतें जब्त हो गईं. बसपा ने इस बार सभी 403 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से 290 सीटों पर बसपा उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो गईं.
इन पार्टियों की जमानतें सबसे कम जब्त हुईं
बीजेपी के सबसे कम उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हुईं. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से 376 सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए थे, जिनमें से महज तीन उम्मीदवारों की ही जमानतें जब्त हुई. बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल एस और निषाद पार्टी के किसी भी उम्मीदवार की जमानत जब्त नहीं हुई.
सपा ने इस चुनाव में 347 उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से छह उम्मीदवारों को अपनी जमानत गंवानी पड़ी. सपा की सहयोगी पार्टी सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और अपना दल कमेरावादी के कुल 25 उम्मीदवारों में 8 को अपनी जमानत गंवानी पड़ी.
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