लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं. राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को खुले खत लिखे जा रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उन्हें सुझाव दिए जा रहे हैं, कमियां बताई जा रही हैं. साथ ही हार के लिए मुख्य वजह उन्हीं के निजी सचिव संदीप सिंह को माना जा रहा है. तत्काल संदीप सिंह को हटाने की मांग की जा रही है. वहीं यह भी मांग तेजी से उठ रही है कि प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भी तत्काल पद से हटाया जाए तभी पार्टी का उद्धार हो सकता है नहीं तो 2024 में भी करारी हार मिलना तय है.
यूपी विधानसभा चुनाव में जीत का ख्वाब देख रही कांग्रेस पार्टी को करारी हार मिली है. इसके बाद पार्टी के अपने ही लोग रणनीतिकारों पर सवाल उठाने लगे हैं. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठे हैं. उन्हें सलाह देने वाले लोगों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सबसे मुखर होकर प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह को तत्काल हटाए जाने की मांग की जा रही है. इसके अलावा चुनाव में खुद अपनी सीट न बचा पाए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भी तत्काल इस्तीफा देने की मांग उठ रही है. कांग्रेस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व उर्दू मीडिया संयोजक जीशान हैदर ने पार्टी की इस हालत के लिए प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह पर सवाल खड़े किए. दो दिन पहले ही उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा भी दे दिया था.
जीशान ने प्रियंका के निजी सचिव संदीप सिंह को पार्टी से बाहर करने की मांग की थी. सोशल मीडिया पर उन्होंने अपनी व्यथा लिखी. इसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया. यूपीसीसी की इस कार्रवाई पर भी जीशान हैदर ने सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने तर्क दिया कि मैं एआईसीसी का सदस्य हूं. लिहाजा, यूपीसीसी की तरफ से निष्कासन की कार्रवाई की ही नहीं जा सकती. उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी की तरफ से जीशान हैदर को छह साल के लिए निष्कासित करने के पीछे यह तर्क दिया गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व के खिलाफ सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जो गलत है, जबकि जीशान हैदर का कहना है कि राष्ट्रीय नेतृत्व पर उनकी तरफ से कोई सवाल खड़े नहीं किए गए. हां अगर प्रियंका गांधी के निजी सचिव राष्ट्रीय नेतृत्व की श्रेणी में आते हैं और यह सोच कर कार्रवाई की गई है तो यह पूरी तरह गलत है. जीशान ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है.
इसके अलावा कांग्रेस के डिजिटल मीडिया संयोजक व प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने भी सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को खुला मार्मिक पत्र भेजा है. उन्होंने लिखा कि कांग्रेसी आपके और हम जैसे लाखों कार्यकर्ताओं के लिए सिर्फ पार्टी नहीं परिवार है. आपके पिता और दादी सहित अन्य पूर्वजों ने खून से और हम जैसे कार्यकर्ताओं ने पसीने से सींचा है इसलिए अपने परिवार के प्रति, अपने नेता से अधिकार के साथ कह रहा हूं. प्रदेश में कमान सीधे अपने हाथों में लीजिए और जो जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई करिए. मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं मेरा जीवन 16 साल से पार्टी के प्रति दिन रात पूरी ऊर्जा और शिद्दत से समर्पित रहा है. अब चुनाव परिणाम सामने हैं. हम आपके नेतृत्व में पूरी ऊर्जा के साथ काम करते पार्टी और संगठन को सफलता के मुकाम पर पुनः पहुंचाएंगे, लेकिन उनका क्या जिन्होंने आपके और पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के भरोसे को तोड़ा. इस चुनाव में प्रदेश में पार्टी की यह हालत करने वालों की पारदर्शी समीक्षा हो और जो जिम्मेदार थे, जिनके ऊपर बड़ी जिम्मेदारियां थीं उन पर सख्त से सख्त अनुशासनात्मक और संगठनात्मक कार्रवाई की जाए. यह मेरा जिम्मेदार कार्यकर्ता के नाते अपनी नेता को सुझाव है.
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इसके अलावा प्रदेश भर से तमाम कांग्रेसी कार्यकर्ता आगामी 14 मार्च को दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं. कांग्रेस की जो हालत हुई है उसके लिए पार्टी नेतृत्व को बताएंगे. जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग करेंगे. बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता 14 मार्च को दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं.
शुरू हुआ इस्तीफों का दौर...
कांग्रेस पार्टी की हार के बाद अब इस्तीफों का दौर भी शुरू हो गया है. कांग्रेस पार्टी की उन्नाव के जिलाध्यक्ष आरती बाजपेई ने अपना इस्तीफा भेज दिया है. इसके अलावा जिला कांग्रेस सांस्कृतिक प्रकोष्ठ उन्नाव के जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह सागर ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
प्रदेश अध्यक्ष ने नहीं दिखाई नैतिकता, अब तक नहीं सौंपा इस्तीफा
अभी तक जब भी चुनाव हुए और पार्टी की हार हुई तो उसके बाद तत्काल प्रदेश अध्यक्षों ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा आलाकमान को सौंप दिया था. ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में पार्टी उत्तर प्रदेश में बुरी तरह चुनाव भी हारी, खुद भी वे अपनी सीट नहीं बचा पाए. बावजूद इसके अभी तक उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है. लगातार कार्यकर्ताओं की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से इस्तीफे की मांग की जा रही है. अब देखना होगा के प्रदेश अध्यक्ष नैतिकता के आधार पर कब इस्तीफा देते हैं?
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