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राजधानी में आरआरटी टीम का रियलिटी चेक

कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए आरआरटी टीम का गठन किया गया है. इस टीम की जिम्मेदारी घर-घर जाकर संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उसे उचित इलाज देना. साथ ही होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित व्यक्तियों को समय पर दवा देने की है.

आशा बहू.
आशा बहू.
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Published : May 25, 2021, 9:14 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा आरआरटी टीम का गठन किया गया है. टीम को घर-घर जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उसे उचित इलाज देना व होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित व्यक्तियों को समय पर दवा देने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं बाहर से आए हुए लोगों की भी पहचान कर उन्हें चिन्हित करना है. जिसके लिए आरआरटी टीमों के साथ निगरानी समिति के लोगों को भी लगाया गया है. किस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में यह टीम काम कर रही है देखें खास रिपोर्ट.

जानकारी देते ग्रामीण.

उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में शहरों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आरआरटी टीम गठित की गई है जो ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करेगी. साथ ही बाहर से आने वाले व्यक्तियों को भी चिन्हित किया जाएगा. जिन्हें जरूरत पड़ने पर क्वारंटाइन भी किया जाएगा.

ईटीवी भारत की टीम राजधानी के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले कई गांव पहुंची. जहां रहने वाले लोगों से आरआरटी टीम के बारे में बातचीत की तो उन्होंने कहा कि सरकार का यह बहुत ही अच्छा प्रयास है. जिससे गांव में कोरोना की रफ्तार को कम किया जा रहा है. बहुत से ऐसे लोग मिले जिन्होंने बताया कि आरआरटी टीम के द्वारा उनके घर का निरीक्षण किया गया. वहीं आसपास जो लोग संक्रमित थे. उन्हें दवाएं भी दी गई, लेकिन उसी गांव के अन्य लोगों से जब बात की गई तो उनका कहना है कि आरआरटी टीम भले ही गांव में लोगों के घर आई हो, लेकिन उनके घर तक नहीं पहुंची. सरकार के द्वारा जो यह प्रयास किया जा रहा है. उसमें इस बात को भी मॉनिटर किया जाना चाहिए कि बनाई गई आरआरटी कितना एक्टिव रहती है.

आरआरटी टीम की आशा बहू ने बताया कि 1 दिन में लगभग 40 घरों को जांच करने का उनका टारगेट होता है. वहीं यह जांच लोगों से बातचीत के आधार पर की जाती है. फिलहाल अब तक उन्हें शेरपुर गांव में कोई संदिग्ध व्यक्ति नहीं मिला है.

वहीं इस बारे में मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. ज्योति कामले ने बताया कि पूरे मोहनलालगंज क्षेत्र में 212 आरआरटी सर्वे टीम बनाई गई है. जो घर-घर जाकर संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें सूचित करती हैं. जिसके बाद मेडिकल आरआरटी टीम वहां पहुंच कर जांच और उपचार करती है. अगर किसी क्षेत्र में आरआरटी सर्वे की टीम नहीं पहुंच रही है और ऐसी शिकायतें आ रही हैं तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

भले ही सरकार और सरकारी अधिकारी आरआरटी टीम को बनाकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन हकीकत के आईने में तस्वीर कुछ और ही निकल कर सामने आ रही है. भले ही आरआरटी टीम गांव में पहुंच रही हो, लेकिन हर व्यक्ति तक अभी भी उसकी पहुंच नहीं हो पाई है. अब ऐसे में एक बड़ा सवाल है कि कैसे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जाएगा और संक्रमित व्यक्तियों की जल्द पहचान हो सकेगी.

इसे भी पढ़ें- ग्राम प्रधान-पंचायत सदस्य आज व कल लेंगे शपथ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा आरआरटी टीम का गठन किया गया है. टीम को घर-घर जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उसे उचित इलाज देना व होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमित व्यक्तियों को समय पर दवा देने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं बाहर से आए हुए लोगों की भी पहचान कर उन्हें चिन्हित करना है. जिसके लिए आरआरटी टीमों के साथ निगरानी समिति के लोगों को भी लगाया गया है. किस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में यह टीम काम कर रही है देखें खास रिपोर्ट.

जानकारी देते ग्रामीण.

उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में शहरों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आरआरटी टीम गठित की गई है जो ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करेगी. साथ ही बाहर से आने वाले व्यक्तियों को भी चिन्हित किया जाएगा. जिन्हें जरूरत पड़ने पर क्वारंटाइन भी किया जाएगा.

ईटीवी भारत की टीम राजधानी के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले कई गांव पहुंची. जहां रहने वाले लोगों से आरआरटी टीम के बारे में बातचीत की तो उन्होंने कहा कि सरकार का यह बहुत ही अच्छा प्रयास है. जिससे गांव में कोरोना की रफ्तार को कम किया जा रहा है. बहुत से ऐसे लोग मिले जिन्होंने बताया कि आरआरटी टीम के द्वारा उनके घर का निरीक्षण किया गया. वहीं आसपास जो लोग संक्रमित थे. उन्हें दवाएं भी दी गई, लेकिन उसी गांव के अन्य लोगों से जब बात की गई तो उनका कहना है कि आरआरटी टीम भले ही गांव में लोगों के घर आई हो, लेकिन उनके घर तक नहीं पहुंची. सरकार के द्वारा जो यह प्रयास किया जा रहा है. उसमें इस बात को भी मॉनिटर किया जाना चाहिए कि बनाई गई आरआरटी कितना एक्टिव रहती है.

आरआरटी टीम की आशा बहू ने बताया कि 1 दिन में लगभग 40 घरों को जांच करने का उनका टारगेट होता है. वहीं यह जांच लोगों से बातचीत के आधार पर की जाती है. फिलहाल अब तक उन्हें शेरपुर गांव में कोई संदिग्ध व्यक्ति नहीं मिला है.

वहीं इस बारे में मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. ज्योति कामले ने बताया कि पूरे मोहनलालगंज क्षेत्र में 212 आरआरटी सर्वे टीम बनाई गई है. जो घर-घर जाकर संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें सूचित करती हैं. जिसके बाद मेडिकल आरआरटी टीम वहां पहुंच कर जांच और उपचार करती है. अगर किसी क्षेत्र में आरआरटी सर्वे की टीम नहीं पहुंच रही है और ऐसी शिकायतें आ रही हैं तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

भले ही सरकार और सरकारी अधिकारी आरआरटी टीम को बनाकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन हकीकत के आईने में तस्वीर कुछ और ही निकल कर सामने आ रही है. भले ही आरआरटी टीम गांव में पहुंच रही हो, लेकिन हर व्यक्ति तक अभी भी उसकी पहुंच नहीं हो पाई है. अब ऐसे में एक बड़ा सवाल है कि कैसे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जाएगा और संक्रमित व्यक्तियों की जल्द पहचान हो सकेगी.

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